नई दिल्ली : ससंद में बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू होगा. सत्र का पहला चरण संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन के बीच हुआ था. दूसरा चरण शुरू होने से पहले विपक्षी दलों ने दिल्ली हिंसा को लेकर सत्र को स्थगित करने का प्रस्ताव पारित किया है.
प्रस्ताव पारित करने वालों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय काम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और डीएमके शामिल हैं. इस सत्र में कांग्रेस पार्टी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करेगी, जिससे इस सत्र में हंगामे के आसार हैं.
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को अपने बयान में कहा कि उनकी पार्टी गृहमंत्री शाह के इस्तीफे की मांग करेगी. बता दें कि राजधानी के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हुई हिंसा में 46 लोगों की मौत हो गई थी. 250 से ज्यादा लोगों के घायल होने के साथ करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था.
चौधरी ने कहा कि वह संसद में दिल्ली हिंसा के मुद्दे को उठाएंगे और केंद्र सरकार को बेनकाब करेंगे. उन्होंने सरकार पर आरोप लागते हुए कहा कि दिल्ली हिंसा उनकी देख-रेख में हुई और वह पश्चिम बंगाल में भी वैसा ही माहौल बना रहे हैं.
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह देश को धर्म के आधार पर बांट रहे हैं. पूरा देश सांप्रदायिक दांगों की आग में जल रहा है और वह (भाजपा) जहां भी जाते हैं जहर उगलते हैं.
सूत्रों ने बताया कि शनिवार को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के आवास पर एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें दिल्ली में हुई हिंसा के बारे में संसद में सरकार की रणनीति पर चर्चा की गई थी.
वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर दिल्ली हिंसा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. इसके साथ ही भाजपा ने विपक्ष पर सीएए विरोधियों को उकसाने का आरोप लागाया. इसके अलावा कांग्रेस ने देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार का बजट दिशाहीन है.
कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस और वामदलों सहित अन्य विपक्षी दलों ने भी राज्यसभा और लोकसभा में यह मुद्दा उठाने की तैयारी कर ली है. माकपा के राज्यसभा सदस्य के के रागेश और टी के रंगराजन ने उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिल्ली दंगों के मामले पर दिन भर चर्चा कराने की मांग करते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू को नियम 267 के तहत नोटिस दिया है.
बजट सत्र का पहला चरण जनवरी 31 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किए जाने के बाद शुरू हुआ था.
बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार के विधायी एजेंडे में सरोगेसी और विवादित कर के समाधान से संबंधित विधेयक समेत कुल 45 विधेयक शामिल हैं. इसके अलावा सरकार सात वित्तीय प्रस्ताव पेश करेगी. यह बजट सत्र तीन अप्रैल तक चलेगा.
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