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एयरलाइंस को राहत, फ्लाइट में आइसोलेशन क्षेत्र बनाने के नियम में छूट आगे बढ़ी

केंद्र सरकार ने एयरलाइंस कंपनियों को राहत देते हुए विमान के भीतर आइसोलेशन क्षेत्र बनाने की छूट को आगे बढ़ा दिया है.

एयरलाइंस को राहत
एयरलाइंस को राहत
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Published : Dec 19, 2020, 11:01 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोरोना के मामलों में प्रतिदिन कमी के बीच केंद्र सरकार ने एयरलाइंस कंपनियों को राहत देते हुए चार घंटे से अधिक की यात्रा करने वाले विमान में आइसोलेशन क्षेत्र बनाने के नियम को हटाने के फैसले को आगे बढ़ा दिया है.

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राजीव बंसल द्वारा सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के मानक में छूट की मांग के बाद यह निर्णय लिया गया है.

बता दें कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा मई में जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के मुताबिक, जब वंदे भारत मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू किया गया था, तो सरकार ने एयरलाइंस को विमान की आखिरी पंक्ति को आइसोलेशन क्षेत्र के लिए खाली रखने को कहा गया था.

गौरतलब है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा 16 दिसंबर को जारी किए गए मेमोरेंडम में आइसोलेशन के लिए किसी भी सीट को छोड़ने के मानकों में संशोधन किया और कहा कि चार घंटे से अधिक की उड़ानों के लिए अंतिम पंक्ति को आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक आइसोलेशन क्षेत्र के रूप में आरक्षित किया जाना चाहिए.

उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव ऊषा पांडेय ने कहा कि उड़ान के दौरान जिन यात्रियों में कोरोना लक्षण होंगे, उनके लिए पर्याप्त संख्या में पीपीई किट मुहैया की जानी चाहिए.

पढ़ें - पिछले 9 महीने में कोरोना ने ली 700 रेलवे कर्मचारियों की जान, 30,000 हुए संक्रमित

बता दें कि कोरोना महामारी के कारण मार्च 2020 को अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन को निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, वंदे भारत मिशन और एयर बबल के माध्यम से उड़ानों का संचालन किया जा रहा है.

सूत्रों के अनुसार, सरकार अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा द्वारा कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है.

नई दिल्ली : देश में कोरोना के मामलों में प्रतिदिन कमी के बीच केंद्र सरकार ने एयरलाइंस कंपनियों को राहत देते हुए चार घंटे से अधिक की यात्रा करने वाले विमान में आइसोलेशन क्षेत्र बनाने के नियम को हटाने के फैसले को आगे बढ़ा दिया है.

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राजीव बंसल द्वारा सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के मानक में छूट की मांग के बाद यह निर्णय लिया गया है.

बता दें कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा मई में जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के मुताबिक, जब वंदे भारत मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू किया गया था, तो सरकार ने एयरलाइंस को विमान की आखिरी पंक्ति को आइसोलेशन क्षेत्र के लिए खाली रखने को कहा गया था.

गौरतलब है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा 16 दिसंबर को जारी किए गए मेमोरेंडम में आइसोलेशन के लिए किसी भी सीट को छोड़ने के मानकों में संशोधन किया और कहा कि चार घंटे से अधिक की उड़ानों के लिए अंतिम पंक्ति को आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक आइसोलेशन क्षेत्र के रूप में आरक्षित किया जाना चाहिए.

उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव ऊषा पांडेय ने कहा कि उड़ान के दौरान जिन यात्रियों में कोरोना लक्षण होंगे, उनके लिए पर्याप्त संख्या में पीपीई किट मुहैया की जानी चाहिए.

पढ़ें - पिछले 9 महीने में कोरोना ने ली 700 रेलवे कर्मचारियों की जान, 30,000 हुए संक्रमित

बता दें कि कोरोना महामारी के कारण मार्च 2020 को अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन को निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, वंदे भारत मिशन और एयर बबल के माध्यम से उड़ानों का संचालन किया जा रहा है.

सूत्रों के अनुसार, सरकार अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा द्वारा कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है.

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