गया : कोरोना वायरस की महामारी से बचाव के लिए देशभर में लॉक डाउनलागू कर है. इस कारण विदेशी पर्यटक भी भारत मे फंसे हैं. इसी क्रम में भारत के बौद्ध सर्किट के दर्शन के लिए आए म्यांमार के 281 बौद्ध श्रद्धालु फंसे हुए थे. गया एयरपोर्ट पर उन सभी की मेडिकल जांच कराई गई और म्यांमार एयरवेज इंटरनेशनल की दो विशेष विमानों से उन्हें म्यांमार भेज दिया गया.
भारत में लॉकडाउन की वजह से बौद्ध सर्किट का भ्रमण करने आए बोधगया, राजगीर, नालंदा, बनारस, कुशीनगर और अन्य बौद्ध स्थलों पर श्रद्धालु फंसे हुए थे. भारत सरकार की विशेष अनुमति के बाद 281 बौद्ध भंते को विशेष विमान से म्यांमार भेजा गया. इन श्रद्धालुओं को रवाना करने के लिए गया एयरपोर्ट अथॉरिटी और जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली थी.
सबकी की गई थर्मल स्क्रीनिंग
गया एयरपोर्ट के एंट्री पॉइंट पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक मीटर की दूरी पर वर्गाकार चिन्ह बनाया गया था. उसी पर खड़े रहकर अंदर जाने का इंतजार करने की व्यवस्था की गई थी. जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी लोगों का थर्मल स्क्रीनिंग किया. इसके बाद उन्होंने निर्देश के अनुसार अंदर जाने की अनुमति दी गई.
विदेश मंत्रालय के आदेश पर म्यांमार भेजे गए बौद्ध भिक्षु
इस संबंध में एयरपोर्ट निदेशक दिलीप कुमार ने बताया म्यांमार सरकार के आग्रह पर भारत सरकार की विदेश मंत्रालय का अनुमति मिलने पर बिहार के बोधगया और यूपी के वाराणसी, कुशीनगर में फंसे 281 बौद्ध भिक्षुओं को दो विमान से म्यांमार भेजा जा रहा है. गया एयरपोर्ट अथॉरिटी को सूचना प्राप्त हुई कि 22 अप्रैल को दो विशेष विमान से फंसे हुए यात्री जाएंगे. हम लोग ने उसके लिए तैयारी करना शुरू कर दिया था. एक माह से बंद एयरपोर्ट में सारी सुविधाएं को चेक कर और सेनिटाइज कर उसे स्टार्ट किया गया.
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कोई भी कोरोना संदिग्ध नहीं
वहीं, इस मामले सिविल सर्जन डॉ बीके सिंह ने बताया बोधगया में जितने म्यांमार के बौद्ध फंसे थे, वे बौद्ध मठ में रह रहे थे. वहां उनकी कई बार मेडिकल जांच हुई है. कोई भी उसमें से संदिग्ध नहीं पाया गया था. गया एयरपोर्ट पर भी जिला स्वास्थ्य विभाग के दो यूनिट 281 यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कर रही है. अभी तक कोई भी कोरोना संदिग्ध नहीं मिला है.
बता दें कि बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर बौद्ध धर्मावलंबियों का तीर्थ स्थान है. यहां पूरी दुनिया के बौद्ध अनुयायी दर्शन के लिए आते हैं. लॉकडाउन में म्यांमार और थाईलैंड के बौद्ध अनुयायी फंस गए थे. इसके बाद म्यांमार के बौद्ध भिक्षुओं को भेजा गया. साथ ही 25 अप्रैल को थाईलैंड के बौद्ध भिक्षुओं और पर्यटकों को गया एयरपोर्ट से ही भेजा जाएगा.