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चंद्रयान-2 मिशन 98 फीसदी सफल : इसरो प्रमुख - चंद्रयान दो पर बोले के सिवन

इसरो प्रमुख के सिवन ने चंद्रयान-2 मिशन को 98 फीसदी सफल करार दिया है. आगे जानकारी देते हुए कहा कि लैंडर विक्रम से फिलहाल अभी संपर्क स्थापित नहीं किया जा सका है.

के सिवन, इसरो प्रमुख.
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Published : Sep 21, 2019, 4:41 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 11:45 AM IST

भुवनेश्वर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.सिवन ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 मिशन अपने उद्देश्यों में 98 प्रतिशत सफल रहा है. इसरो हालांकि अभी तक लैंडर 'विक्रम' से संपर्क स्थापित नहीं कर पाया है. सिवन ने पत्रकारों से कहा, 'हम अभी तक लैंडर से संपर्क स्थापित नहीं कर पाए हैं. परियोजना को दो भागों में विकसित किया गया है- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शन. हमने विज्ञान उद्देश्य में पूरी सफलता अर्जित कर ली है, जबकि प्रौद्योगिकी प्रदर्शन में सफलता का प्रतिशत लगभग पूरा हो गया है. इसलिए परियोजना को 98 प्रतिशत सफल बताया जा सकता है.'

इसरो के अध्यक्ष भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के आठवें दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए शहर में थे. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक परियोजना में हुई भूल का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वास्तव में लैंडर के साथ क्या गलत हुआ था.

उन्होंने कहा, 'आर्बिटर पूरी तत्परता के साथ निर्धारित वैज्ञानिक प्रयोगों को पूरा कर रहा है. आर्बिटर में आठ इंस्ट्रमेंट्स होते हैं और प्रत्येक इंस्ट्रमेंट्स वही कर रहे हैं जो इसे करना होता है.' इसरो प्रमुख ने कहा, 'शुरुआत में आर्बिटर के लिए एक वर्ष की योजना बनाई गई थी, लेकिन सर्वोत्कृष्ट मिशन योजना के साथ इस बात की पूरी संभावना है कि यह अन्य साढ़े सात वर्ष के लिए काम करेगा, जिससे हमें वैज्ञानिक परीक्षणों में मदद मिलेगी.'

पढ़ें: एस्ट्रोनॉमर ने बताया- क्यों टूटा चंद्रयान-2 से संपर्क

अगले मिशन के बारे में बताते हुए सिवन ने कहा, 'हमारी अगली प्राथमिकता गगनयान मिशन है.' उन्होंने कहा, 'हम अगले वर्ष तक इस मिशन को प्राप्त करने का लक्ष्य तय करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए हम अलग विकल्पों पर काम कर रहे हैं. लेकिन सबसे पहले, हमें यह समझना होगा कि लैंडर के साथ वास्तव में किया हुआ था. यह अभी हमारी शीर्ष प्राथमिकता है.'

भुवनेश्वर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.सिवन ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 मिशन अपने उद्देश्यों में 98 प्रतिशत सफल रहा है. इसरो हालांकि अभी तक लैंडर 'विक्रम' से संपर्क स्थापित नहीं कर पाया है. सिवन ने पत्रकारों से कहा, 'हम अभी तक लैंडर से संपर्क स्थापित नहीं कर पाए हैं. परियोजना को दो भागों में विकसित किया गया है- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शन. हमने विज्ञान उद्देश्य में पूरी सफलता अर्जित कर ली है, जबकि प्रौद्योगिकी प्रदर्शन में सफलता का प्रतिशत लगभग पूरा हो गया है. इसलिए परियोजना को 98 प्रतिशत सफल बताया जा सकता है.'

इसरो के अध्यक्ष भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के आठवें दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए शहर में थे. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक परियोजना में हुई भूल का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वास्तव में लैंडर के साथ क्या गलत हुआ था.

उन्होंने कहा, 'आर्बिटर पूरी तत्परता के साथ निर्धारित वैज्ञानिक प्रयोगों को पूरा कर रहा है. आर्बिटर में आठ इंस्ट्रमेंट्स होते हैं और प्रत्येक इंस्ट्रमेंट्स वही कर रहे हैं जो इसे करना होता है.' इसरो प्रमुख ने कहा, 'शुरुआत में आर्बिटर के लिए एक वर्ष की योजना बनाई गई थी, लेकिन सर्वोत्कृष्ट मिशन योजना के साथ इस बात की पूरी संभावना है कि यह अन्य साढ़े सात वर्ष के लिए काम करेगा, जिससे हमें वैज्ञानिक परीक्षणों में मदद मिलेगी.'

पढ़ें: एस्ट्रोनॉमर ने बताया- क्यों टूटा चंद्रयान-2 से संपर्क

अगले मिशन के बारे में बताते हुए सिवन ने कहा, 'हमारी अगली प्राथमिकता गगनयान मिशन है.' उन्होंने कहा, 'हम अगले वर्ष तक इस मिशन को प्राप्त करने का लक्ष्य तय करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए हम अलग विकल्पों पर काम कर रहे हैं. लेकिन सबसे पहले, हमें यह समझना होगा कि लैंडर के साथ वास्तव में किया हुआ था. यह अभी हमारी शीर्ष प्राथमिकता है.'

Intro:रांची.महात्मा गांधी की तरह दिखने वाले मुंबई के डॉ शरद नयामपल्ली वर्षों से गांधी जी के विचारों और उनके मार्गदर्शन पर विश्व शांति का संदेश दे रहे हैं। देश भर के स्कूल,कॉलेजों और सैकड़ों रैलियों में इन्होंने महात्मा गांधी की वेशभूषा धारण कर लोगों के बीच गांधी के विश्व शांति संदेश को पहुंचाने का मिशन चलाया है।


Body:मुंबई के रहने वाले डॉ शरद बताते हैं कि आज की युवा पीढ़ी को महात्मा गांधी के विचारों और मार्गदर्शन पर चलने की जरूरत है। जिस तरह से गांधी जी ने विश्व में शांति का संदेश दिया था। उसी राह पर वह भी निकल पड़े हैं। उन्होंने बताया कि न्यूजीलैंड की वर्ल्ड पीस ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा वर्ष 2008 में 2 अक्टूबर से 90 दिन के लिए चलाए गए विश्व शांति संदेश कार्यक्रम में भी हिस्सा लेकर कई देशों में गांधी जी के शांति संदेश को पहुंचाने का काम किया है। जिसमें इंडिया के 25 लोगों ने हिस्सा लिया था और उस दौरान वर्ल्ड मार्च निकाली गई थी। इसके जरिए विश्व शांति का प्रयास किया गया था। वहीं अब डॉ शरद वर्ल्ड पीस फ्रेंडशिप मिशन के नाम से शुरू होने वाले कार्यक्रम में जाने की योजना बना रहे हैं। जिसमें 14 देशों के लोग शामिल होंगे और उनके द्वारा आपसी सौहार्द्र का संदेश दिया जाएगा।


Conclusion:बता दें कि डॉ शरद मुंबई से ऑड्रे हाउस में आयोजित गांधी पनोरमा कार्यक्रम में शनिवार को हिस्सा लेने पहुंचे थे। जो 3 दिनों तक चलने वाला है और इसका उद्घाटन राज्य की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया गया है।
Last Updated : Oct 1, 2019, 11:45 AM IST
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