नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज संगम तट पर आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भारी संख्या में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. गुरु पूर्णिमा के चलते श्रद्धालु यहां रात से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे.
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों को गुरु पूर्णिमा की बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह गुरुओं के समक्ष झुकने का दिन है, जिन्होंने समाज को संवारने में अहम भूमिका निभायी है.
उन्होंने ट्वीट किया, 'गुरु पूर्णिमा के पावन दिन हम अपने सभी गुरुओं के सम्मान में उनके समक्ष झुकते हैं जिन्होंने हमारे समाज को प्रेरित करने और उसे आकार देने में अहम भूमिका निभायी है.'
गुरु पूर्णिमा का पर्व आध्यात्मिक गुरुओं और आध्यात्मिक नेताओं के प्रति सम्मान तथा उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है . इसे भारत और नेपाल में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है.
गुरु व्यास को समर्पित है गुरु पूर्णिमा-
- संगम में डुबकी लगाने के बाद गुरु की पूजा अर्चना की जाती है.
- इस दिन का महत्व इसलिए भी है कि ये दिन गुरु व्यास को समर्पित होता है.
- यह दिन शिष्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
- सभी भक्त और श्रद्धालु आश्रम जाकर अपने गुरुओ का दर्शन और वंदन करते है.
- पूर्णिमा पर होने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा के चाक चौबंध इंतजाम किए है.
इस दिन सभी अपने गुरुओं से दीक्षा ग्रहण करते है. इस दिन लोग अपने गुरु की पूजा करते हैं.
-इंद्रजीत, श्रद्धालुआज हर व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करने के लिए अपने अपने गुरु की पुजा करता है. इस संसार में गुरु के ज्ञान के बिना कुछ भी प्राप्त नहीं किया जा सकता.
-नरेंद्र गिरी, अध्यक्ष अखाड़ा परिषद
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के अलावा बठिंडा और महाराष्ट्र के नागपुर में भी लोगों को गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाते देखा गया. कई लोग साई के दर्शन कर आशीर्वाद लेने पहुंचे.