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एआईकेएस त्रिपुरा के प्रमुख पवित्र कर बोले, यह बजट किसान विरोधी - Tripura AIKS chief

एआईकेएस त्रिपुरा के प्रमुख पवित्र कर ने कहा कि यह बजट किसानों के खिलाफ है. इस बजट में त्रिपुरा के लिए कोई विशेष योजना नहीं है. पढ़ें विस्तार से...

एआईकेएस त्रिपुरा प्रमुख
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Published : Feb 3, 2021, 1:22 PM IST

अगरतला : सीपीएम नेता और अखिल भारतीय किसान सभा त्रिपुराज्य इकाई के नव निर्वाचित अध्यक्ष पवित्र कर ने कहा कि केंद्रीय बजट किसानों के खिलाफ है, लेकिन मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने बजट की सराहना की है.

उन्होंने कहा त्रिपुरा के लिए कोई विशेष योजना नहीं है. कुछ राज्यों असम और पश्चिम बंगाल के लिए स्पेशल स्कीम लांच किया गया है क्योकि वहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. केंद्रीय बजट को सीपीएम नेता ने किसानों और ग्रामीण जनता के लिए अभाव का दस्तावेज करार दिया.

किसानों के लिए धन आवंटन पर विशेष रूप से बोलते हुए, पवित्र कर ने कहा कि एफसीआई एक सरकारी संस्थान है. जो, किसानों से कृषि उत्पादों की खरीद करता है. इस बजट में एफसीआई के लिए कोई धन आवंटन नहीं किया गया. पिछले कुछ वर्षों से खरीद अभियान को बनाए रखने के लिए विभिन्न अन्य सार्वजनिक उपक्रमों से पैसे उधार ले रहा था.

पढ़ें- काजीरंगा नेशनल पार्क में रॉयल बंगाल टाइगर के शावक की मौत

उन्होंने CMEI द्वारा प्रकाशित एक डेटा का उल्लेख किया और कहा कि इस संगठन ने बताया था कि कैसे इस सरकार ने बजट के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाया. उन्होंने कुछ आंकड़ों की ओर इशारा भी किया था और कहा, मनरेगा में आवंटन संतोषजनक नहीं है.

अगरतला : सीपीएम नेता और अखिल भारतीय किसान सभा त्रिपुराज्य इकाई के नव निर्वाचित अध्यक्ष पवित्र कर ने कहा कि केंद्रीय बजट किसानों के खिलाफ है, लेकिन मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने बजट की सराहना की है.

उन्होंने कहा त्रिपुरा के लिए कोई विशेष योजना नहीं है. कुछ राज्यों असम और पश्चिम बंगाल के लिए स्पेशल स्कीम लांच किया गया है क्योकि वहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. केंद्रीय बजट को सीपीएम नेता ने किसानों और ग्रामीण जनता के लिए अभाव का दस्तावेज करार दिया.

किसानों के लिए धन आवंटन पर विशेष रूप से बोलते हुए, पवित्र कर ने कहा कि एफसीआई एक सरकारी संस्थान है. जो, किसानों से कृषि उत्पादों की खरीद करता है. इस बजट में एफसीआई के लिए कोई धन आवंटन नहीं किया गया. पिछले कुछ वर्षों से खरीद अभियान को बनाए रखने के लिए विभिन्न अन्य सार्वजनिक उपक्रमों से पैसे उधार ले रहा था.

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उन्होंने CMEI द्वारा प्रकाशित एक डेटा का उल्लेख किया और कहा कि इस संगठन ने बताया था कि कैसे इस सरकार ने बजट के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाया. उन्होंने कुछ आंकड़ों की ओर इशारा भी किया था और कहा, मनरेगा में आवंटन संतोषजनक नहीं है.

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