नई दिल्ली : वर्ष 2015 से अब तक भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा 9685 अवैध प्रवासियों को पकड़ा है. संसद में यह जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बीएसएफ ने पिछले आठ महीनों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के विभिन्न स्थानों से 540 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा है.
राय ने कहा कि बांग्लादेश से अवैध प्रवासी अंतरराष्ट्रीय सीमा से चोरी-छिपे भारत में प्रवेश कर जाते हैं. गृह मंत्रालय के आंकड़ों ने एक बार फिर से बांग्लादेश से घुसपैठ को सुर्खियों में ला दिया है.
घुसपैठ हमेशा चिंता का विषय
सीमा पार से इस तरह की घुसपैठ हमेशा चिंता का विषय रहा है. पूर्वोत्तर के कई छात्र संगठन सरकार से मांग करते रहे हैं कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर पूरी तरह फेंसिंग की जाए. 80 के दशक की शुरुआत में असम आंदोलन ने देश को हिलाकर रख दिया था. यह मुख्य रूप से बांग्लादेश से घुसपैठ के कारण ही शुरू हुआ था. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने घुसपैठ खत्म करने की मांग को लेकर छह साल तक उग्र विरोध प्रदर्शन किया था.
कुल 3120.032 किलोमीटर की फेंसिंग कर ली गई
गृह मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि 4086.70 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा में कुल 3120.032 किलोमीटर की फेंसिंग कर ली गई है. लगभग 976.668 के शेष क्षेत्रों को अभी तक फेंस नहीं किया जा सका है. बांग्लादेश के साथ पांच राज्यों पश्चिम बंगाल (2216.70 किमी), असम (263.00), मेघालय (443.00), मिजोरम (318.00) और त्रिपुरा (856.00) अपनी सीमा साझा करते हैं.
नदी क्षेत्रों पर भी होती है गश्त
नित्यानंद राय ने जानकारी दी कि कठिन इलाके, मौसम की मार, भूमि अधिग्रहण की समस्या, सार्वजनिक विरोध, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश द्वारा आपत्ति और हाल ही में कोविड 19 स्थिति के कारण बाड़ लगाने का काम पूरा नहीं किया जा सका. सरकार नियमित रूप से भारत और बांग्लादेश के साथ काम की प्रगति की निगरानी करती है. उन्होंने आगे बताया कि सीमावर्ती नदी क्षेत्रों में फ्लोटिंग बॉर्डर आउटपोस्ट, नावों के साथ गश्त, दिन-रात नदी के किनारों पर पैदल गश्त और राज्य पुलिस के साथ विशेष अभियान चलाकर काम किया जाता है.