जयपुर : राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पहली बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मीडिया के सामने आए. उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि जो कुछ हो रहा है, वह एक दिन का मामला नहीं है. पिछले छह महीने से अधिक हो गया, लगातार भाजपा की ओर से सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है. बीजेपी इस तरह की नापाक हरकतें कर रही है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, 'आज जो कुछ निर्णय लिया गया है. चाहे उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बर्खास्त करने का या फिर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा को पद मुक्त करने का, यह मेरी शिकायत पर नहीं बल्कि आलाकमान की ओर से लिया गया निर्णय है. पार्टी में जिस तरीके से किया जा रहा था, उससे नाराज होकर हाईकमान ने यह निर्णय लिया है.'
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गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वमान्य होता है. जनता ने जो फैसला कर दिया उसे स्वीकार करना चाहिए, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि धनबल का उपयोग किया जा रहा है और यह धनबल कोई मामूली नहीं है. 25 से 35 करोड़ रुपये का प्रलोभन दिया जा रहा है. विश्वास नहीं होता इस तरह से भी कोई करोड़ों रुपये देकर हॉर्स ट्रेडिंग कर सकता है. उन्होंने कहा, 'बर्खास्त करने से पहले हमारे जो साथी हैं, हमने उन्हें पूरा मौका दिया.'
उन्होंने कहा, 'सोमवार को विधायक दल की बैठक बुलाई थी. इसके बाद मंगलवार को दूसरी बार फिर विधायक दल की बैठक बुलाई गई. हमने सोचा कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि देगा और वह बैठक में आ जाएंगे.'
गहलोत ने कहा, 'पायलट ही नहीं बल्कि पूरा कुनबा बीजेपी के हाथों में खेल रहा है. जिस तरीके से भाजपा ने मध्य प्रदेश में षड्यंत्र रचा, उसी तरह राजस्थान में रचना चाह रही है. मध्य प्रदेश में जिस मैनेजमेंट ने सरकार गिराई थी, वही मैनेजमेंट राजस्थान में भी सक्रिय है.'
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मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम जनता के वादों को पूरा करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इस बीच कोरोना जैसी वैश्विक महामारी सामने आ गई, लोगों को राहत देने के लिए सरकार काम कर रही है. जो हमने वादा किया था कि लोगों को भूखा नहीं सोने देंगे, हमने एक व्यक्ति को भूखा नहीं सोने दिया.'
उन्होंने कहा कि भामाशाह ने भी बढ़-चढ़कर इस कोविड-19 में सरकार का सहयोग दिया, लेकिन दुर्भाग्य की बात है जब देश-दुनिया गंभीर वैश्विक महामारी से गुजर रही है तो इस वक्त कुछ लोग सरकार गिराने जैसी नापाक हरकत कर रहे हैं.
'जो साथी फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं, उनकी बुद्धि कहां चली गई है'
गहलोत ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की मांग करने का अधिकार मौजूदा सरकार के विधायकों को नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे यह समझ में नहीं आता कि हमारे जो साथी फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं, उनकी बुद्धि कहां चली गई है. उन्हें यह भी पता नहीं है कि फ्लोर टेस्ट कराने की मांग विपक्ष कर सकता है, मौजूदा सरकार के विधायक यह मांग नहीं कर सकते. अलग पार्टी बनाने से पहले वन फोर्थ का बहुमत चाहिए, वह बहुमत आपके पास नहीं है.'
सीएम ने कहा कि 30 लोगों के दम पर आप नई पार्टी बनाने की बात कर रहे हैं. पहले बातें सामने आई थी कि बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, फिर बातें सामने आई कि अब नई पार्टी बनाने की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा, '107 विधायक हमारे साथ हैं तो किस हिसाब से ये लोग नई पार्टी और सरकार गिराने की बात कर रहे हैं.'
गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस तरह सरकार तोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसमें कामयाब नहीं होगी. राजस्थान की जनता ऐसे लोगों को अच्छी तरह से पहचान कर उन्हें वक्त आने पर सबक सिखाएगी.