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बिहार: 12 साल बाद मिली गुमशुदा मां, बेटे ने कर दिया था अंतिम संस्कार

एएसपी हरी मोहन शुक्ला ने बताया कि 15 सितंबर को बलिया बेलोन पंचगछि चौक में एक महिला को भीड़ ने बच्चा चोर कह कर उसके साथ मारपीट करने की कोशिश की. सूचना मिलते ही बलिया बेलोन पुलिस ने जल्द ही कार्रवाई कर उन्हें कब्जे में ले लिया. पढ़ें पूरा विवरण...

परिवार से मिली गुमशुदा महिला
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Published : Sep 21, 2019, 2:19 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 11:14 AM IST

पटनाः बिहार के कटिहार जिले में एक महिला मॉब लिंचिग का शिकार होते-होते बच गई. कुछ लोग महिला को बच्चा चोर समझ कर साथ मारपीट करने वाले थे लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से महिला को बचा लिया गया. इतना ही नहीं पुलिस की छानबीन से पता चला कि यह महिला नालंदा की रहने वाली है. वह 12 साल पहले गुमशुदा हो गई थी. इसके बाद महिला को उनके परिवार को सही सलामत सौंप दिया गया.

महिला को मॉब लिंचिग के शिकार से पुलिस ने बचाया
12 साल बाद अपनी मां को पाकर एक बेटा, एक बेटी, और अपनी पत्नी को पाकर एक पति कितने खुश हुए होंगे इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. गांव में जिसने भी इस बात को सुना सबने दांतों तले उंगली दबा ली. बेलौन थाना क्षेत्र के बलिया गांव में किरण कुमारी अपने परिवार से पूरे 12 साल बाद मिली.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

घटना 15 सितंबर के रात की है. जब किरण को भीड़ ने बच्चा चोर के शक के कारण घेर लिया गया. बताया जाता है कि किरण मानसिक रूप से बीमार है. भीड़ ने उसको बच्चा चोर समझ लिया, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी जैसे ही मिली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की.

12 साल पहले खोयी मां को पाकर बच्चे हुए खुश
एएसपी हरी मोहन शुक्ला ने बताया 15 सितम्बर को बलिया बेलोन पंचगछि चौक में जब एक महिला को भीड़ ने बच्चा चोर कह कर उनके साथ मारपीट कर दी. बेलोन पुलिस ने जल्द ही कार्रवाई कर तुरंत महिला को भीड़ से बाहर निकाल लिया. वहीं इस मामले को लेकर मारपीट करने वाले के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया. इसके बाद पीड़ित महिला के साथ काफी अच्छे व्यवहार से और काफी अच्छे वातावरण में पूछताछ की गई. पूछताछ में उन्होंने अपना नाम किरण कुमारी और पति का नाम और अपना पता बताया.

कैसे लगाया पुलिस ने पता
पीड़ित महिला के जानकारी अनुसार पुलिस ने कटिहार जिला से नालन्दा जिला में सम्पर्क किया.जहां उसने अपना घर बताया था. तो पूरी बात सामने आई कि नालंदा में सच में उनका परिवार है. वहां से किरण के बेटा-बेटी को बुलाया गया. उनके आने पर किरण को उनके परिवार को सौंप दिया गया. वहीं इस घटना से परिवार के लोग बहुत खुश हैं. उन लोगों ने बताया कि मां 12 वर्ष पहले लापता हो गयी थी और उसके बाद काफी खोजबीन से नहीं मिली. उन लोगों ने उनका हिन्दू रीति रिवाज के अुनसार किरण का क्रियाकर्म तक कर दिया था. पुलिस को साधुवाद दिया है. बलिया बेलौन पुलिस टीम की अच्छी पहल के लिए उन्हें इनाम मिलना चाहिए.

पढ़ेंः बिहार : सीताकुंड में फल्गु के बालू से किया जाता है पिंडदान, जानें क्या है खासियत

परिवार में आई खुशी की लहर
पीड़ित मां के बेटे सूर्यकांत पटेल ने बताया कि बलिया बेलौन थाना पुलिस की ओर से मोबाइल पर खबर मिली. पुलिस ने बताया कि मेरी 12 साल पहले खोयी मां जिंदा है. उसने बताया कि बिछड़ने से दो ढाई साल पहले इनका मानसिक बीमारी का इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान ही यह बिछड़ गयी. बहुत खोजबीन किए जाने पर भी पता नहीं चल पाया.

स्थानीय थाना में रिपोर्ट भी लिखवाया गया इसके बावजूद भी पता नहीं चल सका. इस दौरान छोटी बहन की शादी हो गई. शादी के डेढ़ वर्ष बाद जो मान्यताएं होती है उसी हिसाब से परिजन के कहने पर दाहसंस्कार कर दिया गया. अब आज पता चला है अचानक मां जिंदा है हमारा परिवार बहुत खुश है.

पढ़ेंः बिहार में जेटली की प्रतिमा की जाएगी स्थापित : नीतीश

पुलिस की अच्छी पहल
काउंसलर विभाग रविंद्र मिश्रा ने बताया कि यह पुलिस की अच्छी पहल है कि 2007 में बिछड़ी महिला को उनके परिवार से मिलवा दिया. ऐसी घटना देखकर बहुत ही आश्चर्य होता है. उन्होंने कहा कि कहा गया है जाको राखे सईंया मार सके ना कोय.

पटनाः बिहार के कटिहार जिले में एक महिला मॉब लिंचिग का शिकार होते-होते बच गई. कुछ लोग महिला को बच्चा चोर समझ कर साथ मारपीट करने वाले थे लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से महिला को बचा लिया गया. इतना ही नहीं पुलिस की छानबीन से पता चला कि यह महिला नालंदा की रहने वाली है. वह 12 साल पहले गुमशुदा हो गई थी. इसके बाद महिला को उनके परिवार को सही सलामत सौंप दिया गया.

महिला को मॉब लिंचिग के शिकार से पुलिस ने बचाया
12 साल बाद अपनी मां को पाकर एक बेटा, एक बेटी, और अपनी पत्नी को पाकर एक पति कितने खुश हुए होंगे इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. गांव में जिसने भी इस बात को सुना सबने दांतों तले उंगली दबा ली. बेलौन थाना क्षेत्र के बलिया गांव में किरण कुमारी अपने परिवार से पूरे 12 साल बाद मिली.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

घटना 15 सितंबर के रात की है. जब किरण को भीड़ ने बच्चा चोर के शक के कारण घेर लिया गया. बताया जाता है कि किरण मानसिक रूप से बीमार है. भीड़ ने उसको बच्चा चोर समझ लिया, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी जैसे ही मिली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की.

12 साल पहले खोयी मां को पाकर बच्चे हुए खुश
एएसपी हरी मोहन शुक्ला ने बताया 15 सितम्बर को बलिया बेलोन पंचगछि चौक में जब एक महिला को भीड़ ने बच्चा चोर कह कर उनके साथ मारपीट कर दी. बेलोन पुलिस ने जल्द ही कार्रवाई कर तुरंत महिला को भीड़ से बाहर निकाल लिया. वहीं इस मामले को लेकर मारपीट करने वाले के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया. इसके बाद पीड़ित महिला के साथ काफी अच्छे व्यवहार से और काफी अच्छे वातावरण में पूछताछ की गई. पूछताछ में उन्होंने अपना नाम किरण कुमारी और पति का नाम और अपना पता बताया.

कैसे लगाया पुलिस ने पता
पीड़ित महिला के जानकारी अनुसार पुलिस ने कटिहार जिला से नालन्दा जिला में सम्पर्क किया.जहां उसने अपना घर बताया था. तो पूरी बात सामने आई कि नालंदा में सच में उनका परिवार है. वहां से किरण के बेटा-बेटी को बुलाया गया. उनके आने पर किरण को उनके परिवार को सौंप दिया गया. वहीं इस घटना से परिवार के लोग बहुत खुश हैं. उन लोगों ने बताया कि मां 12 वर्ष पहले लापता हो गयी थी और उसके बाद काफी खोजबीन से नहीं मिली. उन लोगों ने उनका हिन्दू रीति रिवाज के अुनसार किरण का क्रियाकर्म तक कर दिया था. पुलिस को साधुवाद दिया है. बलिया बेलौन पुलिस टीम की अच्छी पहल के लिए उन्हें इनाम मिलना चाहिए.

पढ़ेंः बिहार : सीताकुंड में फल्गु के बालू से किया जाता है पिंडदान, जानें क्या है खासियत

परिवार में आई खुशी की लहर
पीड़ित मां के बेटे सूर्यकांत पटेल ने बताया कि बलिया बेलौन थाना पुलिस की ओर से मोबाइल पर खबर मिली. पुलिस ने बताया कि मेरी 12 साल पहले खोयी मां जिंदा है. उसने बताया कि बिछड़ने से दो ढाई साल पहले इनका मानसिक बीमारी का इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान ही यह बिछड़ गयी. बहुत खोजबीन किए जाने पर भी पता नहीं चल पाया.

स्थानीय थाना में रिपोर्ट भी लिखवाया गया इसके बावजूद भी पता नहीं चल सका. इस दौरान छोटी बहन की शादी हो गई. शादी के डेढ़ वर्ष बाद जो मान्यताएं होती है उसी हिसाब से परिजन के कहने पर दाहसंस्कार कर दिया गया. अब आज पता चला है अचानक मां जिंदा है हमारा परिवार बहुत खुश है.

पढ़ेंः बिहार में जेटली की प्रतिमा की जाएगी स्थापित : नीतीश

पुलिस की अच्छी पहल
काउंसलर विभाग रविंद्र मिश्रा ने बताया कि यह पुलिस की अच्छी पहल है कि 2007 में बिछड़ी महिला को उनके परिवार से मिलवा दिया. ऐसी घटना देखकर बहुत ही आश्चर्य होता है. उन्होंने कहा कि कहा गया है जाको राखे सईंया मार सके ना कोय.

Intro:कटिहार

बिहार की कटिहार पुलिस ने 12 वर्ष से बिछड़े परिवार को मिलाया माँ से। परिवार ने दस वर्ष पूर्व लापता माँ का कर डाला था मृत मानकर अंतिम संस्कार। मानसिक बीमार माँ 12 वर्षो से तलाश रही थी अपनो को। कटिहार में मानसिक बीमार माँ को बच्चा चोर बताकर भीड़ कर रही थी बेरहमी से पिटायी। हैवान भरी भीड़ के चंगुल से माँ को निकला था कटिहार की तीन थानों की पुलिस।
Body:15 सितम्बर की रात बलिया बेलौन थाना क्षेत्र के पचगांछि गांव की सड़क पर भीड़तंत्र बीमार माँ को मौत के घाट उतारने को थी आतुर। पुलिस की हुई तारीफ। बिहार के नालंदा जिला से भटटकर कटिहार आयी थी माँ।हैवान भीड़ पर कटिहार पुलिस ने की अपील। खुद में लाओ सुधार नही तो पुलिस करेगी कठोर कानून के तहत कार्रवाई।


पूरे मामले में कटिहार एसपी हरी मोहन शुक्ला ने बताया 15 सितम्बर को एक घटना हुई थी बलिया बेलोन पंचगछि चौक में जब एक अर्धविक्षिप्त महिला को भीड़ ने बच्चा चोर कह कर उनके साथ मारपीट कर दी थी। बलिया बेलोन पुलिस ने तत्काल कार्यवाही कर तुरन्त उन्हें कब्जे में ले ली थी सुरक्षित और कांड भी दर्ज कर लिया था उनके विरूद्ध जिन्होंने उनके साथ मारपीट की थी। इसके बाद उनसे काफी अच्छे व्यवहार से और काफी अच्छे वातावरण में जब उनसे पूछताछ कि गई तब उन्होंने अपना नाम किरण कुमारी और पति का नाम तथा अपना पता बताया। उसके बाद कटिहार जिला से नालन्दा जिला में जहां उन्होंने अपना आवास बताया था। हम लोगो ने सम्पर्क किया तो बात सामने आई कि वहां उनका परिवार है वहां से उनके बेटे को बुलाया उनकी बेटी भी आयी और उन्हीं को सौंप दिया गया है परिवार के लोग प्रसन्न थे वे लोग बताये कि माँ 12 वर्ष पहले लापता हो गयी थी और उसके बाद काफी खोजबीन से नही मिली तो उनलोगों ने उनका हिन्दू रीति रिवाज से क्रियाकर्म तक कर डाला था। माँ से मिलकर दोनो बच्चे खुश थे। पुलिस को साधुवाद दिया है। हम लोग ने भी बलिया बेलौन पुलिस टीम की अच्छी पहल को पृस्कृत करेंगे


वही पीड़ित मां के पुत्र सूर्यकांत पटेल ने बताया बलिया बेलौन थाना पुलिस के द्वारा मोबाइल पर मिली सूचना पर पता चला कि मेरी माँ जिंदा है मेरी माँ लगभग 12 वर्ष पहले बिछड़ गयी थी। बिछड़ने से दो ढाई वर्ष पूर्व इनका मानसिक बीमारी का इलाज चल रहा था इलाज़ के दौरान ही यह बिछड़ गयी बहुत खोजबीन किए पता नही चल पाया। स्थानीय थाना में रिपोर्ट भी लिखवाया गया इसके वावजूद भी पता नही चला इस दौरान छोटी बहन की शादी हो गयी शादी के डेढ़ वर्ष बाद जो मान्यताएं होती है उसी हिसाब से परिजन के कहने पर दाहसंस्कार कर दिया गया। अब आज पता चला है अचानक माँ जिंदा है हम सब खुश है और पापा भी।



Conclusion:रविन्द्र मिश्रा, काउंसलर विभाग ने बताया यह तो पुलिस की अच्छी पहल है कि भीड़तंत्र से महिला को बचाते हुए उसकी काउंसलिंग करने के पश्चात जो पता उसने पता बताया पता के आधार पर परिजनों को सुपुर्द किया। आगे भी पुलिस ऐसा करते रहे। भीड़तंत्र को भी कानून अपने हाथ मे नही लेना चाहिए था। समाज के प्रबुद्ध वर्ग है वस्तुस्थित को आगे आकर समझना चाहिए था। बच्चा चोर की अफवाह पर इस समाज मे सामाजिक संगठन को इस मामले में जागरूकता कार्यक्रम करना चाहिए और पुलिस को इस पर ध्यान देना चाहिए।

परिवार से बिछड़ी मानसिक रूप से बीमार महिला किरण कुमारी सिंहा नालंदा जिला के बेलदार बीघा गांव थाना छबीलापुर का रहने वाली है। वर्ष 2007 में इलाज़ के दौरान अचानक लापता हो गयी। लापता माँ की कई वर्ष खोजखबर न होने से परिवार ने अंतिम संस्कार तक कर डाला। जहां कटिहार पुलिस की सूचना पर नालन्दा जिला के छबीलापुर थाना से आई फोन पर परिवार के परिजनों को सरप्राइज मिली। वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बलिया बेलौन पुलिस ने परिवार के परिजनों को बारी बारी से बिछड़ी माँ से मिलाया। कहा गया है जाको राखे सईंया मार सके ना कोय।
Last Updated : Oct 1, 2019, 11:14 AM IST
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