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निजी स्कूल कम से कम 20 प्रतिशत फीस कम करें : कलकत्ता हाई कोर्ट

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Published : Oct 14, 2020, 7:11 AM IST

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सभी स्कूलों को फीस में 20 प्रतिशत कटौती करने की मांग की है. इसी के साथ सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए गैर जरूरी शुल्क की अनुमति नहीं होगी.

कलकत्ता उच्च न्यायालय
कलकत्ता उच्च न्यायालय

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यहां के 145 निजी स्कूलों को आदेश दिया कि वे कम से कम 20 प्रतिशत शुल्क कम करने की पेशकश करें.

इसने साथ ही कहा कि सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए गैर जरूरी शुल्क की अनुमति नहीं होगी.

उल्लेखनीय है कि शहर के 145 निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल फीस में कमी करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि कक्षाएं केवल ऑनलाइन चल रही हैं.

अदालत ने आदेश दिया कि वित्त वर्ष 2020-21 में कोई फीस वृद्धि नहीं होगी और अप्रैल 2020 से जब तक स्कूल दोबारा पारंपरिक तरीके से खुल नहीं जाते, तब तक सभी 145 स्कूल शुल्क में कम से कम 20 प्रतिशत कमी करने की पेशकश करेंगे.

पढ़ें :- कोरोना संकट : स्कूलों को खोलने पर असमंजस में राज्य सरकारें

यह फैसला न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य की पीठ ने दिया.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस याचिका पर वह सात दिसंबर 2020 को दोबारा सुनवाई करेगी. इससे पहले अदालत निर्देशों के अनुपालन में हुई प्रगति की निगरानी करेगी.

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यहां के 145 निजी स्कूलों को आदेश दिया कि वे कम से कम 20 प्रतिशत शुल्क कम करने की पेशकश करें.

इसने साथ ही कहा कि सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए गैर जरूरी शुल्क की अनुमति नहीं होगी.

उल्लेखनीय है कि शहर के 145 निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल फीस में कमी करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि कक्षाएं केवल ऑनलाइन चल रही हैं.

अदालत ने आदेश दिया कि वित्त वर्ष 2020-21 में कोई फीस वृद्धि नहीं होगी और अप्रैल 2020 से जब तक स्कूल दोबारा पारंपरिक तरीके से खुल नहीं जाते, तब तक सभी 145 स्कूल शुल्क में कम से कम 20 प्रतिशत कमी करने की पेशकश करेंगे.

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यह फैसला न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य की पीठ ने दिया.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस याचिका पर वह सात दिसंबर 2020 को दोबारा सुनवाई करेगी. इससे पहले अदालत निर्देशों के अनुपालन में हुई प्रगति की निगरानी करेगी.

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