ETV Bharat / bharat

बजट से असम व बंगाल में बढ़ा भाजपा का विश्वास, तमिलनाडु और केरल में उम्मीदें

author img

By

Published : Feb 2, 2021, 7:59 PM IST

जब विधानसभा चुनाव केवल दो महीने दूर होते हैं, तो केंद्रीय बजट मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए कुछ न कुछ लुभावना जरूर करता है. इससे राजनीतिक संदेश देने की भी कोशिश की जाती है. तो क्या इस बार बजट में असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल के चुनावों की वजह से ही इंफ्रास्ट्रक्चर में खर्च बढ़ाया गया है.

Budget
Budget

हैदराबाद : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं को असम और बंगाल में भाजपा के विश्वास को जगाने और राजनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण राज्यों तमिलनाडु और केरल में फिर से जागृत करने के रूप में देखा जा रहा है. बजट में अपनी पहली टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित करने के लिए कहा भी कि इस बार दक्षिणी और पूर्वी राज्यों को अतिरिक्त ध्यान दिया गया है.

कुल मिलाकर सीतारमण का चार राज्यों के चुनावों पर विशेष ध्यान रहा और इन राज्यों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 225,000 करोड़ का आवंटन किया गया. इन राज्यों में से सीतारमण ने तमिलनाडु के लिए अधिकतम 1.03 लाख करोड़ की घोषणा की है. जहां इस पैसे का इस्तेमाल अगले पांच वर्षों में बुनियादी ढांचे के लिए किया जाएगा. इस मद का उपयोग मदुरई-कोल्लम कॉरिडोर और चित्तूर-थाचुर कॉरिडोर सहित कई राजमार्गों के लिए किया जाना है, जो तमिलनाडु के जिलों को केरल और आंध्र प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से जोड़ता है.

राज्य में होगा चुनावी गठबंधन

गौरतलब है कि भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने दो दिन पहले ही पुष्टि कर दी थी कि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में तमिलनाडु में चुनाव लड़ेगी. जिससे दोनों दलों के बीच संबंधों में अनिश्चितता खत्म हो जाएगी. इससे पहले अन्नाद्रमुक ने कहा था कि एनडीए के तहत इसकी व्यवस्था राज्य के चुनावों के लिए भी जारी रहेगी. इसके बावजूद भाजपा इस मुद्दे पर चुप रही. ऐसा इसलिए था, क्योंकि यह सुपरस्टार रजनीकांत के अपने संगठन के साथ चुनावी मैदान में कूदने की उम्मीद थी. लेकिन वे महामारी और स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए पीछे हट गए. AIADMK के जूनियर पार्टनर के रूप में भाजपा को उम्मीद है कि 2021 के चुनावों के बाद राज्य विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कुछ सीटें जीती जाएगी. इसलिए भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि केंद्र को दक्षिण की परवाह करनी चाहिए.

तमिलनाडु को क्यों मिला फायदा

19 जनवरी को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मांगों का एक ज्ञापन प्रस्तुत किया. इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं थी कि जब सीतारमण ने अपने भाषण में इनमें से कुछ मांगों को शामिल किया. वास्तव में इस परियोजना को हरी झंडी दिखाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा 14 फरवरी को तमिलनाडु का दौरा करने की उम्मीद है. ईपीएस 2021-22 में 277 किलोमीटर एक्सप्रेसवे के चेन्नई-सेलेम कॉरिडोर के निर्माण को लेकर उत्सुक रहा है. 2018 में इसकी घोषणा के बाद से किसानों द्वारा इसका विरोध किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2020 में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचनाओं को बरकरार रखा. 278 किमी के बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे को भी चालू वित्त वर्ष में शुरू किया जाएगा और 2021-22 में निर्माण शुरू हो जाएगा. 24 63,246 करोड़ की लागत से 118.9 किमी की चेन्नई मेट्रो रेलवे फेज -2 को केंद्रीय निधि भी प्रदान की जाएगी. सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि तटीय तमिलनाडु बहुउद्देशीय पार्क की मेजबानी करेगा. जो बड़े पैमाने पर रोजगार और अतिरिक्त आय के लिए 'समुद्री शैवाल की खेती को बढ़ावा देने' का प्रस्ताव आगे बढ़ाएगा.

केरल को भी परियोजनाओं की सौगात

चेन्नई, कोच्चि, विशाखापत्तनम, पारादीप और पेटुघाट के साथ मछली पकड़ने के पांच प्रमुख स्थानों में से एक है. तमिलनाडु सरकार ने नागपट्टनम जिले के वेल्लापल्लम में मछली पकड़ने के बंदरगाह की मांग की थी. तमिलनाडु के 600 किलोमीटर के हिस्से के माध्यम से अतिरिक्त बुनियादी ढांचे से तमिलनाडु को भी लाभ होगा. वर्षों से जमीनी कार्य के बावजूद केरल में भाजपा अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में असमर्थ रही है. राजनीतिक रूप से देखा-देखी या तो हर चुनाव के बाद वामपंथी या कांग्रेस के नेतृत्व वाला मोर्चा सत्ता में आता है. इस बार भी वामपंथी स्थानीय स्व-सरकारी निकायों में अपने प्रदर्शन के बाद सत्ता में लौटने की उम्मीद कर रहे हैं. फिर भी बजट केरल के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कोच्चि मेट्रो को 71,957 करोड़ मिलेंगे और मौजूदा नेटवर्क को 11.5 किलोमीटर बढ़ाया जाएगा. कोच्चि समुद्री बंदरगाह भी एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में परिवर्तित हो जाएगा. वित्त मंत्री ने अनिवासी भारतीयों के लिए 'कोई दोहरा कराधान' के लिए कैप को दोगुना करने की घोषणा की है. जो 5 करोड़ से 10 करोड़ तक बढ़ जाएगा.

पश्चिम बंगाल को भी मिला फायदा

पश्चिम बंगाल के लिए जहां भाजपा ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से विस्थापित करने के लिए बेहद आश्वस्त है. वहीं वित्त मंत्री ने कोलकाता में उत्तरी बंगाल के सबसे बड़े शहर सिलीगुड़ी को जोड़ने के लिए सड़क अवसंरचना विकास और सड़कों के नवीनीकरण के लिए 25,000 करोड़ का प्रस्ताव रखा है. उत्तर बंगाल में भाजपा ने 2019 में लोकसभा की आठ में से सात सीटें जीती थीं. सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि 675 किलोमीटर सड़क मार्ग पश्चिम मिदनापुर जिले के खड़गपुर और विजयवाड़ा के बीच विकसित किया जाएगा. हुगली जिले के दनकुनी और बिहार के गोमो के बीच फ्रेट कॉरिडोर होंगे. बंगाल और असम में चाय उद्योग के विकास के लिए 1,000 करोड़ का पैकेज भी बजट में घोषित किया गया है. बेशक ममता बनर्जी ने खारिज कर दिया है कि इस तरह की बजट घोषणाओं का बंगाल में मतदाताओं पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा, लेकिन यह निर्विवाद है कि वह मुख्यमंत्री के पद पर दस साल रहने के बाद अपने करियर के सबसे कठिन चुनावों में से एक का सामना कर रही हैं.

असम में सत्ता वापसी की उम्मीद

असम चुनाव को लेकर भाजपा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में सत्ता में लौटने के लिए बेहद आश्वस्त है. सीतारमण ने अगले तीन वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्गों के 1,300 किलोमीटर के निर्माण के लिए असम को 34,000 करोड़ की राशि की घोषणा की है. यह वर्तमान में राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 19,000 करोड़ रुपये के काम के अतिरिक्त है.

यह भी पढ़ें-कृषि आंदोलन : गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे संजय राउत, राहुल बोले- दीवारें नहीं, पुल बनाए भारत सरकार

असम में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं इस साल के चुनाव के लिए भाजपा की बात कर रही हैं.

हैदराबाद : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं को असम और बंगाल में भाजपा के विश्वास को जगाने और राजनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण राज्यों तमिलनाडु और केरल में फिर से जागृत करने के रूप में देखा जा रहा है. बजट में अपनी पहली टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित करने के लिए कहा भी कि इस बार दक्षिणी और पूर्वी राज्यों को अतिरिक्त ध्यान दिया गया है.

कुल मिलाकर सीतारमण का चार राज्यों के चुनावों पर विशेष ध्यान रहा और इन राज्यों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 225,000 करोड़ का आवंटन किया गया. इन राज्यों में से सीतारमण ने तमिलनाडु के लिए अधिकतम 1.03 लाख करोड़ की घोषणा की है. जहां इस पैसे का इस्तेमाल अगले पांच वर्षों में बुनियादी ढांचे के लिए किया जाएगा. इस मद का उपयोग मदुरई-कोल्लम कॉरिडोर और चित्तूर-थाचुर कॉरिडोर सहित कई राजमार्गों के लिए किया जाना है, जो तमिलनाडु के जिलों को केरल और आंध्र प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से जोड़ता है.

राज्य में होगा चुनावी गठबंधन

गौरतलब है कि भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने दो दिन पहले ही पुष्टि कर दी थी कि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में तमिलनाडु में चुनाव लड़ेगी. जिससे दोनों दलों के बीच संबंधों में अनिश्चितता खत्म हो जाएगी. इससे पहले अन्नाद्रमुक ने कहा था कि एनडीए के तहत इसकी व्यवस्था राज्य के चुनावों के लिए भी जारी रहेगी. इसके बावजूद भाजपा इस मुद्दे पर चुप रही. ऐसा इसलिए था, क्योंकि यह सुपरस्टार रजनीकांत के अपने संगठन के साथ चुनावी मैदान में कूदने की उम्मीद थी. लेकिन वे महामारी और स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए पीछे हट गए. AIADMK के जूनियर पार्टनर के रूप में भाजपा को उम्मीद है कि 2021 के चुनावों के बाद राज्य विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कुछ सीटें जीती जाएगी. इसलिए भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि केंद्र को दक्षिण की परवाह करनी चाहिए.

तमिलनाडु को क्यों मिला फायदा

19 जनवरी को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मांगों का एक ज्ञापन प्रस्तुत किया. इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं थी कि जब सीतारमण ने अपने भाषण में इनमें से कुछ मांगों को शामिल किया. वास्तव में इस परियोजना को हरी झंडी दिखाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा 14 फरवरी को तमिलनाडु का दौरा करने की उम्मीद है. ईपीएस 2021-22 में 277 किलोमीटर एक्सप्रेसवे के चेन्नई-सेलेम कॉरिडोर के निर्माण को लेकर उत्सुक रहा है. 2018 में इसकी घोषणा के बाद से किसानों द्वारा इसका विरोध किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2020 में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचनाओं को बरकरार रखा. 278 किमी के बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे को भी चालू वित्त वर्ष में शुरू किया जाएगा और 2021-22 में निर्माण शुरू हो जाएगा. 24 63,246 करोड़ की लागत से 118.9 किमी की चेन्नई मेट्रो रेलवे फेज -2 को केंद्रीय निधि भी प्रदान की जाएगी. सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि तटीय तमिलनाडु बहुउद्देशीय पार्क की मेजबानी करेगा. जो बड़े पैमाने पर रोजगार और अतिरिक्त आय के लिए 'समुद्री शैवाल की खेती को बढ़ावा देने' का प्रस्ताव आगे बढ़ाएगा.

केरल को भी परियोजनाओं की सौगात

चेन्नई, कोच्चि, विशाखापत्तनम, पारादीप और पेटुघाट के साथ मछली पकड़ने के पांच प्रमुख स्थानों में से एक है. तमिलनाडु सरकार ने नागपट्टनम जिले के वेल्लापल्लम में मछली पकड़ने के बंदरगाह की मांग की थी. तमिलनाडु के 600 किलोमीटर के हिस्से के माध्यम से अतिरिक्त बुनियादी ढांचे से तमिलनाडु को भी लाभ होगा. वर्षों से जमीनी कार्य के बावजूद केरल में भाजपा अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में असमर्थ रही है. राजनीतिक रूप से देखा-देखी या तो हर चुनाव के बाद वामपंथी या कांग्रेस के नेतृत्व वाला मोर्चा सत्ता में आता है. इस बार भी वामपंथी स्थानीय स्व-सरकारी निकायों में अपने प्रदर्शन के बाद सत्ता में लौटने की उम्मीद कर रहे हैं. फिर भी बजट केरल के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कोच्चि मेट्रो को 71,957 करोड़ मिलेंगे और मौजूदा नेटवर्क को 11.5 किलोमीटर बढ़ाया जाएगा. कोच्चि समुद्री बंदरगाह भी एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में परिवर्तित हो जाएगा. वित्त मंत्री ने अनिवासी भारतीयों के लिए 'कोई दोहरा कराधान' के लिए कैप को दोगुना करने की घोषणा की है. जो 5 करोड़ से 10 करोड़ तक बढ़ जाएगा.

पश्चिम बंगाल को भी मिला फायदा

पश्चिम बंगाल के लिए जहां भाजपा ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से विस्थापित करने के लिए बेहद आश्वस्त है. वहीं वित्त मंत्री ने कोलकाता में उत्तरी बंगाल के सबसे बड़े शहर सिलीगुड़ी को जोड़ने के लिए सड़क अवसंरचना विकास और सड़कों के नवीनीकरण के लिए 25,000 करोड़ का प्रस्ताव रखा है. उत्तर बंगाल में भाजपा ने 2019 में लोकसभा की आठ में से सात सीटें जीती थीं. सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि 675 किलोमीटर सड़क मार्ग पश्चिम मिदनापुर जिले के खड़गपुर और विजयवाड़ा के बीच विकसित किया जाएगा. हुगली जिले के दनकुनी और बिहार के गोमो के बीच फ्रेट कॉरिडोर होंगे. बंगाल और असम में चाय उद्योग के विकास के लिए 1,000 करोड़ का पैकेज भी बजट में घोषित किया गया है. बेशक ममता बनर्जी ने खारिज कर दिया है कि इस तरह की बजट घोषणाओं का बंगाल में मतदाताओं पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा, लेकिन यह निर्विवाद है कि वह मुख्यमंत्री के पद पर दस साल रहने के बाद अपने करियर के सबसे कठिन चुनावों में से एक का सामना कर रही हैं.

असम में सत्ता वापसी की उम्मीद

असम चुनाव को लेकर भाजपा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में सत्ता में लौटने के लिए बेहद आश्वस्त है. सीतारमण ने अगले तीन वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्गों के 1,300 किलोमीटर के निर्माण के लिए असम को 34,000 करोड़ की राशि की घोषणा की है. यह वर्तमान में राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 19,000 करोड़ रुपये के काम के अतिरिक्त है.

यह भी पढ़ें-कृषि आंदोलन : गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे संजय राउत, राहुल बोले- दीवारें नहीं, पुल बनाए भारत सरकार

असम में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं इस साल के चुनाव के लिए भाजपा की बात कर रही हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.