नई दिल्ली : कृषि से संबंधित दो बिल रविवार को संसद में पारित हो गए. संसद में हारने के बाद सोशल मीडिया पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार से पूछा कि कैसे वह सुनश्चित करेगी की किसानों को उनके उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिले. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कृषि मंत्री कहते हैं कि सरकार इस बात की गारंटी देती है कि किसानों को एमएसपी मिलेगा. आज भी निजी व्यापार हो रहा है. किसानों को दिया जा रहा दाम एमएसपी से कम होता है. अगर कृषि मंत्री जादू से एमएसपी सुनिश्चित कर देंगे तो उन्होंने अब तक यह क्यों नहीं किया?
गंभीर सवाल दागे
चिदंबरम ने कहा कि मंत्री को यह कैसे पता चलेगा कि किस किसान ने अपने उत्पाद किस व्यापारी को बेचे? वह देश में प्रतिदिन होने वाले लाखों हस्तांतरण के बारे में कैसे जानेंगे? अगर उनके पास डाटा नहीं है तो वह प्रत्येक ट्रांजेक्शन में एमएसपी की गारंटी कैसे देंगे? उन्होंने कहा कि क्या मंत्री और सरकार यह सोचते हैं कि किसान इतने बेवकूफ हैं कि वे सरकार के खोखले वादों पर विश्वास कर लेंगे?
मोदी सरकार पर वादों को पूरा नहीं करने को लेकर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि क्या सरकार प्रत्येक भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये डालने में सक्षम हो सकी? क्या सरकार किसानों की आय दोगुनी कर सकी? क्या सरकार प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ नौकरियां पैदा कर सकी?