ETV Bharat / bharat

कश्मीर मुद्दे पर पाक को चीन का समर्थन सिर्फ दिखावा : विदेश मामलों के जानकार

भारत ने जब से अनुच्छेद 370 रद्द किया है तब से लेकर पाक बौखलाया हुआ है जिस कारण वह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय करने पर तुला है. इस संबंध में ईटीवी भारत ने भारत-चीन संबंधों के विशेषज्ञ से बातचीत भी की. जानें बातचीत में उन्होंने क्या जानकारी दी...

author img

By

Published : Oct 4, 2019, 12:08 AM IST

भारत-चीन संबंधों के विशेषज्ञ

नई दिल्ली: भारत सरकार के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले के बाद से, पाकिस्तान ने इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

गौरतलब है कि अब तक, चीन एकमात्र प्रमुख महाशक्ति है जिसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के कदम का खुलकर विरोध किया है. ये सभी के बीच इमरान खान आने वाले दिनों में बीजिंग की एक और आधिकारिक यात्रा करने के लिए तैयार हैं.

इमरान-जिनपिंग की द्विपक्षीय बैठक
इस बात की संभावना जताई जा रही है कि पाकिस्तानी पीएम चीनी राष्ट्रपति जिंगपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान कश्मीर मुद्दे को उठाएंगे.

इस बैठक से उभरने वाली संभावनाओं के बारे में जानने के ईटीवी भारत ने भारत-चीन संबंध के विशेषज्ञ से मुलाकात की.

जानकारी देते भारत-चीन संबंधों के विशेषज्ञ, देखें वीडियो...

चीन पाक सांठगांठ
प्रो दीपक ने चीन-पाकिस्तान सांठगांठ को एक ग्राहक का संबंध बताया, जो कि पहले दिन भारत विरोधी भावना के साथ बना था.

उन्होंने यह दावा भी किया कि जैसा कि चीन ने वर्षों से भारत के साथ अपने द्विपक्षीय जुड़ाव को बढ़ाया है, उसने अब एक तटस्थ स्थान लिया है.

पढ़ेंः आने वाले 10 सालों में देश का सबसे विकसित राज्य होगा जम्मू कश्मीर : अमित शाह

चीन का समर्थन पूरे दिल से नहीं
उन्होंने कहा, अब भी चीन एकमात्र देश है, जिसने जिसने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किया है. लेकिन यह पूरे दिल से समर्थन नहीं था. यह सिर्फ पाकिस्तान को खुश करने के लिए था.

चीन भारत के साथ संबंध जारी रखना चाहता है
यही नहीं, उन्होंने यह भी दावा किया कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों को जारी रखना चाहता है क्योंकि उसका घरेलू परिदृश्य जिसमें हांगकांग में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन, उलीगर प्रांत में मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार और कई अन्य चीजें शामिल हैं.

नवंबर 2018 में अपने कार्यालय का कार्यभार संभालने के बाद से इमरान खान की यह तीसरी चीन यात्रा होगी. उनकी पिछली बीजिंग यात्रा अप्रैल में थी जब वह दूसरी बेल्ट और रोड फॉरम में हिस्सा लेने के लिए वहां गए थे.

नई दिल्ली: भारत सरकार के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले के बाद से, पाकिस्तान ने इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

गौरतलब है कि अब तक, चीन एकमात्र प्रमुख महाशक्ति है जिसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के कदम का खुलकर विरोध किया है. ये सभी के बीच इमरान खान आने वाले दिनों में बीजिंग की एक और आधिकारिक यात्रा करने के लिए तैयार हैं.

इमरान-जिनपिंग की द्विपक्षीय बैठक
इस बात की संभावना जताई जा रही है कि पाकिस्तानी पीएम चीनी राष्ट्रपति जिंगपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान कश्मीर मुद्दे को उठाएंगे.

इस बैठक से उभरने वाली संभावनाओं के बारे में जानने के ईटीवी भारत ने भारत-चीन संबंध के विशेषज्ञ से मुलाकात की.

जानकारी देते भारत-चीन संबंधों के विशेषज्ञ, देखें वीडियो...

चीन पाक सांठगांठ
प्रो दीपक ने चीन-पाकिस्तान सांठगांठ को एक ग्राहक का संबंध बताया, जो कि पहले दिन भारत विरोधी भावना के साथ बना था.

उन्होंने यह दावा भी किया कि जैसा कि चीन ने वर्षों से भारत के साथ अपने द्विपक्षीय जुड़ाव को बढ़ाया है, उसने अब एक तटस्थ स्थान लिया है.

पढ़ेंः आने वाले 10 सालों में देश का सबसे विकसित राज्य होगा जम्मू कश्मीर : अमित शाह

चीन का समर्थन पूरे दिल से नहीं
उन्होंने कहा, अब भी चीन एकमात्र देश है, जिसने जिसने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किया है. लेकिन यह पूरे दिल से समर्थन नहीं था. यह सिर्फ पाकिस्तान को खुश करने के लिए था.

चीन भारत के साथ संबंध जारी रखना चाहता है
यही नहीं, उन्होंने यह भी दावा किया कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों को जारी रखना चाहता है क्योंकि उसका घरेलू परिदृश्य जिसमें हांगकांग में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन, उलीगर प्रांत में मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार और कई अन्य चीजें शामिल हैं.

नवंबर 2018 में अपने कार्यालय का कार्यभार संभालने के बाद से इमरान खान की यह तीसरी चीन यात्रा होगी. उनकी पिछली बीजिंग यात्रा अप्रैल में थी जब वह दूसरी बेल्ट और रोड फॉरम में हिस्सा लेने के लिए वहां गए थे.

Intro:New Delhi: Since Indian government's decision to abrogate Article 370, Pakistan hasn't left any stone unturned in internationalising the issue. So far, China is the only major super power which has opposed India's move openly at the international platform. Amid all this Imran Khan is all set to make another official trip to Beijing in the coming days.


Body:Looking at his track record, it is very much likely that Pakistani PM will rake up the Kashmir issue during his bilateral meet with Chinese President Xi Jingping.

To know about the possibilities and scenarios which can emerge from this meeting, we met renowned sinologist and an expert on India-China relationship Prof BR Deepak.

Prof. Deepak called China-Pakistan nexus, a relationship of a patron and client which was formed with an anti-India sentiment since day one.

He also added claiming that as China has enhanced its bilateral engagement with India over the course of years, it has now taken a neutral position.


Conclusion:'Even now as China remains the only country which has backed Pakistan on Kashmir at the United Nations. But it was not the whole hearted support. It was just to please Pakistan,' said JNU academician.

Not only this, he also claimed saying that China continues to balance out its relationship with India as it's domestic scenarios which includes massive anti-government demonstrations in Hong Kong, atrocities against Muslims in Ulighar province and many more.

This will be Imran Khan's third visit to China since taking charge of his office in November 2018. His last visit to Beijing was in April when he went there to take part in the second Belt and Road Forum.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.