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चंद्रयान-2 का भविष्य के मिशनों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा : इसरो अधिकारी - mission gaganyan

इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन का 2022 में शुरू होने वाले गगनयान मिशन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि गगनयान मिशम में कोई समस्या नहीं होगी.

चंद्रयान
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Published : Sep 7, 2019, 10:26 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 8:07 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन का इसरो के महत्त्वकांक्षी मानवयुक्त मिशन गगनयान पर बिलकुल भी प्रभाव नहीं पड़ेगा.
बता दें कि गगनयान मिशन 2022 में शुरू होगा.

बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में पृथ्वी अवलोकन अनुप्रयोग एवं आपदा प्रबंधन कार्यक्रम कार्यालय के निदेशक पी जी दिवाकर ने कहा कि चंद्रयान और गगनयान दोनों के अलग-अलग लक्ष्य एवं आयाम हैं. दिवाकर अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिक सचिव भी रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर कोई समस्या नहीं होगी. इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उपग्रह मिशन के साथ ही मानव अंतरिक्षयान मिशन बिना किसी समस्या के बहुत सुगमता से पूरे किए जाएंगे. हर मिशन अलग प्रकार का है,'

हालांकि, दिवाकर ने चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दौरान आई गड़बड़ियों के कारणों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से संपर्क खो दिया था.

इसरो 2022 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा पिछले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में की थी.

इसके अलावा इसरो अगले साल तक भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 भी शुरू करेगा.

पढ़ें- चंद्रयान-2 पर तंज कसने वाले फवाद का देश पाक कहां खड़ा होता है ISRO के सामने, जानें

अंतरिक्ष केंद्र बनाने और मंगल एवं शुक्र ग्रह पर अंतरग्रहीय मिशन शुरू करने की भी योजना है.

दिवाकर ने कहा कि चंद्रयान की अपनी कुछ चुनौतियां थीं जबकि अन्य मिशनों के उद्देश्य अलग-अलग हैं.

जहां चंद्रयान-2 का मकसद चंद्रमा की सतह पर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग कराना था वहीं गगनयान का लक्ष्य अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें धरती पर सुरक्षित लाना है.

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन का इसरो के महत्त्वकांक्षी मानवयुक्त मिशन गगनयान पर बिलकुल भी प्रभाव नहीं पड़ेगा.
बता दें कि गगनयान मिशन 2022 में शुरू होगा.

बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में पृथ्वी अवलोकन अनुप्रयोग एवं आपदा प्रबंधन कार्यक्रम कार्यालय के निदेशक पी जी दिवाकर ने कहा कि चंद्रयान और गगनयान दोनों के अलग-अलग लक्ष्य एवं आयाम हैं. दिवाकर अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिक सचिव भी रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर कोई समस्या नहीं होगी. इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उपग्रह मिशन के साथ ही मानव अंतरिक्षयान मिशन बिना किसी समस्या के बहुत सुगमता से पूरे किए जाएंगे. हर मिशन अलग प्रकार का है,'

हालांकि, दिवाकर ने चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दौरान आई गड़बड़ियों के कारणों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से संपर्क खो दिया था.

इसरो 2022 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा पिछले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में की थी.

इसके अलावा इसरो अगले साल तक भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 भी शुरू करेगा.

पढ़ें- चंद्रयान-2 पर तंज कसने वाले फवाद का देश पाक कहां खड़ा होता है ISRO के सामने, जानें

अंतरिक्ष केंद्र बनाने और मंगल एवं शुक्र ग्रह पर अंतरग्रहीय मिशन शुरू करने की भी योजना है.

दिवाकर ने कहा कि चंद्रयान की अपनी कुछ चुनौतियां थीं जबकि अन्य मिशनों के उद्देश्य अलग-अलग हैं.

जहां चंद्रयान-2 का मकसद चंद्रमा की सतह पर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग कराना था वहीं गगनयान का लक्ष्य अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें धरती पर सुरक्षित लाना है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 21:34 HRS IST




             
  • चंद्रयान-2 का भविष्य के मिशनों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा : इसरो अधिकारी



नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन का इसरो के महत्त्वकांक्षी मानवयुक्त मिशन गगनयान पर “बिलकुल भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।” गगनयान मिशन 2022 में शुरू होगा।



बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में पृथ्वी अवलोकन अनुप्रयोग एवं आपदा प्रबंधन कार्यक्रम कार्यालय के निदेशक पी जी दिवाकर ने कहा कि चंद्रयान और गगनयान दोनों के अलग-अलग लक्ष्य एवं आयाम हैं। दिवाकर अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिक सचिव भी रहे हैं।



उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “निश्चित तौर पर कोई समस्या नहीं होगी। इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उपग्रह मिशन के साथ ही मानव अंतरिक्षयान मिशन बिना किसी समस्या के बहुत सुगमता से पूरे किए जाएंगे। हर मिशन अलग प्रकार का है।”



हालांकि दिवाकर ने चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दौरान आई गड़बड़ियों के कारणों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से संपर्क खो दिया था।



इसरो 2022 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा पिछले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में की थी। इसके अलावा इसरो अगले साल तक भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 भी शुरू करेगा।



अंतरिक्ष केंद्र बनाने और मंगल एवं शुक्र ग्रह पर अंतरग्रहीय मिशन शुरू करने की भी योजना है।



दिवाकर ने कहा कि चंद्रयान की अपनी कुछ चुनौतियां थीं जबकि अन्य मिशनों के उद्देश्य अलग-अलग हैं।



जहां चंद्रयान-2 का मकसद चंद्रमा की सतह पर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग कराना था वहीं गगनयान का लक्ष्य अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें धरती पर सुरक्षित लाना है।


Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 8:07 PM IST
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