ETV Bharat / bharat

असम समझौते की धारा छह पर समिति अगले माह तक केंद्र को सौंपेगी रिपोर्ट - वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरुआ

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बीच एक 12 ससदस्यीय समिति असम समझौते की धारा छह पर केंद्र सरकार को अगले माह तक रिपोर्ट सौंप सकती है.  बता दें कि इस धारा में असमिया लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान और विरासत की रक्षा और संरक्षण आदि की बात की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

Assam Accord committee
असम के वरिष्ठ पत्रकार, कल्याण बरुआ
author img

By

Published : Dec 23, 2019, 11:52 PM IST

नई दिल्ली : असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन हुआ. इसको लेकर असम समझौते की धारा छह पर 12 सदस्यीय समिति अगले एक महीने में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप सकती है.

सरकार के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि नॉर्थ ब्लाक ने समिति के सदस्यों से जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा है. CAA के खिलाफ आंदोलन कर रहे, विशेष रूप से ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) के नेताओं ने सरकार से असम समझौते की धारा छह को बिना किसी देरी के लागू करने के लिए कहा है.

ऐतिहासिक असम समझौते की धारा छह में असमिया लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान और विरासत की रक्षा और संरक्षण के साथ-साथ संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा प्रदान करने के बारे में बात की गई है.

वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरुआ से बातचीत

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा है कि एक बार समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दे, सरकार धारा छह को लागू करने के लिए तैयार है.

गृह मंत्रालय ने जुलाई में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिपल्ब कुमार सरमा की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय समिति का पुनर्गठन किया और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है. अक्टूबर और नवंबर के महीने में, समिति ने विभिन्न संगठनों, असम के छात्र निकायों के साथ कई बैठकें की थी.

CAA विरोधी आंदोलनकारीयों को लगता है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम असम के लोगों की संस्कृति, पहचान और राजनीतिक अधिकारों को नष्ट कर सकता है इसलिए CAA विरोधी आंदोलनकारी असम समझौते की धारा छह को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

इस मुद्दे पर बात करते हुए, असम के वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरुआ ने कहा कि धारा छह असम समझौते की महत्वपूर्ण धारा में से एक है.

पढ़ें-असम : CM बोले- हमारी भाषा, पहचान को कोई खतरा नहीं

बरुआ ने जानकारी देते हुए कहा कि असम समझौते की धारा पांच अवैध विदेशियों का पता लगाने और निर्वासन के बारे में बात करती है. वहीं, खंड 6 असम के लोगों की संस्कृति, परंपरा सामाजिक पहचान को संरक्षण देने के बारे में बात करता है.

दिलचस्प बात यह है कि 12 सदस्यीय समिति में शिक्षाविद, पत्रकार, सेवानिवृत्त नौकरशाह, छात्र नेता शामिल हैं.

नई दिल्ली : असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन हुआ. इसको लेकर असम समझौते की धारा छह पर 12 सदस्यीय समिति अगले एक महीने में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप सकती है.

सरकार के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि नॉर्थ ब्लाक ने समिति के सदस्यों से जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा है. CAA के खिलाफ आंदोलन कर रहे, विशेष रूप से ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) के नेताओं ने सरकार से असम समझौते की धारा छह को बिना किसी देरी के लागू करने के लिए कहा है.

ऐतिहासिक असम समझौते की धारा छह में असमिया लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान और विरासत की रक्षा और संरक्षण के साथ-साथ संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा प्रदान करने के बारे में बात की गई है.

वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरुआ से बातचीत

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा है कि एक बार समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दे, सरकार धारा छह को लागू करने के लिए तैयार है.

गृह मंत्रालय ने जुलाई में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिपल्ब कुमार सरमा की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय समिति का पुनर्गठन किया और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है. अक्टूबर और नवंबर के महीने में, समिति ने विभिन्न संगठनों, असम के छात्र निकायों के साथ कई बैठकें की थी.

CAA विरोधी आंदोलनकारीयों को लगता है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम असम के लोगों की संस्कृति, पहचान और राजनीतिक अधिकारों को नष्ट कर सकता है इसलिए CAA विरोधी आंदोलनकारी असम समझौते की धारा छह को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

इस मुद्दे पर बात करते हुए, असम के वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरुआ ने कहा कि धारा छह असम समझौते की महत्वपूर्ण धारा में से एक है.

पढ़ें-असम : CM बोले- हमारी भाषा, पहचान को कोई खतरा नहीं

बरुआ ने जानकारी देते हुए कहा कि असम समझौते की धारा पांच अवैध विदेशियों का पता लगाने और निर्वासन के बारे में बात करती है. वहीं, खंड 6 असम के लोगों की संस्कृति, परंपरा सामाजिक पहचान को संरक्षण देने के बारे में बात करता है.

दिलचस्प बात यह है कि 12 सदस्यीय समिति में शिक्षाविद, पत्रकार, सेवानिवृत्त नौकरशाह, छात्र नेता शामिल हैं.

Intro:New Delhi: Shocked over the spontaneous protest and agitation in Assam against the Citizenship Amendment Act (CAA), the 12 member committee on Clause 6 of Assam Accord is likely to submit its report to the central government in next one month.


Body:Sources in the government told ETV Bharat that the committee members have been asked by North Block to submit its report at the earliest.

In fact, the anti-CAA agitators especially leaders of All Assam Students Union (AASU) has asked the government to implement the Clause 6 of the Assam Accord without any delay.

The Clause 6 of the historic Assam Accord talks about providing constitutional, legislative and administrative safeguards as well as protect, preserve and promote the cultural, social, linguistic identity and heritage of the Assamese people.

Home Minister Amit Shah has recently said that government is ready to implement Clause 6, once the committee submit its report.

The Home Ministry in July has reconstituted the 12 member committee headed by Justice (retired) Biplab Kumar Sarma and asked to submit its report at the earliest. In the month of October and November, the committee had back to back meetings with different organisations, student bodies from Assam.


Conclusion:Anticipating that the Citizenship Amendment Act might destroy the culture, identity and political rights of the people of Assam, the anti-CAA agitators were demanding implementation of Clause 6 of Assam Accord.

Talking on the issue, senior journalist from Asssam, Kalyan Barooah said that Clause 6 is one of the crucial Clause of Assam Accord.

"While Clause 5 of the Assam Accord talks about detection and deportation of the illegal foreigners, Clause 6 talks about giving protection the culture, tradition social identity of the indeginious people of Assam," said Barooah.

Interestingly, the 12 member committee consists of academicians, journalists, retired bureaucrats, student leaders among others.

end.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.