नई दिल्ली : केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को शुक्रवार को बताया कि वह दक्षिण दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर के निर्माण के लिए श्रद्धालुओं की एक समिति को 200 वर्ग मीटर इलाका सौंपने का इच्छुक है.
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश हुए अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल के प्रस्ताव को दर्ज किया और मंदिर के निर्माण की मांग कर रहे पक्षकारों से कहा कि यदि उन्हें कोई आपत्ति है तो वे सोमवार तक इसे दर्ज कराएं.
वेणुगोपाल ने शुरुआत में कहा कि उन्होंने श्रद्धालुओं और सरकारी अधिकारियों समेत सभी पक्षकारों के साथ विचार-विमर्श किया है. केंद्र स्थल के लिए श्रद्धालुओं की आस्था एवं संवेदनशीलता को देखते हुए भूमि का वही टुकड़ा देने के लिए सहमत हो गया है.
वेणुगोपाल ने कहा, 'मंदिर के निर्माण के लिए श्रद्धालुओं की एक समिति को स्थल का वही 200 वर्ग मीटर का क्षेत्र सौंपा जा सकता है.'
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उन्होंने बताया कि मंदिर को ध्वस्त किए जाने के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले सात में से पांच याचिकाकर्ताओं ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है.
शीर्ष अदालत ने दिल्ली के तुगलकाबाद वन क्षेत्र में गुरु रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण की अनुमति का अनुरोध करने संबंधी याचिका के संबंधित पक्षकारों से चार अक्टूबर को कहा था कि वे मंदिर के लिये एक बेहतर जगह के सर्वमान्य समाधान के साथ उनके पास वापस आएं.
उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वह सभी की भावनाओं का सम्मान करता है लेकिन कानून का पालन तो करना ही होगा.
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण ने इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया था, जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे.