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लव जिहाद पर कानून एक छलावा और असंवैधानिक है : चिदंबरम

लव जिहाद पर पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ कानून लाने का प्रस्ताव देना असंवैधानिक होगा.

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Published : Nov 26, 2020, 5:50 PM IST

Updated : Nov 26, 2020, 6:05 PM IST

नई दिल्ली : भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकारों द्वारा कथित लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की योजनाओं के बीच पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को इसे छलावा और बहुसंख्यकों के एजेंडे का हिस्सा करार दिया.

पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि यह अदालतों में नहीं टिक पाएगा, क्योंकि कानून में विभिन्न धर्मों के बीच विवाह को अनुमति दी गई है. चिदंबरम ने कहा, लव जिहाद पर कानून एक छलावा (होक्स) है. यह बहुसंख्यकों के एजेंडे का हिस्सा है. भारतीय कानून के तहत विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच विवाह की अनुमति है, यहां तक कि कुछ सरकारों द्वारा इसे प्रोत्साहित भी किया जाता है.

उन्होंने कहा कि कुछ राज्य सरकारों द्वारा इसके खिलाफ कानून लाने का प्रस्ताव देना असंवैधानिक होगा.

भाजपा के नेतृत्व में कई सरकारें लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की प्रक्रिया में हैं. इसमें उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने तो धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश लाने की घोषणा भी कर दी है.

पढ़ें :- यूपी में लव जिहाद के खिलाफ प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी

सूत्रों के अनुसार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस सप्ताह अपनी दो दिवसीय लखनऊ यात्रा के दौरान धर्म परिवर्तन का मुद्दा भी उठाया था. भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने भी कहा है कि वह राज्य में इसके लिए कानून बनाएगी.

धर्मांतरण विरोधी कानून किसी भी व्यक्ति को सीधे या अन्य तरीके से किसी अन्य व्यक्ति को जबरन या धोखाधड़ी के जरिए धर्म परिवर्तित करने का प्रयास करने से रोकते हैं. अभी आठ राज्यों - अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड में धर्मांतरण विरोधी कानून हैं.

1967 में ओडिशा इस कानून को लागू करने वाला पहला राज्य था, इसके एक साल बाद 1968 में मध्य प्रदेश में यह लागू हुआ था.

नई दिल्ली : भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकारों द्वारा कथित लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की योजनाओं के बीच पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को इसे छलावा और बहुसंख्यकों के एजेंडे का हिस्सा करार दिया.

पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि यह अदालतों में नहीं टिक पाएगा, क्योंकि कानून में विभिन्न धर्मों के बीच विवाह को अनुमति दी गई है. चिदंबरम ने कहा, लव जिहाद पर कानून एक छलावा (होक्स) है. यह बहुसंख्यकों के एजेंडे का हिस्सा है. भारतीय कानून के तहत विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच विवाह की अनुमति है, यहां तक कि कुछ सरकारों द्वारा इसे प्रोत्साहित भी किया जाता है.

उन्होंने कहा कि कुछ राज्य सरकारों द्वारा इसके खिलाफ कानून लाने का प्रस्ताव देना असंवैधानिक होगा.

भाजपा के नेतृत्व में कई सरकारें लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की प्रक्रिया में हैं. इसमें उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने तो धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश लाने की घोषणा भी कर दी है.

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सूत्रों के अनुसार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस सप्ताह अपनी दो दिवसीय लखनऊ यात्रा के दौरान धर्म परिवर्तन का मुद्दा भी उठाया था. भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने भी कहा है कि वह राज्य में इसके लिए कानून बनाएगी.

धर्मांतरण विरोधी कानून किसी भी व्यक्ति को सीधे या अन्य तरीके से किसी अन्य व्यक्ति को जबरन या धोखाधड़ी के जरिए धर्म परिवर्तित करने का प्रयास करने से रोकते हैं. अभी आठ राज्यों - अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड में धर्मांतरण विरोधी कानून हैं.

1967 में ओडिशा इस कानून को लागू करने वाला पहला राज्य था, इसके एक साल बाद 1968 में मध्य प्रदेश में यह लागू हुआ था.

Last Updated : Nov 26, 2020, 6:05 PM IST
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