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चंद्रयान-2 पर ISRO की तैयारी, 22 जुलाई की दोपहर में लॉन्चिंग - GSLV

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रयान-2 का जल्द से जल्द प्रक्षेपण करना चाहता है. इसरो इसके लिए 21 जुलाई की दोपहर या 22 जुलाई की अलसुबह प्रक्षेपण की संभावनाएं तलाश रहा है. पढे़ं पूरी खबर...

चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण की नई तारीख.
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Published : Jul 18, 2019, 11:02 AM IST

Updated : Jul 18, 2019, 5:45 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रयान-2 का जल्द से जल्द प्रक्षेपण करना चाहता है. इसरो इसके लिए 21 जुलाई की दोपहर या 22 जुलाई की अलसुबह लॉन्च करने की संभावनाएं तलाश रहा है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने GSLV-MkIII के क्रायोजेनिक अपर स्टेज में तकनीकी खराबी को सुधार लिया है, जिससे अधिकारियों को सोमवार को चंद्रयान -2 मिशन को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. सूत्रों ने कहा कि अधिकारी अब 22 जुलाई को चंद्र अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं ..

  • 15 जुलाई को लॉन्चिंग से ठीक पहले रोक दिया गया था चंद्रयान-2

हालांकि, लॉन्च वाहन अभी विस्तृत योग्यता परीक्षण से गुजर रहा है, प्रक्षेपण प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इंजीनियर्स तकनीकी खामी दूर करने में जुटे है. 15 जुलाई को तकनीकी खामी की वजह से लांचिंग को टालना पड़ा था. इसरो ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी है. रॉकेट इंजन में फ्यूल लीक की वजह से आखिरी क्षणों में इसरो को मिशन को रोकने का फैसला लेना पड़ा था.

वैज्ञानिकों के मुताबिक, विंडो नहीं मिलने से प्रक्षेपण कार्यक्रम पर असर पड़ा है. विंडो चूक जाने के कारण अंतरिक्ष यान को लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए ज्यादा ईंधन खर्च होगा. लांच विंडो वह उपयुक्त समय होता है जब पृथ्वी से चांद की दूरी कम होती है और पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले उपग्रहों और अंतरिक्ष के कचरे से टकराने की संभावना बेहद कम होती है

आपको बता दें कि ISRO ने क्रायोजेनिक इंगाइन स्पेशलिटी पद्मश्री अवार्ड विजेता वासुदेवन ज्ञान गांधी को हैदराबाद से आमंत्रित किया है. उन्होंने GSLV मार्क -3 की जांच कर अहम कुछ सुझाव भी दिए.

सूत्रों के मुताबिक 22 जुलाई को दोपहर 2.52 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया जा सकता है.

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रयान-2 का जल्द से जल्द प्रक्षेपण करना चाहता है. इसरो इसके लिए 21 जुलाई की दोपहर या 22 जुलाई की अलसुबह लॉन्च करने की संभावनाएं तलाश रहा है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने GSLV-MkIII के क्रायोजेनिक अपर स्टेज में तकनीकी खराबी को सुधार लिया है, जिससे अधिकारियों को सोमवार को चंद्रयान -2 मिशन को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. सूत्रों ने कहा कि अधिकारी अब 22 जुलाई को चंद्र अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं ..

  • 15 जुलाई को लॉन्चिंग से ठीक पहले रोक दिया गया था चंद्रयान-2

हालांकि, लॉन्च वाहन अभी विस्तृत योग्यता परीक्षण से गुजर रहा है, प्रक्षेपण प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इंजीनियर्स तकनीकी खामी दूर करने में जुटे है. 15 जुलाई को तकनीकी खामी की वजह से लांचिंग को टालना पड़ा था. इसरो ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी है. रॉकेट इंजन में फ्यूल लीक की वजह से आखिरी क्षणों में इसरो को मिशन को रोकने का फैसला लेना पड़ा था.

वैज्ञानिकों के मुताबिक, विंडो नहीं मिलने से प्रक्षेपण कार्यक्रम पर असर पड़ा है. विंडो चूक जाने के कारण अंतरिक्ष यान को लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए ज्यादा ईंधन खर्च होगा. लांच विंडो वह उपयुक्त समय होता है जब पृथ्वी से चांद की दूरी कम होती है और पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले उपग्रहों और अंतरिक्ष के कचरे से टकराने की संभावना बेहद कम होती है

आपको बता दें कि ISRO ने क्रायोजेनिक इंगाइन स्पेशलिटी पद्मश्री अवार्ड विजेता वासुदेवन ज्ञान गांधी को हैदराबाद से आमंत्रित किया है. उन्होंने GSLV मार्क -3 की जांच कर अहम कुछ सुझाव भी दिए.

सूत्रों के मुताबिक 22 जुलाई को दोपहर 2.52 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया जा सकता है.

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CHANDRAYAN MISSION RELAUNCH ON JULY 22..?



    The Indian Space Research Organisation has rectified the technical snag in Cryogenic Upper Stage of GSLV-MkIII, which forced authorities to call-off Chandrayaan-2 mission on Monday. The authorities are now planning to launch the lunar mission on July 22, sources says... 



    While the launch vehicle is currently undergoing elaborate qualification tests, top scientists are in a huddle to fix the best possible launch date. ISRO is likely to make the announcement in a day or two. 



    Scientists said selection of precise launch window is crucial. The spacecraft has to reach the desired orbit burning less fuel and allow lander and rover to conduct experiments for a maximum period of one full Moon day, which is equivalent to 14 Earth days.



    Mean while ISRO invited cryogenic ingine specialsit Padmashree Award winner Vasudevan gyana gandhi from hyderabad. He reached SHAAR.. and examine GSLV mark-3... and he gave some suggestions






Conclusion:
Last Updated : Jul 18, 2019, 5:45 PM IST
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