नई दिल्ली : ऑल असम स्टू़डेंट्स यूनियन (आसू) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर केंद्र सरकार पर विभाजन और शासन की नीति का आरोप लगाया है. इसके साथ ही आसू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अधिनियम के दायरे से इनर लाइन परमिट (ILP) और 6वीं अनुसूची क्षेत्रों को बाहर करने के पीछे का कारण स्पष्ट करने को कहा है.
आसू ने इसी क्रम में विवादास्पद सीएए को रद करने की मांग करते हुए कहा कि वे अवैध बांग्लादेशियों को क्षेत्र में आने और स्थानीय लोगों पर अधिकार जमाने की इजाजत नहीं दे सकते.
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नेसो और आसू के सलाहकार समुज्जल कुमार भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन में असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल पर नए कानून का समर्थन करके राज्य की जनता के हितों के साथ छल करने का आरोप लगाया.
समुज्जल ने कहा, 'सीएए साम्प्रदायिक व असंवैधानिक है और संविधान का उल्लंघन करता है. जब तक नए कानून को निरस्त नहीं किया जाता, हम उसके खिलाफ अहिंसक आंदोलन जारी रखेंगे.'
भट्टाचार्य ने कहा कि सीएए अवैध प्रवासियों को नागरिकता देने की नरेंद्र मोदी सरकार की चाल है. उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह उसी तरह पाकिस्तानियों को भारत-पाकिस्तान सीमा के रास्ते अवैध रूप से गुजरात आने की इजाजत देंगे, जिस तरह बांग्लादेशियों को असम आने की अनुमति दे रहे हैं.