कोलकाता : मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल का एक ऐतिहासिक शहर है. जो मुगल और ब्रिटिश काल के दौरान एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा था. माना जाता है कि 1857 का सिपाही विद्रोह (Sepoy mutiny) मुर्शिदाबाद के बहरामपुर के बैरक चौक से शुरू हुआ था. बैरक चौक में चार तोप हैं जो 1857 के सिपाही विद्रोह के गवाह हैं. लेकिन इनकी हालत बदतर हो चुकी है और सरकार का इनकी तरफ जरा भी ध्यान नहीं है. स्थानीय प्रशासन इन धरोहरों की उपेक्षा कर रहा है.
1765 से 1767 के बीच बहरामपुर की स्थापना हुई थी. बैरक चौक के विपरीत ब्रिटिश ने वहां 'मैगजीन्स बिल्डिंग' नामक एक इमारत बनाई थी, जहां गोला-बारूद का भंडार था. अभी भी बहरामपुर में यहां इमारत बरकरार है.
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विशेषज्ञ तोपों के संरक्षण की मांग कर रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को भारतीय इतिहास के इन साक्ष्यों का ध्यान रखना चाहिए. जिससे पर्यटकों और छात्रों को लाभ होगा.