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श्रीराम फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने 'हाईजैक' की थी बस, ड्रामा खत्म

उत्तर प्रदेश के आगरा से जिस बस को हाईजैक कर लिया गया था, वह झांसी में मिली है. फाइनेंस कंपनी ने इस बस को अपने कब्जे में ले लिया था. सभी 34 यात्री सुरक्षित हैं.

bus hijack
बस हाईजैक
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Published : Aug 19, 2020, 10:16 AM IST

Updated : Aug 19, 2020, 2:08 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के आगरा से जिस बस का अपहरण किया गया था, वह झांसी में मिली है. इस बस को श्रीराम फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने 'हाईजैक' (जब्त) किया था. बस गुरुग्राम से मध्य प्रदेश के पन्ना जा रही थी. इसमें सवार सभी 34 यात्री सुरक्षित हैं. कंपनी ने पुलिस को सभी जानकारी दे दी है.

बताया जा रहा है कि फाइनेंसकर्मी बनकर अपराधी बस में सवार हुए थे. कार से ओवरटेक कर अपराधियों ने बस पर कब्जा कर लिया था. ग्वालियर में हाईजैक हुई बस के मालिक की कल कोरोना से मौत हो गई है. परिवार के बाकी सदस्य अभी अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन दूसरे बस संचालक का कहना है कि हाईजैक हुई बस पर कोई फाइनेंस का पैसा नहीं है. फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस इस बात की जानकारी जुटाने में लगी हुई है कि अज्ञात बदमाश कौन थे और इनकी क्या मंशा थी?

हाईजैक हुई बस के संचालक का बयान

यह है मामला

घटना मलपुरा थाना क्षेत्र के न्यू दक्षिणी बाइपास की है. बताया जा रहा है कि कार सवार बस को कुबेरपुर तक ले गए थे. इसके बाद बस को रोका और कंडक्टर व चालक को वहीं उतार दिया. चालक व परिचालक को कुबेरपुर पर उतारकर करीब दो बजे बस को बदमाश ले गए थे.

डबरा (ग्वालियर, एमपी) निवासी चालक रमेश स्लीपर बस से 34 सवारियों को लेकर मंगलवार शाम गुरुग्राम से चला था. बस मध्य प्रदेश के पन्ना जा रही थी. मंगलवार रात 10.30 बजे दक्षिणी बाइपास पर रायभा टोल प्लाजा के पास बस पहुंची. वहां पर दो कार सवार आठ-नौ युवक मिले.

युवकों ने प्लाजा पर ही खुद को फाइनेंसकर्मी बताकर बस को रुकवा लिया, लेकिन चालक ने बात नहीं मानी. कार ने मलपुरा क्षेत्र में न्यू दक्षिणी बाइपास पर बस को ओवरटेक करके रोक लिया. बदमाशों ने चालक और परिचालक को जबरन कुबेरपुर उतार दिया और बस को लेकर चले गए.

आगरा एसएसपी

चालक रमेश ने पुलिस को बताया कि कार सवार बस को ग्वालियर रोड पर उतर कर सैंया ले गए. सैंया से फतेहाबाद होकर लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पहुंचे. यहां एक्सप्रेस वे के नीचे स्थित ढाबे पर खाना खाया. परिचालक से सवारियों के रुपये वापस कराए और सवारियों समेत बस लेकर फिर चल दिए. उसके बाद परिचालक के साथ उसे दिल्ली-कानपुर हाईवे पर कुबेरपुर के पास छोड़ गए.

बुधवार तड़के चार बजे चालक रमेश और परिचालक मलपुरा थाना पर पहुंचे. दोनों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने बस को लेकर टोल प्लाजा से संपर्क किया. पुलिस की एक टीम चालक और परिचालक से पूछताछ की. सूचना पर एसएसपी बबलू कुमार भी थाना मलपुरा पहुंच गए.

अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि एक दिन पहले ही बस के मालिक की मृत्यु हो गई थी. इस बस का जिस फाइनेंस कंपनी ने वित्तपोषण किया था, उसके कर्मचारियों ने गैर कानूनी तरीके से बस को कब्जे में लिया.

पढ़ें :- जम्मू-कश्मीर : बांदीपोरा में लश्कर का आतंकी गिरफ्तार, हथियार बरामद

आगरा एसएसपी बबलू सिंह ने दी जानकारी ग्वालियर के तीन लोगों ने आज शिकायत दर्ज कराई कि वे जिस बस से गुड़गांव से पन्ना जा रहे थे, वह एक फाइनेंस कंपनी के सदस्यों द्वारा ओवरटेक कर जब्त कर ली गई, जिससे जाहिर तौर पर बस का फाइनेंस हो गया. मामला दर्ज किया जा रहा है, हम मामले की जांच कर रहे हैं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के आगरा से जिस बस का अपहरण किया गया था, वह झांसी में मिली है. इस बस को श्रीराम फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने 'हाईजैक' (जब्त) किया था. बस गुरुग्राम से मध्य प्रदेश के पन्ना जा रही थी. इसमें सवार सभी 34 यात्री सुरक्षित हैं. कंपनी ने पुलिस को सभी जानकारी दे दी है.

बताया जा रहा है कि फाइनेंसकर्मी बनकर अपराधी बस में सवार हुए थे. कार से ओवरटेक कर अपराधियों ने बस पर कब्जा कर लिया था. ग्वालियर में हाईजैक हुई बस के मालिक की कल कोरोना से मौत हो गई है. परिवार के बाकी सदस्य अभी अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन दूसरे बस संचालक का कहना है कि हाईजैक हुई बस पर कोई फाइनेंस का पैसा नहीं है. फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस इस बात की जानकारी जुटाने में लगी हुई है कि अज्ञात बदमाश कौन थे और इनकी क्या मंशा थी?

हाईजैक हुई बस के संचालक का बयान

यह है मामला

घटना मलपुरा थाना क्षेत्र के न्यू दक्षिणी बाइपास की है. बताया जा रहा है कि कार सवार बस को कुबेरपुर तक ले गए थे. इसके बाद बस को रोका और कंडक्टर व चालक को वहीं उतार दिया. चालक व परिचालक को कुबेरपुर पर उतारकर करीब दो बजे बस को बदमाश ले गए थे.

डबरा (ग्वालियर, एमपी) निवासी चालक रमेश स्लीपर बस से 34 सवारियों को लेकर मंगलवार शाम गुरुग्राम से चला था. बस मध्य प्रदेश के पन्ना जा रही थी. मंगलवार रात 10.30 बजे दक्षिणी बाइपास पर रायभा टोल प्लाजा के पास बस पहुंची. वहां पर दो कार सवार आठ-नौ युवक मिले.

युवकों ने प्लाजा पर ही खुद को फाइनेंसकर्मी बताकर बस को रुकवा लिया, लेकिन चालक ने बात नहीं मानी. कार ने मलपुरा क्षेत्र में न्यू दक्षिणी बाइपास पर बस को ओवरटेक करके रोक लिया. बदमाशों ने चालक और परिचालक को जबरन कुबेरपुर उतार दिया और बस को लेकर चले गए.

आगरा एसएसपी

चालक रमेश ने पुलिस को बताया कि कार सवार बस को ग्वालियर रोड पर उतर कर सैंया ले गए. सैंया से फतेहाबाद होकर लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पहुंचे. यहां एक्सप्रेस वे के नीचे स्थित ढाबे पर खाना खाया. परिचालक से सवारियों के रुपये वापस कराए और सवारियों समेत बस लेकर फिर चल दिए. उसके बाद परिचालक के साथ उसे दिल्ली-कानपुर हाईवे पर कुबेरपुर के पास छोड़ गए.

बुधवार तड़के चार बजे चालक रमेश और परिचालक मलपुरा थाना पर पहुंचे. दोनों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने बस को लेकर टोल प्लाजा से संपर्क किया. पुलिस की एक टीम चालक और परिचालक से पूछताछ की. सूचना पर एसएसपी बबलू कुमार भी थाना मलपुरा पहुंच गए.

अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि एक दिन पहले ही बस के मालिक की मृत्यु हो गई थी. इस बस का जिस फाइनेंस कंपनी ने वित्तपोषण किया था, उसके कर्मचारियों ने गैर कानूनी तरीके से बस को कब्जे में लिया.

पढ़ें :- जम्मू-कश्मीर : बांदीपोरा में लश्कर का आतंकी गिरफ्तार, हथियार बरामद

आगरा एसएसपी बबलू सिंह ने दी जानकारी ग्वालियर के तीन लोगों ने आज शिकायत दर्ज कराई कि वे जिस बस से गुड़गांव से पन्ना जा रहे थे, वह एक फाइनेंस कंपनी के सदस्यों द्वारा ओवरटेक कर जब्त कर ली गई, जिससे जाहिर तौर पर बस का फाइनेंस हो गया. मामला दर्ज किया जा रहा है, हम मामले की जांच कर रहे हैं.

Last Updated : Aug 19, 2020, 2:08 PM IST
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