नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सीट पाने के लिए भारत लंबे समय से कोशिश कर रहा है. हालांकि अन्य देशों समेत भारत के इस प्रयास का कोई नतीजा अब तक नहीं निकला है. इस संबंध में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक प्रो. हर्ष वी. पंत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
गौरतलब है कि UNSC सदस्यता के अलावा यदि P5 सदस्य देशों की बात करें, जिनके पास वीटो पावर है तो किसी ने भी UNSC (यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल) में सुधार लाने के लिए कोई उत्साह नहीं दिखाया है. क्योंकि यह वर्तमान विश्व व्यवस्था में उनके अधिकारों को खतरे में डाल सकता है.
हाल ही में दुनिया को यह बताने के अलावा कि भारत UNSC में एक स्थायी सीट पाने का हकदार क्यों है, भारत ने विश्व निकाय की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
इसी क्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ह्यूस्टन और संयुक्त राष्ट्र के भाषण में बहु-ध्रुवीय विश्व व्यवस्था के बारे में बात की.
हाल ही में विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने दावा किया था कि भारत के बिना UNSC संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता को प्रभावित करता है.
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इस संबंध में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक प्रो. हर्ष वी. पंत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है.
प्रो पंत का मानना है कि वर्तमान में UNSC में किसी भी सुधार की बहुत संभावना नहीं है क्योंकि यह राजनीतिक मुद्दा है, जहां चीन कदापि नहीं चाहेगा कि भारत इसका हिस्सा बने.
हालांकि प्रो. पंत ने यह भी दोहराया कि विदेश मंत्री कह चुके हैं कि यदि संयुक्त राष्ट्र में सुधार नहीं होता तो इसकी विश्वसनीयता दांव पर है.
आपको बता दें, इससे पहले भारत सात बार UNSC का गैर स्थायी सदस्य रहा है.