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छन्नूलाल मिश्र ने पद्म विभूषण मिलने पर सभी का आभार जताया

देश के शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को शनिवार को देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से नवाजे जाने की घोषणा की गई है. 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपने जीवन के संघर्षों को याद करके भारत सरकार को धन्यवाद दिया.

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Published : Jan 25, 2020, 11:48 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 10:27 AM IST

ईटीवी भारत से बात करते छन्नूलाल मिश्र
ईटीवी भारत से बात करते छन्नूलाल मिश्र

वाराणसी : देश के ख्याति प्राप्त शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को शनिवार को देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से नवाजे जाने की घोषणा की गई है. देश में 7 हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा जाएगा. 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर उन्हें यह सम्मान दिए जाने की घोषणा के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की और खुशी के इस पल को साझा किया.

गायक पंडित छन्नूलाल ने देश की सरकार और लोगों को 26 जनवरी की शुभकामना देने के साथ ही बहुत-बहुत बधाई दी और अपने जीवन के संघर्ष की कहानी को भी बयां किया. 2010 में पंडित छन्नूलाल मिश्र को पद्मभूषण और 2012-13 में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यश भारती सम्मान पहले ही दिया जा चुका है.

ईटीवी भारत से बात करते छन्नूलाल मिश्र

उसके बाद शनिवार को पद्म विभूषण की घोषणा के बाद उनके घर में खुशी की लहर दौड़ गई है.पंडित छन्नूलाल मिश्र ने भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा, कि मैं पूरे देशवासियों को आशीर्वाद देता हूं और सभी का आभार व्यक्त करता हूं.

उन्होंने कहा कि यह हमारी कठिन तपस्या का फल है. उन्होंने कहा 'काशी कबहु ना छोड़िए विश्वनाथ दरबार'. पंडित छन्नूलाल मिश्र का कहना है कि मुझे काशी अतिप्रिय है और मैंने काशी को अभी तक नहीं छोड़ा. यही नतीजा है कि बाबा विश्वनाथ और मेरे गुरु महाराज ने मुझे यह सम्मान दिलवाया.पंडित छन्नूलाल मिश्र ने 26 जनवरी के मौके पर अपने अंदाज में गीत प्रस्तुत कर उन शहीद जवानों को भी नमन किया, जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान न्यौछावर कर दी.

पढ़ें- जॉर्ज, जेटली व सुषमा सहित सात को पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण, 118 को पद्म श्री

पंडित छन्नूलाल मिश्र ने चार पंक्तियों के गीत को गाकर 26 जनवरी के मौके पर निश्चित तौर पर एक संदेश भी देने की कोशिश भी की है. पंडित छन्नूलाल मिश्र इस सम्मान के बाद बेहद खुश हैं और घर आने वाले हर व्यक्ति को मिठाई खिलाकर सभी का आभार व्यक्त कर रहे हैं.

वाराणसी : देश के ख्याति प्राप्त शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को शनिवार को देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से नवाजे जाने की घोषणा की गई है. देश में 7 हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा जाएगा. 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर उन्हें यह सम्मान दिए जाने की घोषणा के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की और खुशी के इस पल को साझा किया.

गायक पंडित छन्नूलाल ने देश की सरकार और लोगों को 26 जनवरी की शुभकामना देने के साथ ही बहुत-बहुत बधाई दी और अपने जीवन के संघर्ष की कहानी को भी बयां किया. 2010 में पंडित छन्नूलाल मिश्र को पद्मभूषण और 2012-13 में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यश भारती सम्मान पहले ही दिया जा चुका है.

ईटीवी भारत से बात करते छन्नूलाल मिश्र

उसके बाद शनिवार को पद्म विभूषण की घोषणा के बाद उनके घर में खुशी की लहर दौड़ गई है.पंडित छन्नूलाल मिश्र ने भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा, कि मैं पूरे देशवासियों को आशीर्वाद देता हूं और सभी का आभार व्यक्त करता हूं.

उन्होंने कहा कि यह हमारी कठिन तपस्या का फल है. उन्होंने कहा 'काशी कबहु ना छोड़िए विश्वनाथ दरबार'. पंडित छन्नूलाल मिश्र का कहना है कि मुझे काशी अतिप्रिय है और मैंने काशी को अभी तक नहीं छोड़ा. यही नतीजा है कि बाबा विश्वनाथ और मेरे गुरु महाराज ने मुझे यह सम्मान दिलवाया.पंडित छन्नूलाल मिश्र ने 26 जनवरी के मौके पर अपने अंदाज में गीत प्रस्तुत कर उन शहीद जवानों को भी नमन किया, जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान न्यौछावर कर दी.

पढ़ें- जॉर्ज, जेटली व सुषमा सहित सात को पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण, 118 को पद्म श्री

पंडित छन्नूलाल मिश्र ने चार पंक्तियों के गीत को गाकर 26 जनवरी के मौके पर निश्चित तौर पर एक संदेश भी देने की कोशिश भी की है. पंडित छन्नूलाल मिश्र इस सम्मान के बाद बेहद खुश हैं और घर आने वाले हर व्यक्ति को मिठाई खिलाकर सभी का आभार व्यक्त कर रहे हैं.

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वाराणसी: देश के ख्याति लब्ध उप शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को आज देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण दिए जाने की घोषणा की गई है देश में 7 हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा जाएगा 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर उन्हें यह सम्मान दिए जाने की घोषणा के बाद ईटीवी भारत पहुंचा उनके आवास पर और खुशी के इस पल को साझा किया छन्नूलाल जी ने हमारे साथ उन्होंने देश की सरकार और लोगों को 26 जनवरी की शुभकामना देने के साथ ही बहुत-बहुत बधाई दी और अपने जीवन के संघर्ष की कहानी को भी हमसे बयां किया.


Body:वीओ-01 पंडित छन्नूलाल मिश्र को आज पद्मा विभूषण की घोषणा हुई है 2010 में पंडित छन्नूलाल मिश्र को पद्मभूषण और 2012 13 में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यश भारती सम्मान पहले ही दिया जा चुका है उसके बाद आज 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर इस घोषणा के बाद उनके घर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी पंडित छन्नूलाल मिश्र ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और इस सम्मान के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया उन्होंने कहा कि मैं पूरे देशवासियों को आशीर्वाद देता हूं और सभी का आभार व्यक्त करता हूं पंडित छन्नूलाल मिश्र ने यह भी कहा कि हमारी कठिन तपस्या का फल है उन्होंने 2 शब्दों में कहा काशी कबहु ना छोड़िए विश्वनाथ दरबार पंडित छन्नूलाल मिश्र का कहना था कि मुझे काशी अति प्रिय है और मैंने काशी को अभी तक नहीं छोड़ा यही का नतीजा है कि बाबा विश्वनाथ में और मेरे गुरु महाराज ने मुझे यह सम्मान दिलवाया.


Conclusion:वीओ-02 पंडित छन्नूलाल मिश्र ने 26 जनवरी के मौके पर अपने अंदाज में चंद्र लहंगे प्रस्तुत कर उन शहीद जवानों को भी नमन किया जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान निछावर कर दी पंडित छन्नूलाल मिश्र के गाए इन चार पंक्तियों के गीत ने 26 जनवरी के मौके पर निश्चित तौर पर एक संदेश भी देने की कोशिश की है पंडित छन्नूलाल मिश्र इस सम्मान के बाद बेहद खुश हैं और घर आने वाले हर व्यक्ति को मिठाई खिलाकर सभी का आभार व्यक्त कर रहे हैं.

Last Updated : Feb 18, 2020, 10:27 AM IST

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