नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अपना सरकारी आवास बदल रहे हैं. शाह को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सरकारी बंगला अलॉट हुआ है. दिवंगत वाजपेयी का बंगला 6A, कृष्ण मेनन मार्ग पर स्थित है. अब इस बंगले में अमित शाह रहेंगे.
बतौर पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी, 14 साल तक इस बंगले में रहे. पिछले साल 16 अगस्त को उनके निधन के बाद, तत्कालीन मोदी सरकार ने इस बंगले को 'अटल स्मृति' के रूप में घोषित करने के कुछ भाजपा नेताओं के विचार को खारिज कर दिया था.
शाह, फिलहाल राज्यसभा सदस्य के रूप में, अकबर रोड स्थित 11 नंबर बंगले में रह रहे हैं. वह 19 अगस्त 2017 में राज्यसभा सदस्य बने थे. उच्च सदन में उनका कार्यकाल 2023 तक निर्धारित था. लेकिन हाल ही में हुये लोकसभा चुनाव में जीतने और मोदी सरकार में गृह मंत्री बनाये गये शाह को नया बंगला आवंटित किया गया है.
वाजपेयी, 2004 में प्रधानमंत्री के पद से हटने के बाद इसमें रह रहे थे. पिछले साल अगस्त में वाजपेयी के निधन के बाद उनके परिजनों ने नवंबर में इस बंगले को खाली कर दिया था.
सरकार के सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुये बताया कि बतौर गृह मंत्री, शाह की सुरक्षा जरूरतों के मुताबिक इस बंगले को अगले एक महीने में तैयार कर दिया जायेगा. सत्रहवीं लोकसभा के गठन के बाद बतौर केन्द्रीय मंत्री, शाह को यह बंगला आवंटित किया गया है.
केन्द्रीय मंत्रियों को आवंटित होने वाले 'टाइट 8' श्रेणी के इस बंगले में फिलहाल जरूरी मरम्मत का काम चल रहा है.
नवगठित लोकसभा में शाह, गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र से बतौर सांसद भी निर्वाचित हुये हैं. बंगले पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि शाह स्वयं बंगले का मुआयना कर जरूरत के मुताबिक मरम्मत आदि के काम का जायजा ले चुके हैं.
सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि, 'राजघाट' के पास वाजपेयी के समाधि स्थल को उनकी स्मृति में 'सदैव अटल' के नाम से विकसित किया है.
उल्लेखनीय है कि 2000 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने ही राष्ट्रीय नेताओं के सरकारी आवास को उनके निधन के बाद स्मृति स्थल के रूप में घोषित करने पर रोक लगाने का फैसला किया था.
इस फैसले को बरकरार रखते हुये मोदी सरकार ने अक्तूबर 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के 12, तुगलक रोड, स्थित बंगले को स्मृति स्थल घोषित करने की रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह की मांग को खारिज कर दिया था.