मिर्जापुर: सरकार हर वर्ष प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के मिड डे मील के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है. बच्चों के लिए मेन्यू कार्ड भी बना है जिसके हिसाब से हर दिन अलग अलग पौष्टिक भोजन देने का विधान भी है. इसके अलावा दूध, फल आदि भी देने का निर्देश है लेकिन मिर्जापुर के ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को सालों से नमक, रोटी और चावल, नमक खाने को दिया जा रहा हैं. मामला संज्ञान में आते ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.
सरकार हर साल प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के मिड डे मील के लिए लाखों रुपये खर्च करती है. बच्चों के लिए मैन्यू कार्ड भी बनाया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दिया गया. इस बात का ईटीवी भारत ने खुलासा किया. ईटीवी भारत की खबर का असर भी हुआ है, जिसमें जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
सरकार प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों के मिड डे मील पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही हैं. बच्चों के लिए मेन्यू कार्ड भी तैयार किया जाता है. बच्चों को दूध, फल देने का निर्देश भी है. इसके बावजूद बच्चों को रूखा सूखा खाने को मिल रहा है. मिर्जापुर के जमालपुर विकास खंड के ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील के अनियमितता से परेशान बच्चे विद्यालय में भूखे पेट शिक्षा लेने को मजबूर हैं.
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यह साल भर से चल रहा है. मिड डे मील के इंचार्ज कहते हैं कि आप कुछ नहीं बोलेंगी. प्रधानाध्यापिका छुट्टी पर हैं.
शांति, शिक्षा मित्र
नमक, रोटी खाकर बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इसकी शिकायत कई बार की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां 3 अध्यापक हैं लेकिन केवल एक शिक्षामित्र से स्कूल चल रहा है.
अशोक, अभिभावक
यह मामला गंभीर है. मामले पर एबीएसए से आख्या मांगी गई है यहां जो भी टीचर हैं यदि अवगत नहीं कराया गया है तो सभी दोषी माने जाएंगे. जांच कराकर यहां के जो प्रधानाध्यापिका हैं वह छुट्टी पर चल रही हैं. चार्ज बगल वाले स्कूल के प्रधानाध्यापक को दिया गया है. एक कमेटी बनाकर सामूहिक जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
प्रवीण कुमार तिवारी, जिला बीएसए