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मिजोरम : असम राइफल्स ने शुरू किया ड्रग्स के खिलाफ अभियान

ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए असम राइफल्स ने मिजोरम में नई पहल की है. गौर हो कि मिजोरम में नशे के आदियों की संख्या सबसे ज्यादा है. असम राइफल्स का यह अभियान कई चरणों में चलाया जाएगा, जिसका उद्देश्य जड़ से ड्रग्स की समस्या को खत्म करना है.

campaign against drugs
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Published : Jan 2, 2021, 9:58 PM IST

आइजोल : असम राइफल्स ने मिजोरम में एंटी ड्रग अभियान के पहले चरण की शुरुआत की. अभियान को चार चरणों में आयोजित करने की योजना है. राज्य सरकार ड्रग पर अंकुश लगाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है. असम राइफल्स ने भी सिविल प्रशासन की सहायता के साथ और समाज के समग्र उत्थान में मदद करने और एक प्रगतिशील तरीके से ड्रग्स के चंगुल से युवाओं को निकालने में मदद करने के लिए यह व्यापक पहल की है.

1984 के बाद से मिजोरम में 131 महिलाओं सहित 1630 लोगों की नशीले पदार्थों के दुरुपयोग से मौत हुई हैं. 2020 में 50 लोगों की मौत हुई. भारत में जनसंख्या का लगभग 0.7 प्रतिशत हिस्सा ड्रग्स से प्रभावित है.

प्रभावितों की संख्या सबसे ज्यादा मिजोरम में है. समाज कल्याण विभाग द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि आइजोल (27.8%) में कुल ड्रग उपयोगकर्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यह संख्या सबसे कम ल्वांगट्लाई (5.9%) में है.

सर्वेक्षण में भाग लेने वाले ज्यादातर लोगों ने माध्यमिक शिक्षा पूरी की थी. 30-40 प्रतिशत ने हाई स्कूल पास किया था और 10-15 प्रतिशत ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी. अधिकांश ड्रग्स उपयोगकर्ता बेरोजगार थे और उनकी आय का मुख्य स्त्रोत ड्रग्स बेचना ही था. वहीं ड्रग्स लेने वालों में 94 प्रतिशत पुरुष थे.

संख्या चिंताजनक है और इसलिए इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ड्रग मुक्त वातावरण बनाना है, जिससे इस समस्या को जड़ से खत्म किया जा सके. अभियान को स्थानीय प्रशासन और मिजोरम में विभिन्न गैर सरकारी और एंटी ड्रग संगठनों के सहयोग से चलाया जाएगा.

अभियान के लक्ष्यों में ड्रग्स से संबंधित अपराध और हिंसा को कम करने के साथ-साथ स्वास्थ्य और सामाजिक खर्च को भी कम करना है. इसके तहत मिजो युवाओं को अवैध ड्रग्स को अस्वीकार करने और सामयिक उपयोगकर्ताओं को इसका उपयोग रोकने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

इस अभियान का कार्यक्रम महानिरीक्षक असम राइफल (पूर्व) के तत्वावधान में कराया गया. इस दौरान ब्रिगेडियर दिग्विजय सिंह, एसएम ने राज्य के सभी प्रमुख गैर सरकारी संगठनों की उपस्थिति में शपथ दिलाई. आइजोल बटालियन के कमांडेंट ने अभियान का प्लान साझा किया.

पढ़ें-देश में मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन की स्थिति काफी गंभीर : एनसीबी प्रमुख

कार्यक्रम के दौरान ड्रग्स के नकारात्मक प्रभावों पर बनाई गई एक वीडियो भी दिखाई गई. गैर सरकारी संगठनों ने भी असम राइफल्स द्वारा इस पहल के लिए अपना हार्दिक आभार व्यक्त किया. रॉयल नाइट्स और असम राइफल्स द्वारा लुंग्लेई में एक बाइक रैली भी आयोजित की गई.

आइजोल : असम राइफल्स ने मिजोरम में एंटी ड्रग अभियान के पहले चरण की शुरुआत की. अभियान को चार चरणों में आयोजित करने की योजना है. राज्य सरकार ड्रग पर अंकुश लगाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है. असम राइफल्स ने भी सिविल प्रशासन की सहायता के साथ और समाज के समग्र उत्थान में मदद करने और एक प्रगतिशील तरीके से ड्रग्स के चंगुल से युवाओं को निकालने में मदद करने के लिए यह व्यापक पहल की है.

1984 के बाद से मिजोरम में 131 महिलाओं सहित 1630 लोगों की नशीले पदार्थों के दुरुपयोग से मौत हुई हैं. 2020 में 50 लोगों की मौत हुई. भारत में जनसंख्या का लगभग 0.7 प्रतिशत हिस्सा ड्रग्स से प्रभावित है.

प्रभावितों की संख्या सबसे ज्यादा मिजोरम में है. समाज कल्याण विभाग द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि आइजोल (27.8%) में कुल ड्रग उपयोगकर्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यह संख्या सबसे कम ल्वांगट्लाई (5.9%) में है.

सर्वेक्षण में भाग लेने वाले ज्यादातर लोगों ने माध्यमिक शिक्षा पूरी की थी. 30-40 प्रतिशत ने हाई स्कूल पास किया था और 10-15 प्रतिशत ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी. अधिकांश ड्रग्स उपयोगकर्ता बेरोजगार थे और उनकी आय का मुख्य स्त्रोत ड्रग्स बेचना ही था. वहीं ड्रग्स लेने वालों में 94 प्रतिशत पुरुष थे.

संख्या चिंताजनक है और इसलिए इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ड्रग मुक्त वातावरण बनाना है, जिससे इस समस्या को जड़ से खत्म किया जा सके. अभियान को स्थानीय प्रशासन और मिजोरम में विभिन्न गैर सरकारी और एंटी ड्रग संगठनों के सहयोग से चलाया जाएगा.

अभियान के लक्ष्यों में ड्रग्स से संबंधित अपराध और हिंसा को कम करने के साथ-साथ स्वास्थ्य और सामाजिक खर्च को भी कम करना है. इसके तहत मिजो युवाओं को अवैध ड्रग्स को अस्वीकार करने और सामयिक उपयोगकर्ताओं को इसका उपयोग रोकने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

इस अभियान का कार्यक्रम महानिरीक्षक असम राइफल (पूर्व) के तत्वावधान में कराया गया. इस दौरान ब्रिगेडियर दिग्विजय सिंह, एसएम ने राज्य के सभी प्रमुख गैर सरकारी संगठनों की उपस्थिति में शपथ दिलाई. आइजोल बटालियन के कमांडेंट ने अभियान का प्लान साझा किया.

पढ़ें-देश में मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन की स्थिति काफी गंभीर : एनसीबी प्रमुख

कार्यक्रम के दौरान ड्रग्स के नकारात्मक प्रभावों पर बनाई गई एक वीडियो भी दिखाई गई. गैर सरकारी संगठनों ने भी असम राइफल्स द्वारा इस पहल के लिए अपना हार्दिक आभार व्यक्त किया. रॉयल नाइट्स और असम राइफल्स द्वारा लुंग्लेई में एक बाइक रैली भी आयोजित की गई.

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