नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को 21 शहरों के पानी की गुणवत्ता रैंकिंग जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का पानी पीने के योग्य नहीं है. रैंकिंग के अनुसार, देश में सबसे अच्छे पेयजल की सुविधा मुंबई में है.
सरकार ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स को देशभर के विभिन्न शहरों से पानी के नमूने एकत्र कर उनकी जांच करने और उसके अनुरूप शहरों की रैंकिंग जारी करने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि मुंबई का पानी हर मानक पर पास हुआ है. वहीं, इन मानकों पर अन्य सभी शहरों के मुकाबले दिल्ली का सबसे खराब प्रदर्शन रहा.
बता दें केंद्रीय उपभोक्ता खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत ही भारतीय मानक ब्यूरो आता है.
गौरतलब है कि पीएम मोदी के जल जीवन मिशन के लक्ष्यों के अनुरूप और उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के अनुसार भारतीय मानक ब्यूरो ने पाइप द्वारा दिए जा रहे पीने योग्य पानी की गुणवत्ता के संदर्भ में एक अध्ययन करने का निर्णय लिया था.
इस मामले पर भारतीय मानक ब्यूरो के उपनिदेशक जे राय चौधरी ने बताया कि प्रथम चरण में पीने योग्य पानी के नमूने दिल्ली के अलग-अलग जगहों से लिए गए और द्वितीय चरण में नमूने 20 राज्यों के राजधानी से लेकर भारतीय मानक 10500:2012 के अनुसार जांच करवाने भेजे गए.
जहां प्रथम चरण में विभिन्न प्रकार के रसायनिक, टॉक्सिक पदार्थ, जीवाणुतत्व पैरामीटर पर इन नमूनों की जांच की गई.
दिल्ली के सभी 11 नमूने भारतीय मानक के अनुरूप नहीं पाए गए, नमूने कई पैरामीटर में फेल पाए गए, मुंबई से लिए गये सभी 10 नमूने भारतीय मानक के अनुरूप पाए गए, हैदराबाद भुवनेश्वर, रांची, रायपुर,अमरावती और शिमला इन शहरों से लिए गए 1 या उससे अधिक नमूने भारतीय मानक के अनुरूप नहीं पाए गए.
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इसके अलावा दूसरे चरण में 13 राज्यों की राजधानी जैसे चंडीगढ़, लखनऊ, तिरुवंतपुरम, पटना, भोपाल, गुवाहाटी, बेंगलुरु, गांधीनगर, जयपुर, देहरादून चेन्नई और कोलकाता से लिया गया एक भी नमुना भारतीय मानक के अनुरूप नहीं पाया गया.
तृतीय चरण में उत्तर पूर्वी राज्यों की राजधानियों व आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा चिन्हित स्मार्ट सिटीस के नमूने जांच के लिए भेजे गए. हालांकि, इसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है, रिपोर्ट 15 जनवरी 2020 तक आने की संभावना है,
चौथे चरण में सभी जिलों के मुख्यालयों से पीने योग्य पानी के नमूने लेकर उसकी जांच करवाने की योजना है जो 15 अगस्त 2020 तक संपन्न होने की संभावना है