लखनऊ: राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण की शुरुआत से पहले बड़ी संख्या में दान दाता सामने आ रहे हैं. अब तक कुल एक कुंटल से अधिक चांदी व सोने की शिलाएं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को दान में मिल चुकी हैं. वहीं, अब ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि चांदी और सोने की शिलाओं की गुणवत्ता जांचने और सुरक्षित रूप से रखने के लिए बैंक के पास इतना बड़ा लाॅकर नहीं है.
भगवान राम की जन्म स्थली पर बहुप्रतीक्षित राम मंदिर निर्माण का निर्माण होने जा रहा है. प्रधानमंत्री पांच अगस्त को भगवान राम की जन्म स्थली पर राम मंदिर निर्माण की शुरुआत करेंगे. ऐसे में उत्साहित राम भक्त और राम मंदिर समर्थक देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में सोने और चांदी की शिलाएं राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दान में दे रहे हैं.
राम मंदिर निर्माण के लिए दानदाताओं की ओर से दान में दी जा रही चांदी की ईंटों को लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने एक अपील की है. उन्होंने निवेदन किया है कि भक्त मंदिर निर्माण के लिए चांदी की शिलाओं को दान में न दें. महामंत्री चंपत राय ने बताया कि देशभर से काफी संख्या में दानदाता चांदी की ईंटों को राम मंदिर निर्माण के लिए दान दे रहे हैं, जिसकी वजह से राम मंदिर ट्रस्ट एक बड़ी दुविधा में फंस गया है. बैंक के पास भी इतना बड़ा लॉकर नहीं है कि जिसमें भक्तों की ओर से दान दी जा रही धातुओं की ईंटों को रखा जा सके. साथ ही ट्रस्ट के पास सोने-चांदी की गुणवत्ता जांचने की भी प्रयाप्त व्यवस्था नहीं है.
राम मंदिर के लिए धातु से अधिक धन की आवश्यकता
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए सोने चांदी से अधिक धन की आवश्यकता है. ऐसे में ट्रस्ट देश-दुनिया के दानदाताओं से अपील करता है कि वो चांदी की ईंटों की जगह रुपयों को ट्रस्ट के बैंक अकाउंट में दान स्वरूप जमा करवाएं, जिसे राम मंदिर निर्माण में आसानी से इस्तेमाल किया जा सके. चंपत राय ने बताया कि अब तक लगभग 1 कुंटल से ज्यादा चांदी व अन्य धातुओं की ईंट राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दान की गई हैं.
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