नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह कानून 'भारत विरोधी या मुस्लिम विरोधी' नहीं है.
गंभीर ने मीडिया से कहा कि सीएए नागरिकता देने के लिए है और किसी को बाहर नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं सभी से शांति बनाए रखने के लिए अपील करना चाहूंगा. यह (कानून) भारत विरोधी या मुस्लिम विरोधी नहीं है.'
इससे पहले गंभीर ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था. उसमें भी उन्होंने लोगों से शांतिपूर्वक विरोध करने का आग्रह किया और कहा था कि जिस तरह से आप सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, वह स्वीकार्य नहीं है.
गंभीर ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को इसे राजनीतिक रुप से नहीं लेना चाहिए. युवाओं को उकसाना नहीं चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें भविष्य का निर्माण करना है और इसे बर्बाद नहीं करना है. लोगों को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए.
दरअसल, शनिवार को गंभीर ने पूर्वी दिल्ली शाहदरा जिला के डीसीपी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि उन्हें और परिवार को जान से मारने की धमकी मिल रही है.
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पत्र में लिखा गया है, 'मुझे अंतरराष्ट्रीय नंबर से मेरे और परिवार को मारने की धमकी मिल रही है. मैं आपसे प्राथमिकी दर्ज करने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं.'
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न से भागे हिंदुओं, सिखों, जैनियों, पारसियों, बौद्धों और ईसाइयों को नागरिकता देता है और जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए थे.