हैदराबाद: हैदराबाद के सातवें निजाम के करीब 3.5 करोड़ पाउंड धन को लेकर ब्रिटेन की एक अदालत के भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है. इसके एक दिन बाद उनके एक पौत्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह राशि 120 वंशजों के बीच बांटनी होगी.
सातवें निजाम नवाब मीर उस्मान अली खान बहादुर के पौत्र तथा निजाम परिवार कल्याण संघ के अध्यक्ष नवाब नजफ अली खान ने कहा कि करीब 120 परिजन हैं, जिनकी इस धन में हिस्सेदारी है. वे सब धन के बंटवारे को लेकर बातचीत करेंगे तथा फैसला करेंगे.
नजफ अली खान ने कहा कि उन्होंने मुझे पूरे अधिकार दिये हैं और मैं उनकी नुमांइदगी कर रहा हूं.
ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने 1947 में विभाजन के वक्त हैदराबाद के दिवंगत सातवें निजाम के धन को लेकर बुधवार को भारत के पक्ष में फैसला सुनाया तथा पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया.
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सत्तर साल से अधिक पुरानी कानूनी लड़ाई में ब्रिटिश अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए और हैदराबाद के आठवें निजाम प्रिंस मुकर्रम जाह और उनके छोटे भाई मुफ्फकम जाह ने नेटवेस्ट बैंक पीएलसी में पड़े साढ़े तीन करोड़ पाउंड को लेकर कानूनी लड़ाई में पाकिस्तान के खिलाफ भारत सरकार से हाथ मिला लिया था.
नजफ अली खान ने कहा कि ये दोनों अकेले धन नहीं ले सकते.
उन्होंने कहा कि प्रिंस और उनके छोटे भाई समेत परिवार के सभी सदस्य राशि बांटने को लेकर बैठकर बातचीत करेंगे.
खान ने कहा कि अगर प्रिंस और उनके भाई इस बात पर सहमत नहीं होते तो हम अदालत में जाएंगे.