कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति में भारी बर्फबारी से पहाड़ों पर सफेद बर्फ की चादर बिछ गई है और पहाड़ बर्फ के खजाने से मालामाल हो गए हैं. हालांकि भारी हिमपात ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. जबर्दस्त बर्फबारी से पर्यटकों में उत्साह देखते ही बनता है. पर्यटक बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. बर्फबारी के चलते क्षेत्र में सड़कें बर्फ से पट गई हैं, जिससे आवाजाही पूरी तरह से ठप पड़ गई है. शनिवार को मौसम साफ होते ही जिले की मुख्य सड़कों से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है.
बता दें कि बीते दिनों हुई बर्फबारी के कारण घाटी की सभी सड़कें बर्फबारी से अवरुद्ध हो गई हैं. जिला के ऊंचाई वाले ग्रामीण क्षेत्र दारचा, योचे, छिका-रारिक, नैनगाहर, गवाड़ी, कोकसर और सिस्सू जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में तीन से चार फीट तक हिमपात हुआ है. बीआरओ की टीम ने स्तींगरी से तांदी पुल तक सड़क से बर्फ हटा ली है, जबकि उदयपुर से केलांग की ओर बढ़ते हर बीआरओ के डोजर जाहलमा पहुंच गए हैं.
बीआरओ की टीम रोहतांग टनल के नार्थ पोर्टल तक बर्फ हटाकर सड़क को बहाल करने की कोशिश कर रही है, जिससे आपदा की स्थिति में लोगों को रोहतां सुरंग से मनाली भेजा जा सके. बीआरओ का दावा है की मौसम के साफ रहने पर घाटी की मुख्य सड़कों को चार दिनों के भीतर बहाल कर दिया जाएगा.
बता दें कि मनाली की ओर बीआरओ ने रोहतांग टनल के साउथ पोर्टल तक सड़क बहाल कर दी है. वहीं, स्थानीय ग्रामीणो ने बताया कि बीआरओ ने सड़क बहाली का काम शुरू कर दिया है, लेकिन मौसम साफ होते ही हिमखंड गिरने का खतरा भी बढ़ गया है. मौसम साफ होने और तेज धूप निकलने पर मुलिंग, दालंग मैदान, रोपसंग नाला, तेलिंग नाला और गुफा होटल के आसपास हिमखंड गिरने की आशंका अधिक है.
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बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि लोगों की दिक्कत को देखते हुए बीआरओ ने घाटी में सड़क बहाली शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि मौसम साफ रहा तो चार दिन के भीतर घाटी की सड़कों को बहाल किया जाएगा.