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इशरत जहां एनकाउंटर: डीजी वंजारा पर नहीं चलेगा मुकदमा - NK Amin

गुजरात के पूर्व पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा को सीबीआई अदालत ने बड़ी राहत दी है. इशरत जहां मामले में अब उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलेगा. अधिक जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

एनके अमीन और डीजी बंजारा
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Published : May 2, 2019, 3:09 PM IST

Updated : May 2, 2019, 4:07 PM IST

अहमदाबाद: CBI की विशेष अदालत ने इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिस अधिकारियों डी.जी.वंजारा और एन. के. अमीन को आरोपमुक्त कर दिया है. गुजरात सरकार की ओर से दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति CBI को नहीं मिलने के बाद वंजारा और अमीन ने आरोपमुक्त करने की अर्जी दी थी.

CBI की विशेष अदालत के जज जे. के. पांड्या ने कहा कि चूंकि सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी है, ऐसे में उनकी आरोपमुक्त करने की अर्जी को मंजूर किया जाता है. इसलिए उनके खिलाफ चल रहा मामला खत्म किया जाता है.

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सरकारी ड्यूटी के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा किए गए काम के सिलसिले में मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मिलना अनिवार्य है.

बरी होने के बाद डीजी वंजारा का बयान

पढ़ें: वंजारा, अमीन की याचिका पर दो मई को आ सकता है आदेश

मुंबई के पास मुंब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर की 15 जून, 2004 में अहमदाबाद के बाहर पुलिस के साथ हुई कथित फर्जी मुठभेड़ में मौत हो गई थी.

डी.जी.वंजारा ने बरी होने के बाद कहा कि वे लोग आतंकवादी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने के लिए गुजरात आए थे. उन्होंने ने कहा हमारे ऊपर झूठे केस किए गये थे,जिसकी वजह से हमें आठ साल जेल में रहना पड़ा.

अहमदाबाद: CBI की विशेष अदालत ने इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिस अधिकारियों डी.जी.वंजारा और एन. के. अमीन को आरोपमुक्त कर दिया है. गुजरात सरकार की ओर से दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति CBI को नहीं मिलने के बाद वंजारा और अमीन ने आरोपमुक्त करने की अर्जी दी थी.

CBI की विशेष अदालत के जज जे. के. पांड्या ने कहा कि चूंकि सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी है, ऐसे में उनकी आरोपमुक्त करने की अर्जी को मंजूर किया जाता है. इसलिए उनके खिलाफ चल रहा मामला खत्म किया जाता है.

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सरकारी ड्यूटी के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा किए गए काम के सिलसिले में मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मिलना अनिवार्य है.

बरी होने के बाद डीजी वंजारा का बयान

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मुंबई के पास मुंब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर की 15 जून, 2004 में अहमदाबाद के बाहर पुलिस के साथ हुई कथित फर्जी मुठभेड़ में मौत हो गई थी.

डी.जी.वंजारा ने बरी होने के बाद कहा कि वे लोग आतंकवादी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने के लिए गुजरात आए थे. उन्होंने ने कहा हमारे ऊपर झूठे केस किए गये थे,जिसकी वजह से हमें आठ साल जेल में रहना पड़ा.

Intro:Body:

cbi court drops case against ex officers dg vanzara and nk amin

 


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Last Updated : May 2, 2019, 4:07 PM IST
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