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उत्तर प्रदेश : कन्नौज जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत - डॉक्टरों की लापरवाही

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिला अस्पताल में भर्ती दिमागी बुखार से पीड़ित एक बच्चे की मौत हो गई. हालांकि, परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

kannauj hospital
कन्नौज जिला अस्पताल
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Published : Jun 29, 2020, 7:48 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिला अस्पताल में भर्ती दिमागी बुखार से पीड़ित एक बच्चे की मौत पर हंगामा खड़ा हो गया, जब परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण बच्चे की जान गई है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि बच्चे की हालत गंभीर थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है. किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. इसके बाद पिता मृत बच्चे को सीने से लगाकर बेहोश हो गया.

कन्नौज सदर कोतवाली क्षेत्र के मिश्रीपुर गांव निवासी प्रेमचंद्र के चार वर्षीय पुत्र अनुज को कई दिनों से बुखार था. बुखार के चलते हालत बिगड़ी, तो परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. काफी देर तक वह बच्चे को लेकर इधर-उधर भटकते रहे. इसके बाद इमरजेंसी में लेकर पहुंचे. बच्चे की हालत खराब होने से डॉ. वीके शुक्ल ने जांच करने के बाद बच्चे को डॉ. पीएम यादव के पास भेज दिया.

डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत.

काफी देर तक परिजन बच्चे को लेकर इधर-उधर भटकते रहे, इस दौरान बच्चे की मौत हो गई. इस पर परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. पीड़ित पिता प्रेमचंद्र ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उसके बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती गई, जिससे उसकी मौत हो गई. परिजनों ने आधा घंटे तक अस्पताल के बाहर बवाल काटा. जब इसकी जानकारी सीएमएस को हुई, तो उन्होंने समझा-बुझाकर परिजनों को शव वाहन से घर भेज दिया.

पढ़ें : डेक्सामेथासोन से होगा कोरोना का इलाज, स्वास्थ्य मंत्रालय की हरी झंडी

सीएमएस डॉ. उमेश चंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि बच्चे को पहले इमरजेंसी में उपचार दिया गया. दिमागी बुखार होने से डॉ. पीएम यादव ने भी देखा और बच्चे को कानपुर ले जाने की सलाह दी. समय से जिला अस्पताल न लाने से उसे कानपुर नहीं भेजा जा सका. उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं की गई है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिला अस्पताल में भर्ती दिमागी बुखार से पीड़ित एक बच्चे की मौत पर हंगामा खड़ा हो गया, जब परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण बच्चे की जान गई है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि बच्चे की हालत गंभीर थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है. किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. इसके बाद पिता मृत बच्चे को सीने से लगाकर बेहोश हो गया.

कन्नौज सदर कोतवाली क्षेत्र के मिश्रीपुर गांव निवासी प्रेमचंद्र के चार वर्षीय पुत्र अनुज को कई दिनों से बुखार था. बुखार के चलते हालत बिगड़ी, तो परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. काफी देर तक वह बच्चे को लेकर इधर-उधर भटकते रहे. इसके बाद इमरजेंसी में लेकर पहुंचे. बच्चे की हालत खराब होने से डॉ. वीके शुक्ल ने जांच करने के बाद बच्चे को डॉ. पीएम यादव के पास भेज दिया.

डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत.

काफी देर तक परिजन बच्चे को लेकर इधर-उधर भटकते रहे, इस दौरान बच्चे की मौत हो गई. इस पर परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. पीड़ित पिता प्रेमचंद्र ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उसके बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती गई, जिससे उसकी मौत हो गई. परिजनों ने आधा घंटे तक अस्पताल के बाहर बवाल काटा. जब इसकी जानकारी सीएमएस को हुई, तो उन्होंने समझा-बुझाकर परिजनों को शव वाहन से घर भेज दिया.

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सीएमएस डॉ. उमेश चंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि बच्चे को पहले इमरजेंसी में उपचार दिया गया. दिमागी बुखार होने से डॉ. पीएम यादव ने भी देखा और बच्चे को कानपुर ले जाने की सलाह दी. समय से जिला अस्पताल न लाने से उसे कानपुर नहीं भेजा जा सका. उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं की गई है.

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