ETV Bharat / bharat

विशेष : कोरोना संकट काल में लाउडस्पीकर पर पढ़ाई बनी मिसाल

कोरोना संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए देशभर में शिक्षण संस्थान बंद हैं. 3 महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया, न तो स्कूलों की घंटियां सुनाई दीं और न ही बच्चों का शोरगुल. लेकिन छत्तीसगढ़ में बस्तर के भाटपाल में एक शोर जरूर सुनाई दे रहा है, जो यहां के छात्र-छात्राओं की जिंदगी बदल रहा है. देखिए ये रिपोर्ट...

Loudspeaker class
लाउडस्पीकर पर पढ़ाई
author img

By

Published : Jul 2, 2020, 9:03 PM IST

Updated : Jul 3, 2020, 5:17 PM IST

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर की एक ऐसी तस्वीर 'ईटीवी भारत' आपके लिए लेकर आया है, जो इस इलाके को लेकर आपके मन में बसी छवि बदल देगी. कोरोना संक्रमण की वजह से प्रदेश में 23 मार्च से स्कूल बंद हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से ऑनलाइन क्लासेज और शिक्षा पोर्टल की शुरुआत की गई है.

नक्सल प्रभावित, आदिवासी क्षेत्र और पिछड़े इलाके के गांवों में इंटरनेट और नेटवर्क की समस्या से छात्र परेशान हैं. इसका तोड़ निकाला है बस्तर की भाटपाल पंचायत ने. यहां लाउडस्पीकर के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है. आस-पास की पंचायतें भी अपने यहां इस सुविधा की मांग कर रही हैं.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

भाटपाल पंचायत के ग्रामीणों ने ये अनोखी पहल की है. पंचायत के सरपंच और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की मदद से गांव की 7 जगहों पर लाउडस्पीकर लगाए हैं. इन लाउडस्पीकरों की मदद से पूरे गांव के बच्चे पढ़ाई करते हैं. लाउडस्पीकर पर अपने शिक्षक की आवाज सुनते ही गांव के बच्चे घरों से निकल पड़ते हैं. बच्चे कॉपी-किताब लेकर पढ़ने वाली जगह पहुंच जाते हैं. कोरोना काल में वे सामाजिक दूरी और साफ-सफाई का भी पूरा ख्याल रख रहे हैं.

सामान्य ज्ञान से हो रहा बच्चों का मानसिक विकास

बच्चों की पढ़ाई के प्रति रुचि को देखते हुए स्थानीय शिक्षक उनकी मदद कर रहे हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि काफी वक्त से स्कूल बंद हैं. वे धीरे-धीरे पढ़ा हुआ भूल रहे थे, लेकिन लाउडस्पीकर पर जब से पढ़ाई हो रही है तब से विषय ज्ञान बढ़ रहा है. लाउडस्पीकर से न केवल विषय से जुड़ी बातें सिखाई जा रही हैं, बल्कि सामान्य ज्ञान भी दिया जा रहा है. इस वजह से मानसिक विकास भी तेजी से हो रहा है.

क्लास के लिए लगे लाउडस्पीकर
क्लास के लिए लगे लाउडस्पीकर

ये भी पढ़ें- मनरेगा के तहत काम देने में फिर अव्वल छत्तीसगढ़, लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में टॉप पर

दो पाली में लगती है क्लास

भाटपाल में सुबह 8 बजे से 10 बजे और शाम 4.30 से 6.30 तक लाउडस्पीकर के जरिए क्लास होती है. बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी उत्साह के साथ लाउडस्पीकर पर बताई जा रही बातों को सुनते हैं. अभिभावकों का कहना है कि उन्हें अंग्रेजी का ज्ञान नहीं था, लेकिन अब सुनते-सुनते उन्हें भी कुछ शब्द समझ में आने लगे हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि शिक्षक स्थानीय भाषा में भी पढ़ाते हैं जिससे बच्चों को समझने में ज्यादा आसानी होती है.

मिसाल बनी भाटपाल पंचायत

वर्तमान में कोरोना संकट काल के बीच भाटपाल पंचायत का यह प्रयोग मिसाल साबित हो रहा है. जिला प्रशासन ने तो इस पद्धति से पढ़ाई की शुरुआत अन्य पंचायतों में भी करनी शुरू कर दी है. साथ ही कोरोना संकट को देखते हुए प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी पद्धति से बच्चों को पढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है.

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर की एक ऐसी तस्वीर 'ईटीवी भारत' आपके लिए लेकर आया है, जो इस इलाके को लेकर आपके मन में बसी छवि बदल देगी. कोरोना संक्रमण की वजह से प्रदेश में 23 मार्च से स्कूल बंद हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से ऑनलाइन क्लासेज और शिक्षा पोर्टल की शुरुआत की गई है.

नक्सल प्रभावित, आदिवासी क्षेत्र और पिछड़े इलाके के गांवों में इंटरनेट और नेटवर्क की समस्या से छात्र परेशान हैं. इसका तोड़ निकाला है बस्तर की भाटपाल पंचायत ने. यहां लाउडस्पीकर के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है. आस-पास की पंचायतें भी अपने यहां इस सुविधा की मांग कर रही हैं.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

भाटपाल पंचायत के ग्रामीणों ने ये अनोखी पहल की है. पंचायत के सरपंच और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की मदद से गांव की 7 जगहों पर लाउडस्पीकर लगाए हैं. इन लाउडस्पीकरों की मदद से पूरे गांव के बच्चे पढ़ाई करते हैं. लाउडस्पीकर पर अपने शिक्षक की आवाज सुनते ही गांव के बच्चे घरों से निकल पड़ते हैं. बच्चे कॉपी-किताब लेकर पढ़ने वाली जगह पहुंच जाते हैं. कोरोना काल में वे सामाजिक दूरी और साफ-सफाई का भी पूरा ख्याल रख रहे हैं.

सामान्य ज्ञान से हो रहा बच्चों का मानसिक विकास

बच्चों की पढ़ाई के प्रति रुचि को देखते हुए स्थानीय शिक्षक उनकी मदद कर रहे हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि काफी वक्त से स्कूल बंद हैं. वे धीरे-धीरे पढ़ा हुआ भूल रहे थे, लेकिन लाउडस्पीकर पर जब से पढ़ाई हो रही है तब से विषय ज्ञान बढ़ रहा है. लाउडस्पीकर से न केवल विषय से जुड़ी बातें सिखाई जा रही हैं, बल्कि सामान्य ज्ञान भी दिया जा रहा है. इस वजह से मानसिक विकास भी तेजी से हो रहा है.

क्लास के लिए लगे लाउडस्पीकर
क्लास के लिए लगे लाउडस्पीकर

ये भी पढ़ें- मनरेगा के तहत काम देने में फिर अव्वल छत्तीसगढ़, लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में टॉप पर

दो पाली में लगती है क्लास

भाटपाल में सुबह 8 बजे से 10 बजे और शाम 4.30 से 6.30 तक लाउडस्पीकर के जरिए क्लास होती है. बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी उत्साह के साथ लाउडस्पीकर पर बताई जा रही बातों को सुनते हैं. अभिभावकों का कहना है कि उन्हें अंग्रेजी का ज्ञान नहीं था, लेकिन अब सुनते-सुनते उन्हें भी कुछ शब्द समझ में आने लगे हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि शिक्षक स्थानीय भाषा में भी पढ़ाते हैं जिससे बच्चों को समझने में ज्यादा आसानी होती है.

मिसाल बनी भाटपाल पंचायत

वर्तमान में कोरोना संकट काल के बीच भाटपाल पंचायत का यह प्रयोग मिसाल साबित हो रहा है. जिला प्रशासन ने तो इस पद्धति से पढ़ाई की शुरुआत अन्य पंचायतों में भी करनी शुरू कर दी है. साथ ही कोरोना संकट को देखते हुए प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी पद्धति से बच्चों को पढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है.

Last Updated : Jul 3, 2020, 5:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.