नई दिल्लीः लोकसभा में आज अंतरराज्यीय नदी जल विवाद संशोधन विधेयक 2019 को पारित कर दिया गया. वहीं बांध सुरक्षा विधेयक 2019 को चर्चा के लिए पेश किया गया. तमिलनाडू के सांसद ने इन विधेयकों का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इनको पारित करने की जल्दी में है. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाए कि वह राज्यों की स्वायत्तता में बाधा पौदा कर रहा है.
विदुथलाई चिरुथाईगल कात्ची (VKC) के महासचिव डी रविकुमार ने कहा कि, 'ऐसा लग रहा है कि केंद्र इन दो विधेयकों को पारित करने की जल्दी में है. उन्होंने बांध सुरक्षा विधेयक को दो दिन पहले ही सदन में पेश किया था. अंतर राज्यीय नदी जल विवाद संशोधन विधेयक 2019 और बांध की सुरक्षा विधेयक 2019 पर चर्चा चल रही है पर सरकार विधेयक को पारित करने की जल्दी में है.'
रविकुमार ने कहा कि यह दोनों विधेयक तमिलनाडु के हित के खिलाफ हैं.
रविकुमार आगे कहते हैं, 'तमिलनाडु में ज्यादातर नदियां अंतर राज्यीय हैं. हम पहले ही कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल से मुकदमा लड़ रहे हैं. यह कानून केंद्र द्वारा स्थापित सभी न्यायाधिकरणों को समाप्त कर देगा. इतना ही नहीं, यह कानून राज्यों की स्वायत्तता के लिए एक चुनौती है.'
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बांध सुरक्षा विधेयक पर रविकुमार कहते हैं, 'तामिलनाडु के केरल में चार बांध हैं. वह बांध अंतर्राज्यीय समझौते के तहत तमिलनाडु द्वारा नियंत्रित हैं. इस नए कानून से राज्य पर गंभीर असर पड़ेगा.'
गौरतलब है कि लगभग सभी विपक्षी पार्टियां इस विधेयक का विरोध कर रही हैं.