ETV Bharat / bharat

मिड डे मील में परोसी गई नमक-रोटी, देखिए वीडियो - mirjapur primary school, children were given salt and bread

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय से चौंका देने वाला मामला सामने आया है. प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी और नमक चावल खाने को दिया जा रहा है.

बच्चों को स्कूल में परोसा गया नून रोटी.
author img

By

Published : Aug 23, 2019, 2:33 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 12:00 AM IST

मिर्जापुर: सरकार हर वर्ष प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के मिड डे मील के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है. बच्चों के लिए मेन्यू कार्ड भी बना है जिसके हिसाब से हर दिन अलग अलग पौष्टिक भोजन देने का विधान भी है. इसके अलावा दूध, फल आदि भी देने का निर्देश है लेकिन मिर्जापुर के ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को सालों से नमक, रोटी और चावल, नमक खाने को दिया जा रहा हैं. मामला संज्ञान में आते ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

सरकार हर साल प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के मिड डे मील के लिए लाखों रुपये खर्च करती है. बच्चों के लिए मैन्यू कार्ड भी बनाया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दिया गया. इस बात का ईटीवी भारत ने खुलासा किया. ईटीवी भारत की खबर का असर भी हुआ है, जिसमें जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

बच्चों को स्कूल में परोसा गया नून रोटी.

सरकार प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों के मिड डे मील पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही हैं. बच्चों के लिए मेन्यू कार्ड भी तैयार किया जाता है. बच्चों को दूध, फल देने का निर्देश भी है. इसके बावजूद बच्चों को रूखा सूखा खाने को मिल रहा है. मिर्जापुर के जमालपुर विकास खंड के ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील के अनियमितता से परेशान बच्चे विद्यालय में भूखे पेट शिक्षा लेने को मजबूर हैं.

बच्चों को स्कूल में परोसा गया नून रोटी.

इसे भी पढ़े:- बीएसए कार्यालय का औचक निरीक्षण, बंद मिला मिड-डे मील का कमरा

यह साल भर से चल रहा है. मिड डे मील के इंचार्ज कहते हैं कि आप कुछ नहीं बोलेंगी. प्रधानाध्यापिका छुट्टी पर हैं.
शांति, शिक्षा मित्र

नमक, रोटी खाकर बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इसकी शिकायत कई बार की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां 3 अध्यापक हैं लेकिन केवल एक शिक्षामित्र से स्कूल चल रहा है.

अशोक, अभिभावक

यह मामला गंभीर है. मामले पर एबीएसए से आख्या मांगी गई है यहां जो भी टीचर हैं यदि अवगत नहीं कराया गया है तो सभी दोषी माने जाएंगे. जांच कराकर यहां के जो प्रधानाध्यापिका हैं वह छुट्टी पर चल रही हैं. चार्ज बगल वाले स्कूल के प्रधानाध्यापक को दिया गया है. एक कमेटी बनाकर सामूहिक जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
प्रवीण कुमार तिवारी, जिला बीएसए

मिर्जापुर: सरकार हर वर्ष प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के मिड डे मील के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है. बच्चों के लिए मेन्यू कार्ड भी बना है जिसके हिसाब से हर दिन अलग अलग पौष्टिक भोजन देने का विधान भी है. इसके अलावा दूध, फल आदि भी देने का निर्देश है लेकिन मिर्जापुर के ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को सालों से नमक, रोटी और चावल, नमक खाने को दिया जा रहा हैं. मामला संज्ञान में आते ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

सरकार हर साल प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के मिड डे मील के लिए लाखों रुपये खर्च करती है. बच्चों के लिए मैन्यू कार्ड भी बनाया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दिया गया. इस बात का ईटीवी भारत ने खुलासा किया. ईटीवी भारत की खबर का असर भी हुआ है, जिसमें जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

बच्चों को स्कूल में परोसा गया नून रोटी.

सरकार प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों के मिड डे मील पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही हैं. बच्चों के लिए मेन्यू कार्ड भी तैयार किया जाता है. बच्चों को दूध, फल देने का निर्देश भी है. इसके बावजूद बच्चों को रूखा सूखा खाने को मिल रहा है. मिर्जापुर के जमालपुर विकास खंड के ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील के अनियमितता से परेशान बच्चे विद्यालय में भूखे पेट शिक्षा लेने को मजबूर हैं.

बच्चों को स्कूल में परोसा गया नून रोटी.

इसे भी पढ़े:- बीएसए कार्यालय का औचक निरीक्षण, बंद मिला मिड-डे मील का कमरा

यह साल भर से चल रहा है. मिड डे मील के इंचार्ज कहते हैं कि आप कुछ नहीं बोलेंगी. प्रधानाध्यापिका छुट्टी पर हैं.
शांति, शिक्षा मित्र

नमक, रोटी खाकर बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इसकी शिकायत कई बार की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां 3 अध्यापक हैं लेकिन केवल एक शिक्षामित्र से स्कूल चल रहा है.

अशोक, अभिभावक

यह मामला गंभीर है. मामले पर एबीएसए से आख्या मांगी गई है यहां जो भी टीचर हैं यदि अवगत नहीं कराया गया है तो सभी दोषी माने जाएंगे. जांच कराकर यहां के जो प्रधानाध्यापिका हैं वह छुट्टी पर चल रही हैं. चार्ज बगल वाले स्कूल के प्रधानाध्यापक को दिया गया है. एक कमेटी बनाकर सामूहिक जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
प्रवीण कुमार तिवारी, जिला बीएसए

Intro:सरकार हर वर्ष प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के मिड डे मील के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है।फिर भी बेसिक शिक्षा ले रहे बच्चों को मिड डे मील में दिया जा रहा है खाने में सिर्फ नमक और रोटी। यह पूरा मामला मिर्जापुर के जमालपुर विकासखंड के ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय का है जहां बच्चे एक महीने से नमक रोटी और चावल नमक खाने को मजबूर हैं मामला संज्ञान में आते ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही।Body:एक तरफ जहा सरकार प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों के दोपहर के भोजन मिड डे मील पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही हैं और बच्चों के लिए मीनू कार्ड भी बना है उसके हिसाब से हर दिन अलग अलग पौष्टिक भोजन देने का विधान भी है इसके अलावा दूध, फल आदि भी देने का निर्देश है लेकिन उसके बावजूद बच्चों के खाने पर डाका डाला जा रहा है और बच्चों को रूखा सूखा खाने को मिल रहा है यँहा तक छात्रों को नमक रोटी परोशी जा रही है यह तस्वीरे दिखने को मिली मिर्ज़ापुर के जमालपुर विकास खंड के ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय में जंहा पिछले एक महीने से मिडडेमील के अनियमितता से परेशान बच्चे विद्यालय में भूखे पेट शिक्षा लेने को मजबूर हैं। बच्चो को मिलता है रोटी नमक तो कभी नमक चावल खुद शिक्षा मित्र शांति बात रही है इस तरह से सालों से चल रहा है यहां पर यहां जिसके पास मिड डे मील का चार्ज है वह कहते हैं आप कुछ नहीं बोलेंगी। मजबूर हैं यहां कोई पद नहीं है प्रधानाध्यापक की जो है मैडम और छुट्टी पर हैं।
यहां के अभिभावक भी परेशान हैं अपने बच्चों को भेजते हैं लेकिन नमक रोटी खा कर पढ़ाई कर रहे हैं इसकी शिकायत कई बार किए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई अभिभावकों का कहना है कि सालों से ऐसे चल रहा है यहां 3 अध्यापक हैं लेकिन केवल एक शिक्षामित्र से चल रहा है स्कूल।
वहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण तिवारी ने कहा यह मामला गंभीर है अभी संज्ञान में आया है यह एबीएसए से आख्या मांगी गई है यहां जो भी टीचर हैं यदि अवगत नहीं कराया गया है तो सभी दोषी माने जाएंगे सब के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जांच कराकर यहां के जो प्रधानाध्यापिका हैं वह छुट्टी पर चल रही हैं चार्ज बगल वाले स्कूल के प्रधानाध्यापक को दिया गया है एक कमेटी बनाकर सामूहिक जांच कराया जाएगा जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Bite-शांति- शिक्षा मित्र
Bite-अशोक-अभिभावक
Bite-प्रवीण कुमार तिवारी-जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
Conclusion:हम आपको बता दें कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का है जमालपुर ब्लाक के ऑडी गांव में पुश्तैनी मकान है उनके परिवार के कुछ लोग यहां रहते भी हैं उनका आना-जाना भी लगा रहता है इस ब्लॉक से उनका बहुत लगाव है सरकार भी उनकी है इसके बावजूद भी यहां की शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश में और क्या हाल होगा।

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630
Last Updated : Sep 28, 2019, 12:00 AM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.