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बसपा सांसदों की राष्ट्रपति से मुलाकात, संशोधित नागरिकता कानून वापस लेने की मांग

राज्यसभा में बसपा संसदीय दल के नेता सतीश मिश्र की अगुआई में बहुजन समाज पार्टी के सांसदों ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और संशोधित नागरिकता कानून को वापस लेने के लिए उन्हें ज्ञापन सौंपा. बसपा अध्यक्ष मायावती पहले ही इस कानून को विभाजनकारी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग कर चुकी हैं. जानें विस्तार से...

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बसपा संसदीय दल के नेता सतीश मिश्रा
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Published : Dec 18, 2019, 4:01 PM IST

नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसदों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को विभाजनकारी बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इसे वापस लेने तथा इसका विरोध करने वालों के खिलाफ कथित पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच कराने की मांग की है.

राज्यसभा में बसपा संसदीय दल के नेता सतीश मिश्र की अगुआई में पार्टी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा.

लोकसभा और राज्यसभा में बसपा के सभी 13 सांसदों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष मायावती पहले ही संशोधित नागरिकता कानून को विभाजनकारी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग कर चुकी हैं.

पार्टी ने राष्ट्रपति से दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और लखनऊ के नदवा कॉलेज सहित देश के अन्य इलाक़ों में इस कानून के विरोध में किए गए आंदोलन के दौरान पुलिस की कथित कार्रवाई की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग भी की.

इसे भी पढे़ं- CAA पर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की स्टे की मांग, केंद्र को भेजा नोटिस

पार्टी सांसदों ने 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विवि में दिल्ली पुलिस द्वारा बिना इजाजत के प्रवेश कर पुस्तकालय में पढ़ रहे छात्रों पर कथित लाठीचार्ज को गैरकानूनी बताते हुए इसके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की भी राष्ट्रपति से मांग की है.

प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में बसपा संसदीय दल के नेता दानिश अली, निचले सदन में पार्टी के अन्य सदस्य और सतीश मिश्रा सहित चारों राज्यसभा सदस्य भी शामिल थे.

नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसदों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को विभाजनकारी बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इसे वापस लेने तथा इसका विरोध करने वालों के खिलाफ कथित पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच कराने की मांग की है.

राज्यसभा में बसपा संसदीय दल के नेता सतीश मिश्र की अगुआई में पार्टी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा.

लोकसभा और राज्यसभा में बसपा के सभी 13 सांसदों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष मायावती पहले ही संशोधित नागरिकता कानून को विभाजनकारी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग कर चुकी हैं.

पार्टी ने राष्ट्रपति से दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और लखनऊ के नदवा कॉलेज सहित देश के अन्य इलाक़ों में इस कानून के विरोध में किए गए आंदोलन के दौरान पुलिस की कथित कार्रवाई की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग भी की.

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पार्टी सांसदों ने 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विवि में दिल्ली पुलिस द्वारा बिना इजाजत के प्रवेश कर पुस्तकालय में पढ़ रहे छात्रों पर कथित लाठीचार्ज को गैरकानूनी बताते हुए इसके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की भी राष्ट्रपति से मांग की है.

प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में बसपा संसदीय दल के नेता दानिश अली, निचले सदन में पार्टी के अन्य सदस्य और सतीश मिश्रा सहित चारों राज्यसभा सदस्य भी शामिल थे.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 11:14 HRS IST




             
  • बसपा ने की राष्ट्रपति से संशोधित नागरिकता कानून वापस लेने की मांग



नयी दिल्ली 18 दिसंबर (भाषा) बसपा सांसदों ने संशोधित नागरिकता क़ानून (सीएए) को विभाजनकारी बताते हुए बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इसे वापस लेने तथा इसका विरोध करने वालों के ख़िलाफ़ कथित पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जाँच कराने की माँग की है।



राज्यसभा में बसपा संसदीय दल के नेता सतीश मिश्रा की अगुवाई में पार्टी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रपति से मुलाक़ात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। लोकसभा और राज्यसभा में बसपा के सभी 13 सांसदों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष मायावती पहले ही संशोधित नागरिकता कानून को विभाजनकारी बताते हुए इसे वापस लेने की माँग कर चुकी हैं।



पार्टी ने राष्ट्रपति से दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और लखनऊ के नदवा कॉलेज सहित देश के अन्य इलाक़ों में इस क़ानून के विरोध में किए गए आंदोलन के दौरान पुलिस की कथित कार्रवाई की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच की मांग भी की।



पार्टी सांसदों ने 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विवि में दिल्ली पुलिस द्वारा बिना इजाज़त के प्रवेश कर पुस्तकालय में पढ़ रहे छात्रों पर कथित लाठीचार्ज को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए इसके ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई करने की भी राष्ट्रपति से माँग की है।



प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में बसपा संसदीय दल के नेता दानिश अली और निचले सदन में पार्टी के अन्य सदस्य और मिश्रा सहित चारों राज्यसभा सदस्य भी शामिल थे।


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