चेन्नई : एम.के. स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक ने तमिलनाडु विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ नारेबाजी के बीच सदन से बहिर्गमन किया.
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने जैसे ही रस्मी अभिभाषण शुरू किया, तुरंत ही स्टालिन खड़े हो गए और कुछ मुद्दों को उठाने का प्रयास करने लगे.
बाद में राज्यपाल ने सदन में विपक्ष के बिना अपना भाषण जारी रखा. राज्यपाल ने भाषण के दौरान कहा, 'मैं तमिलनाडु सरकार को बधाई देता हूं. TN सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में अग्रणी है.'
पुरोहित ने कहा कि केंद्र सरकार को कावेरी नदी के पास नए बांध बनाने की मंजूरी नहीं देनी चाहिए. और साथ ही मेकेदातु योजना को भी अस्वीकार करना चाहिए.
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राज्यपाल ने कहा कि केंद्र और केरल सरकार को मुल्ला पेरियार बांध को मजबूत करने के लिए अनुमति देनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं तमिलनाडु सरकार की और से आग्रह करता हूं कि केंद्र को श्रीलंकाई तमिलों के लिए दोहरी नागरिकता प्रदान करनी चाहिए.'
पुरोहित ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता को समर्पित स्मारक 50.80 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है, जल्द ही निर्माण पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा, 'GST के कारण TN सरकार को 7000 करोड़ की आय का नुकसान हुआ है. मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही मुआवजा प्रदान करेगी.'