नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने थर्ड जेंडर (तृतीय लिंग) समुदाय के लोगों से जुड़ी हुई नीतियां, कार्यक्रम, कानून और परियोजना बनाने के लिए राष्ट्रीय परिषद का गठन किया है, ताकि समाज में उन्हें समानता का अधिकारी मिल सके और अपने पूरी तरह भागीदारी निभा सकें.
केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) कानून, 2019 के तहत परिषद का गठन किया है. यह जानकारी शुक्रवार की देर रात को जारी गजट अधिसूचना में दी गई.
कानून के मुताबिक, परिषद का कार्य किन्नरों (थर्ड जेंडर) के संबंध में नीतियां, कार्यक्रम, कानून और परियोजनाएं बनाने में केंद्र को सलाह देना होगा. साथ ही वह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समानता हासिल करने और पूरी तरह भागीदारी करने के लिए बनाई गई नीतियों और कार्यक्रमों की निगरानी करेगा और नीतियों के प्रभाव का आकलन करेगा.
परिषद के अन्य कार्य ट्रांसजेंडर से जुड़े मामलों को देख रहे सरकार के सभी विभागों, सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की गतिविधियों की समीक्षा करना और उनके बीच समन्वय करना होगा ताकि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की समस्याओं का समाधान किया जा सके. साथ ही केंद्र की तरफ से बताए गए इस तरह के अन्य कार्य करना होगा.
परिषद में समुदाय के सदस्यों, पांच राज्यों और दस केंद्रीय विभागों का प्रतिनिधित्व होगा.
गजट अधिसूचना के मुताबिक, इसके अध्यक्ष सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री होंगे जबकि उपाध्यक्ष मंत्रालय के एक कनिष्ठ मंत्री होंगे. अन्य सदस्य स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, गृह मंत्रालय, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, अल्पसंख्यक मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय से होंगे.
राज्य सरकार और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों में उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के एक-एक प्रतिनिधि होंगे. इन क्षेत्रों से किन्नर समुदाय के एक-एक प्रतिनिधियों की भी घोषणा की गई है.
परिषद में पूर्व क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहीं ट्रांसजेंडर समुदाय की सदस्य मीरा परीदा ने कहा कि उन्हें समुदाय के सदस्यों के समक्ष उत्पन्न समस्याओं की पहचान करना और इस पर सरकार को सलाह देना होगा.
परीदा ने कहा, 'हमें अभी तक विस्तार से नहीं बताया गया है, लेकिन मेरा मानना है कि हमें ट्रांसजेंडर समुदाय की समस्याओं की पहचान करने और उनका संभावित हल ढूंढने में सरकार की मदद करने की जिम्मेदारी दी जाएगी.'