अलीगढ़ : अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर राजकीय विश्वविद्यालय बनाने की कवायद शुरू हो गई है, लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को दी गई जमीन की लीज अवधि पूरी होने के बाद भी वायदे पूरे नहीं किए गए. राजा महेन्द्र प्रताप ने एएमयू को स्कूल के लिए जमीन लीज पर दी थी. एएमयू प्रशासन ने सिटी हाई स्कूल का नाम राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर रखे जाने का एलान किया था, लेकिन पिछले चार महीने से एएमयू प्रशासन बेसुध है.
सिटी हाई स्कूल का नाम बदलने का कुलपति डॉ तारिक मंसूर कोई निर्णय नहीं ले सके हैं. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर राजकीय विश्वविद्यालय निर्माण के काम में तेजी आई है. एएमयू के करीब ही राजा के नाम का भव्य गेट खड़ा कर दिया गया है. गेट को भगवा रंग से रंगा गया है.
स्वतंत्रता सेनानी थे राजा महेन्द्र प्रताप
राजा महेंद्र प्रताप का एएमयू में काफी सम्मान रहा है. उन्हें एएमयू ने सन 1977 के वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया था. राजा महेंद्र प्रताप स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने अफगानिस्तान में निर्वासित भारतीय सरकार का गठन किया था. स्वदेशी आंदोलन में भी शामिल रहे. आजादी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को हराकर सांसद भी बने थे. राजा महेंद्र प्रताप ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को लीज पर जमीन दी थी. वे खुद एमएओ कॉलेज के छात्र थे.
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राजा के तालीम लेने पर एएमयू को गर्व
एएमयू के जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज राहत अबरार बताते हैं कि राजा महेंद्र प्रताप एमएओ कॉलेज के छात्र रहे थे, विश्वविद्यालय को इस बात का गर्व है. राहत अबरार ने बताया कि एएमयू के सिटी हाई स्कूल का नाम बदलने के लिए एक कमेटी बनाई गई है. इसमें कुलपति भी शामिल हैं और यह मामला एग्जीक्यूटिव काउंसिल में रखा गया है. बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि अगर सिटी हाई स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर होता है. तो यह फक्र की बात होगी. लेकिन फैसला कमेटी को लेना है. हालांकि चार महीने का एक लंबा इंतजार के बाद भी अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.वहीं जिला भाजपा प्रवक्ता निशित शर्मा ने कहा कि एएमयू के कुलपति का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है. उन्होंने कहा कि कुलपति डॉ तारिक मंसूर की शिकायत केंद्रीय शिक्षा मंत्री से की जाएगी.