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कश्मीरी युवा मुख्यधारा से जुड़ेंगे, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बनाई खास योजना

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर के लिए एक नया फार्मूला अपनाया है. इसका मकसद युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना है. गृह मंत्रालय के इस प्रयास का मकसद अलगाववादियों को अपने निहित स्वार्थ को पूरा करने से रोकना है. जानें क्या है पूरा मामला...

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Published : Jul 4, 2019, 11:02 PM IST

अमित शाह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कश्मीरी युवाओं को मुख्यधारा में लाने की योजना बनाई है. इसके लिए पर्यटन मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय का सहयोग लिया जाएगा. गृह मंत्रालय ने दोनों मंत्रालयों को रोजगार पैदा करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा है.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'अगर हम जम्मू-कश्मीर में युवाओं को नौकरी दे सकते हैं, तो हम खुद को मुख्य धारा से जोड़े रख सकते हैं.' सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह अमित शाह ने पर्यटन मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय ने रोजगार पैदा करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा है.

माना जा रहा है कि इस दिशा में दोनों मंत्रालय एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि जम्मू और कश्मीर अपने आप में एक बड़ा पर्यटन स्थल है.

अधिकारी ने कहा, 'अगर हम युवाओं को उचित कौशल प्रदान कर सकते हैं तो वे स्व-नियोजित हो सकते हैं,' जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी एक बड़ी वजह है, युवा अपने हाथ में हथियार ले रहे हैं.

गौरतलब है कि संसद ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक पारित किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को सरकारी नौकरियों और योजनाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा.

पढ़ें- भाजपा कार्यकर्ता गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर पदयात्रा निकालेंगे : शाह

वहीं, गृह मंत्रालय ने भी स्थानीय राजनेताओं और अलगाववादियों का पता लगाने के लिए कदम उठाए हैं.

अधिकारी ने कहा, 'अलगाववादी जम्मू-कश्मीर के युवाओं और लोगों को अपने लक्ष्यों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं ... उनकी गतिविधियों पर नजर रखना आवश्यक था.'

नई दिल्ली: एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कश्मीरी युवाओं को मुख्यधारा में लाने की योजना बनाई है. इसके लिए पर्यटन मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय का सहयोग लिया जाएगा. गृह मंत्रालय ने दोनों मंत्रालयों को रोजगार पैदा करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा है.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'अगर हम जम्मू-कश्मीर में युवाओं को नौकरी दे सकते हैं, तो हम खुद को मुख्य धारा से जोड़े रख सकते हैं.' सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह अमित शाह ने पर्यटन मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय ने रोजगार पैदा करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा है.

माना जा रहा है कि इस दिशा में दोनों मंत्रालय एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि जम्मू और कश्मीर अपने आप में एक बड़ा पर्यटन स्थल है.

अधिकारी ने कहा, 'अगर हम युवाओं को उचित कौशल प्रदान कर सकते हैं तो वे स्व-नियोजित हो सकते हैं,' जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी एक बड़ी वजह है, युवा अपने हाथ में हथियार ले रहे हैं.

गौरतलब है कि संसद ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक पारित किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को सरकारी नौकरियों और योजनाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा.

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वहीं, गृह मंत्रालय ने भी स्थानीय राजनेताओं और अलगाववादियों का पता लगाने के लिए कदम उठाए हैं.

अधिकारी ने कहा, 'अलगाववादी जम्मू-कश्मीर के युवाओं और लोगों को अपने लक्ष्यों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं ... उनकी गतिविधियों पर नजर रखना आवश्यक था.'

Intro:New Delhi: The Union Home Ministry has adopted a new formula for Jammu and Kashmir so that the youths remain in the mainstream and separatists abstain from serving their vested interest.


Body:The Union Home Minister, according to the sources, has asked Ministry of Tourism and Ministry of Skill Development to explore possibilities to generate employment. "If we can give jobs to the youths in J&K, we can keep themselves connected to the main stream," said a senior government official.

Sources said that both the ministries could play a very vital role in this regard as J&K itself is a very hot tourist destinations. "If we can provide proper skill to the youths they can be self employed," the official said.

Unemployment in J&K is a major reason, youths are taking arms in their hands.

Significantly, Parliament has recently passed the Jammu & Kashmir Reservation (Amendment) Bill giving opportunity to avail 10 percent reservation in government jobs and schemes to the people living within 10 kms area of the international border.

In fact, ever since Amit Shah assumes charge as the Home Minister, he has clearly said that Jammu & Kashmir would be his core agenda.


Conclusion:The Home Ministry has also adopted steps to unearth the local politicians and separatists.

"The separatists have been using the youths and people of J&K for their own goals...it was necessary to keep a tab on their activities," the official said.

end.
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