ETV Bharat / bharat

कुतुब मीनार की मस्जिद पर कोर्ट में याचिका, मंदिरों को तोड़कर बनाए जाने का दावा

दिल्ली के कुतुब मीनार स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद पर कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसमें 27 मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाए जाने का दावा किया गया है. इस याचिका पर कोर्ट 24 दिसंबर को सुनवाई करेगा. पढ़ें विस्तार से...

qutub minar
qutub minar
author img

By

Published : Dec 9, 2020, 4:57 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 5:28 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की साकेत कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इसमें 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ कर कुतुब मीनार परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बनाने का दावा किया गया है. साकेत कोर्ट इस याचिका पर 24 दिसंबर को सुनवाई करेगा.

'कुतुबद्दीन ऐबक ने बनवाई मस्जिद'
याचिका में कहा गया है कि मामलुक या गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 27 हिंदू और जैन मंदिरों की जगह कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बना दिया. ऐबक मंदिरों को पूरे तरीके से नष्ट नहीं कर सका और मंदिरों के मलबे से ही मस्जिद का निर्माण किया गया. याचिका में कहा गया है कि कुतुब मीनार परिसर के दीवारों, खंभों और छतों पर हिंदू औज जैन देवताओं के चित्र बने हुए हैं.

इन पर भगवान गणेश, विष्णु, यक्ष, यक्षिणी, द्वारपाल, भगवान पार्श्वनाथ, भगवान महावीर, नटराज के चित्रों के अलावा मंगल कलश, शंख, गदा, कमल, श्रीयंत्र, मंदिरों के घंटे इत्यादि के चिह्न मौजूद हैं. ये सभी बताते हैं कि कुतुब मीनार परिसर हिंदू और जैन मंदिर थे. याचिका में कुतुब मीनार को ध्रुव स्तंभ बताया गया है.

27 मंदिरों को पुनर्स्थापित करने की मांग
याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के उस संक्षिप्त इतिहास का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 27 मंदिरों को गिराकर उनके ही मलबे से कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण किया गया. याचिका में मांग की गई है कि इन 27 मंदिरों क पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया जाए और कुतुब मीनार परिसर में हिंदू रीति-रिवाज से पूजा करने की इजाजत दी जाए.

पढ़ें :- पाकिस्तान में मिला 1,300 साल पुराना भगवान विष्णु का मंदिर

देखरेख के लिए ट्रस्ट गठित करने की मांग
बता दें कि इस विवादित स्थान को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महत्व का मकबरा घोषित किया था. इस मकबरे की देखरेख एएसआई करती है. एएसआई एंशिएंट मॉनूमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साइट्स एंड रिमेंस एक्ट के प्रावधानों के तहत इस मकबरे की देखभाल और संरक्षण का काम करती है. याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट का गठन कर इस स्थान का प्रबंधन उसे सौंपने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए.

नई दिल्ली : दिल्ली की साकेत कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इसमें 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ कर कुतुब मीनार परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बनाने का दावा किया गया है. साकेत कोर्ट इस याचिका पर 24 दिसंबर को सुनवाई करेगा.

'कुतुबद्दीन ऐबक ने बनवाई मस्जिद'
याचिका में कहा गया है कि मामलुक या गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 27 हिंदू और जैन मंदिरों की जगह कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बना दिया. ऐबक मंदिरों को पूरे तरीके से नष्ट नहीं कर सका और मंदिरों के मलबे से ही मस्जिद का निर्माण किया गया. याचिका में कहा गया है कि कुतुब मीनार परिसर के दीवारों, खंभों और छतों पर हिंदू औज जैन देवताओं के चित्र बने हुए हैं.

इन पर भगवान गणेश, विष्णु, यक्ष, यक्षिणी, द्वारपाल, भगवान पार्श्वनाथ, भगवान महावीर, नटराज के चित्रों के अलावा मंगल कलश, शंख, गदा, कमल, श्रीयंत्र, मंदिरों के घंटे इत्यादि के चिह्न मौजूद हैं. ये सभी बताते हैं कि कुतुब मीनार परिसर हिंदू और जैन मंदिर थे. याचिका में कुतुब मीनार को ध्रुव स्तंभ बताया गया है.

27 मंदिरों को पुनर्स्थापित करने की मांग
याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के उस संक्षिप्त इतिहास का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 27 मंदिरों को गिराकर उनके ही मलबे से कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण किया गया. याचिका में मांग की गई है कि इन 27 मंदिरों क पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया जाए और कुतुब मीनार परिसर में हिंदू रीति-रिवाज से पूजा करने की इजाजत दी जाए.

पढ़ें :- पाकिस्तान में मिला 1,300 साल पुराना भगवान विष्णु का मंदिर

देखरेख के लिए ट्रस्ट गठित करने की मांग
बता दें कि इस विवादित स्थान को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महत्व का मकबरा घोषित किया था. इस मकबरे की देखरेख एएसआई करती है. एएसआई एंशिएंट मॉनूमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साइट्स एंड रिमेंस एक्ट के प्रावधानों के तहत इस मकबरे की देखभाल और संरक्षण का काम करती है. याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट का गठन कर इस स्थान का प्रबंधन उसे सौंपने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए.

Last Updated : Dec 9, 2020, 5:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.