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केंद्र सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है : यशवंत सिन्हा - yashwant sinha on caa

देश के पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्र पर निशाना साधा है उन्होंने कहा कि 'अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सीएए कानून को लाया गया है.' पढे़ं पूरा विवरण...

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अखिलेश यादव, पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा
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Published : Jan 27, 2020, 4:38 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 4:00 AM IST

लखनऊ : देश के पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है, और इसीलिए वह लोगों का ध्यान भटकाने का काम कर रही है. सीएए के खिलाफ गांधी शांति यात्रा का नेतृत्व कर रहे यशवंत सिन्हा लखनऊ पहुंचे.

इस दौरान उनके साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रसिद्ध अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा भी मौजूद रहे. यशवंत सिन्हा ने पत्रकारों से कहा, 'अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सीएए कानून को लाया गया है.

मोदी सरकार ने अर्थव्यस्था को दिवालिया बना दिया है. सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है.'

भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता सिन्हा ने कहा, 'आज देश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब हो चुकी है कि एयर इंडिया को खरीदार तक नहीं मिल रहे हैं. सरकार ने आरबीआई से करीब एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये लेकर कुछ उद्योगपतियों को दे दिया. इससे अर्थव्यवस्था को कोई फायदा नहीं हुआ है. किसानों के पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है.'

उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर कहा कि 'यह पूरी तरह असंवैधानिक है. यह सिर्फ समाज को बांटने और समाज में आग लगाने के लिए लाया गया है. इसके अलावा इसका कोई मकसद नहीं है.' यशवंत सिन्हा ने कहा, 'सीएए, एनआरसी और एनपीआर वर्तमान मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए लाए गए हैं. इनकी कोई आवश्यकता नहीं है. इन्हें वापस लिया जाना चाहिए.'

पढ़ें : सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और पीएफआई का सीधा संबंध : ईडी

सिन्हा ने कहा, 'धर्म के आधार पर इस तरह के कानून बनाने की जरूरत नहीं है. सरकार ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, उसके आधार पर इस कानून को लागू नहीं किया जा सकता. अभी कानून पूरी तरह से नहीं बना है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले-जिले में लोगों की पहचान करनी शुरू कर दी है कि किसको किसको नागरिकता दी जानी है.' उन्होंने कहा कि समाज को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश हो रही है.

उन्होंने कहा, आज देश में शांति की परम आवश्यकता है. सबसे ज्यादा नुकसान अर्थव्यवस्था का होता है, जब देश में अशांति होती है. सरकार के कदम की वजह से देश में अशांति और कोलाहल का वातावरण फैला हुआ है. इसकी वजह एनआरसी और सीएए है. सरकार का कार्य भय दूर करना होता है.

यशवंत ने कहा, इसी शहर में गृहमंत्री ने बोला था हम एक इंच नही हटेंगे. क्या गृहमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए. ऐसा बयान उनके मुंह से शोभा नहीं देता है. उनका यह बयान अलोकतांत्रिक है. सरकार जनता के खिलाफ काम कर रही है.

इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा, केंद्र सरकार सत्य को मारना चाहती है. नोटबंदी के बाद आतंकवाद की कमर टूटने की बात की जा रही थी. अवैध लेनदेन बंद हो जाएंगे. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. फिर पीएफआई द्वारा करोड़ों का लेनदेन कैसे हुआ.

जांच एजेंसिया क्या कर रही हैं. सरकार हिंसा का सहारा ले रही है. इन लोगों ने अर्थव्यवस्था की ढपली फाड़ दी है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, सरकार की यह नीति राष्ट्रविरोधी है. इसका हम विरोध करते हैं. किसी भी तरह हम इस कानून को मानने को तैयार नहीं हैं. नो एनआरसी नो सीएए. यशवंत सिन्हा ने नौ जनवरी, 2020 से मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से सीएए के खिलाफ गांधी शांति यात्रा शुरू की हैं, जो महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंची है. यात्रा का समापन 30 जनवरी को दिल्ली में राजघाट पर होगा.

लखनऊ : देश के पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है, और इसीलिए वह लोगों का ध्यान भटकाने का काम कर रही है. सीएए के खिलाफ गांधी शांति यात्रा का नेतृत्व कर रहे यशवंत सिन्हा लखनऊ पहुंचे.

इस दौरान उनके साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रसिद्ध अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा भी मौजूद रहे. यशवंत सिन्हा ने पत्रकारों से कहा, 'अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सीएए कानून को लाया गया है.

मोदी सरकार ने अर्थव्यस्था को दिवालिया बना दिया है. सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है.'

भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता सिन्हा ने कहा, 'आज देश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब हो चुकी है कि एयर इंडिया को खरीदार तक नहीं मिल रहे हैं. सरकार ने आरबीआई से करीब एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये लेकर कुछ उद्योगपतियों को दे दिया. इससे अर्थव्यवस्था को कोई फायदा नहीं हुआ है. किसानों के पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है.'

उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर कहा कि 'यह पूरी तरह असंवैधानिक है. यह सिर्फ समाज को बांटने और समाज में आग लगाने के लिए लाया गया है. इसके अलावा इसका कोई मकसद नहीं है.' यशवंत सिन्हा ने कहा, 'सीएए, एनआरसी और एनपीआर वर्तमान मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए लाए गए हैं. इनकी कोई आवश्यकता नहीं है. इन्हें वापस लिया जाना चाहिए.'

पढ़ें : सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और पीएफआई का सीधा संबंध : ईडी

सिन्हा ने कहा, 'धर्म के आधार पर इस तरह के कानून बनाने की जरूरत नहीं है. सरकार ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, उसके आधार पर इस कानून को लागू नहीं किया जा सकता. अभी कानून पूरी तरह से नहीं बना है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले-जिले में लोगों की पहचान करनी शुरू कर दी है कि किसको किसको नागरिकता दी जानी है.' उन्होंने कहा कि समाज को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश हो रही है.

उन्होंने कहा, आज देश में शांति की परम आवश्यकता है. सबसे ज्यादा नुकसान अर्थव्यवस्था का होता है, जब देश में अशांति होती है. सरकार के कदम की वजह से देश में अशांति और कोलाहल का वातावरण फैला हुआ है. इसकी वजह एनआरसी और सीएए है. सरकार का कार्य भय दूर करना होता है.

यशवंत ने कहा, इसी शहर में गृहमंत्री ने बोला था हम एक इंच नही हटेंगे. क्या गृहमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए. ऐसा बयान उनके मुंह से शोभा नहीं देता है. उनका यह बयान अलोकतांत्रिक है. सरकार जनता के खिलाफ काम कर रही है.

इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा, केंद्र सरकार सत्य को मारना चाहती है. नोटबंदी के बाद आतंकवाद की कमर टूटने की बात की जा रही थी. अवैध लेनदेन बंद हो जाएंगे. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. फिर पीएफआई द्वारा करोड़ों का लेनदेन कैसे हुआ.

जांच एजेंसिया क्या कर रही हैं. सरकार हिंसा का सहारा ले रही है. इन लोगों ने अर्थव्यवस्था की ढपली फाड़ दी है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, सरकार की यह नीति राष्ट्रविरोधी है. इसका हम विरोध करते हैं. किसी भी तरह हम इस कानून को मानने को तैयार नहीं हैं. नो एनआरसी नो सीएए. यशवंत सिन्हा ने नौ जनवरी, 2020 से मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से सीएए के खिलाफ गांधी शांति यात्रा शुरू की हैं, जो महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंची है. यात्रा का समापन 30 जनवरी को दिल्ली में राजघाट पर होगा.

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केंद्र सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है : यशवंत सिन्हा





लखनऊ, 27 जनवरी (आईएएनएस)| देश के पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने केन्द्र सरकार पर सोमवार को निशाना साधा और कहा कि सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है, और इसीलिए वह लोगों का ध्यान भटकाने का काम कर रही है. सीएए के खिलाफ गांधी शांति यात्रा का नेतृत्व कर रहे यशवंत सिन्हा सोमवार को लखनऊ पहुंचे. इस दौरान उनके साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रसिद्ध अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा भी मौजूद रहे. यशवंत सिन्हा ने पत्रकारों से कहा, "अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सीएए कानून को लाया गया है. मोदी सरकार ने अर्थव्यस्था को दिवालिया बना दिया है. सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है."



भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता सिन्हा ने कहा, "आज देश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब हो चुकी है कि एयर इंडिया को खरीदार तक नहीं मिल रहे हैं. सरकार ने आरबीआई से करीब एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये लेकर कुछ उद्योगपतियों को दे दिया. इससे अर्थव्यवस्था को कोई फायदा नहीं हुआ है. किसानों के पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है."



उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर कहा कि "यह पूरी तरह असंवैधानिक है. यह सिर्फ समाज को बांटने और समाज में आग लगाने के लिए लाया गया है. इसके अलावा इसका कोई मकसद नहीं है."



यशवंत सिन्हा ने कहा, "सीएए, एनआरसी और एनपीआर वर्तमान मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए लाए गए हैं. इनकी कोई आवश्यकता नहीं है. इन्हें वापस लिया जाना चाहिए."



सिन्हा ने कहा, "धर्म के आधार पर इस तरह के कानून बनाने की जरूरत नहीं है. सरकार ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, उसके आधार पर इस कानून को लागू नहीं किया जा सकता. अभी कानून पूरी तरह से नहीं बना है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले-जिले में लोगों की पहचान करनी शुरू कर दी है कि किसको किसको नागरिकता दी जानी है." उन्होंने कहा कि समाज को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश हो रही है.



उन्होंने कहा,  आज देश में शांति की परम आवश्यकता है. सबसे ज्यादा नुकसान अर्थव्यवस्था का होता है, जब देश में अशांति होती है. सरकार के कदम की वजह से देश में अशांति और कोलाहल का वातावरण फैला हुआ है. इसकी वजह एनआरसी और सीएए है. सरकार का कार्य भय दूर करना होता है.



यशवंत ने कहा, इसी शहर में गृहमंत्री ने बोला था हम एक इंच नही हटेंगे. क्या गृहमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए. ऐसा बयान उनके मुंह से शोभा नहीं देता है. उनका यह बयान अलोकतांत्रिक है. सरकार जनता के खिलाफ काम कर रही है.



इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा, केंद्र सरकार सत्य को मारना चाहती है. नोटबंदी के बाद आतंकवाद की कमर टूटने की बात की जा रही थी. अवैध लेनदेन बंद हो जाएंगे. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. फिर पीएफआई द्वारा करोड़ों का लेनदेन कैसे हुआ. जांच एजेंसिया क्या कर रही हैं. सरकार हिंसा का सहारा ले रही है. इन लोगों ने अर्थव्यवस्था की ढपली फाड़ दी है.



शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, सरकार की यह नीति राष्ट्रविरोधी है. इसका हम विरोध करते हैं. किसी भी तरह हम इस कानून को मानने को तैयार नहीं हैं. नो एनआरसी नो सीएए.



यशवंत सिन्हा ने नौ जनवरी, 2020 से मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से सीएए के खिलाफ गांधी शांति यात्रा शुरू की हैं, जो महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंची है. यात्रा का समापन 30 जनवरी को दिल्ली में राजघाट पर होगा.


Conclusion:
Last Updated : Feb 28, 2020, 4:00 AM IST
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