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विवादित बयान पर नीति आयोग सदस्य की सफाई, येचुरी ने दी संविधान पढ़ने की नसीहत

कश्मीर में इंटरनेट पाबंदी को लेकर विवादास्पद बयान देने वाले नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत ने अपनी सफाई पेश करते हुए माफी मांगी है. उन्होंने इससे पहले कहा था कि कश्मीर में इंटरनेट होने से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वहां गंदी फिल्में देखने के अलावा आप कुछ भी नहीं करते हैं. इस बीच सारस्वत का बयान राजनीतिक दलों को भी नागवार गुजरा है और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने तो उन्हें भारत का संविधान पढ़ने की नसीहत दे डाली है. पढे़ं पूरी खबर...

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वीके सारस्वत
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Published : Jan 19, 2020, 6:09 PM IST

Updated : Jan 19, 2020, 6:36 PM IST

नई दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत ने कश्मीर में इंटरनेट पाबंदी को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया था. लेकिन बयान को लेकर विवादों में घिरने के बाद उन्होंने सफाई पेश करते हुए कश्मीरवासियों से माफी मांगी है.

सारस्वत ने अपने सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा, 'अगर इस गलतफहमी से कश्मीर के लोगों को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं और मैं नहीं चाहता कि कश्मीर के लोगों को लगे कि मैं उनको दिए जाने वाले इंटरनेट के अधिकार के खिलाफ हूं.'

वीके सारस्वत ने दी सफाई

इसके पहले उन्होंने कहा था कि कश्मीर में इंटरनेट न होने से क्या फर्क पड़ता है? आप वहां इंटरनेट पर क्या देखते हैं? वहां क्या ई-टेलिंग हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा, आप वहां कुछ भी नहीं करते हैं.

पढ़ें-कश्मीर में इंटरनेट को लेकर नीति आयोग सदस्य का अजब बयान

इस बीच मार्क्सवावादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कश्मीर में इंटरनेट सेवा को गैरजरूरी बताने वाले नीति आयोग के सदस्य सारस्वत को देश का संविधान विस्तार से पढ़ने की नसीहत दी है.

सारस्वत ने विपक्षी दलों के नेताओं की कश्मीर जाने की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि ऐसे लोग कश्मीर में दिल्ली की सड़कों की तरह फिर से आंदोलन शुरू कराना चाहते हैं.

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सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का ट्वीट.

येचुरी ने सारस्वत के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा, 'यह व्यक्ति (सारस्वत) नीति आयोग के सदस्य हैं. उन्हें खुद को अपडेट करने के लिए भारत का संविधान पढ़ने की जरूरत है और वह प्रस्तावना से इसकी शुरुआत कर सकते हैं.'

येचुरी ने कहा कि सीएए व एनआरसी के विरोध में देश के सभी शहरों और कस्बों में आंदोलन हो रहे हैं और वह (सारस्वत) इन आंदोलनों में पढ़ी जा रही संविधान की प्रस्तावना से खुद को अवगत करा सकते हैं.

नई दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत ने कश्मीर में इंटरनेट पाबंदी को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया था. लेकिन बयान को लेकर विवादों में घिरने के बाद उन्होंने सफाई पेश करते हुए कश्मीरवासियों से माफी मांगी है.

सारस्वत ने अपने सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा, 'अगर इस गलतफहमी से कश्मीर के लोगों को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं और मैं नहीं चाहता कि कश्मीर के लोगों को लगे कि मैं उनको दिए जाने वाले इंटरनेट के अधिकार के खिलाफ हूं.'

वीके सारस्वत ने दी सफाई

इसके पहले उन्होंने कहा था कि कश्मीर में इंटरनेट न होने से क्या फर्क पड़ता है? आप वहां इंटरनेट पर क्या देखते हैं? वहां क्या ई-टेलिंग हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा, आप वहां कुछ भी नहीं करते हैं.

पढ़ें-कश्मीर में इंटरनेट को लेकर नीति आयोग सदस्य का अजब बयान

इस बीच मार्क्सवावादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कश्मीर में इंटरनेट सेवा को गैरजरूरी बताने वाले नीति आयोग के सदस्य सारस्वत को देश का संविधान विस्तार से पढ़ने की नसीहत दी है.

सारस्वत ने विपक्षी दलों के नेताओं की कश्मीर जाने की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि ऐसे लोग कश्मीर में दिल्ली की सड़कों की तरह फिर से आंदोलन शुरू कराना चाहते हैं.

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सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का ट्वीट.

येचुरी ने सारस्वत के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा, 'यह व्यक्ति (सारस्वत) नीति आयोग के सदस्य हैं. उन्हें खुद को अपडेट करने के लिए भारत का संविधान पढ़ने की जरूरत है और वह प्रस्तावना से इसकी शुरुआत कर सकते हैं.'

येचुरी ने कहा कि सीएए व एनआरसी के विरोध में देश के सभी शहरों और कस्बों में आंदोलन हो रहे हैं और वह (सारस्वत) इन आंदोलनों में पढ़ी जा रही संविधान की प्रस्तावना से खुद को अवगत करा सकते हैं.

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Last Updated : Jan 19, 2020, 6:36 PM IST
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