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फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल के कुछ डायलॉग हटाने की मांग खारिज

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Published : Aug 28, 2020, 4:37 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल के कुछ डायलॉग हटाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वह अपनी मांग सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पास रखें. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल
गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल

नई दिल्ली : फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल के कुछ डायलॉग हटाने या उसमें बदलाव करने की मांग वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी मांग सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पास रखें.

दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

बता दें कि यह याचिका जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन नामक एनजीओ के अध्यक्ष सत्यम सिंह राजपूत ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म के संवादों से भारतीय वायुसेना की नकारात्मक छवि बन रही है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अमित शर्मा ने कहा कि इस फिल्म के कुछ दृश्य और डायलॉग तथ्यात्मक रुप से गलत हैं.

याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म में वायुसेना की पूर्व फ्लाईट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना के काम के बारे में गलत बातें कही गई हैं. इस फिल्म में वायुसेना के पुरुष अधिकारियों को स्त्री जाति से घृणा करनेवाले के रुप में दर्शाया गया है.

यह भी पढ़ें- गुंजन सक्सेना पर बनी फिल्म की स्क्रीनिंग बंद होनी चाहिए : राष्ट्रीय महिला आयोग

याचिका में कहा गया था कि फिल्म में वायुसेना के बारे में कहा गया है कि वो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करता है. इस फिल्म में भारतीय वायुसेना के बारे में कई मनगढ़ंत बातें कही गई हैं. फिल्मकार ने सिनेमा लाइसेंस की आड़ में वायुसेना के बारे में गलत तथ्यों को पेश किया है.

नई दिल्ली : फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल के कुछ डायलॉग हटाने या उसमें बदलाव करने की मांग वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी मांग सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पास रखें.

दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

बता दें कि यह याचिका जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन नामक एनजीओ के अध्यक्ष सत्यम सिंह राजपूत ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म के संवादों से भारतीय वायुसेना की नकारात्मक छवि बन रही है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अमित शर्मा ने कहा कि इस फिल्म के कुछ दृश्य और डायलॉग तथ्यात्मक रुप से गलत हैं.

याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म में वायुसेना की पूर्व फ्लाईट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना के काम के बारे में गलत बातें कही गई हैं. इस फिल्म में वायुसेना के पुरुष अधिकारियों को स्त्री जाति से घृणा करनेवाले के रुप में दर्शाया गया है.

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याचिका में कहा गया था कि फिल्म में वायुसेना के बारे में कहा गया है कि वो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करता है. इस फिल्म में भारतीय वायुसेना के बारे में कई मनगढ़ंत बातें कही गई हैं. फिल्मकार ने सिनेमा लाइसेंस की आड़ में वायुसेना के बारे में गलत तथ्यों को पेश किया है.

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