नई दिल्लीः महिलाओं के खिलाफ अपराध और यौन हिंसा के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पुलिस प्रशासन को 15,000 से अधिक यौन उत्पीड़न सबूत संग्रह किट वितरित किए हैं.
कोविड-19 महामारी के दौरान पिछले कुछ महीनों में किट वितरित किए गए थे. किट बांटने के अलावा कई अधिकारियों को बीपीआरडी तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंसेज द्वारा फोरेंसिक साक्ष्य के संग्रह, हैंडलिंग और परिवहन का प्रशिक्षण भी दिया गया.
बीपीआरडी के महानिदेशक वीएसके कौमुदी ने कहा कि हम महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए मजबूत साक्ष्य संग्रह विधि का निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं. महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध एक बड़ी चिंता का विषय है, इसलिए हम साइबर अपराध से निपटने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं.
बीपीआरडी द्वारा की गई पहल महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के लिए उठाया गया कदम है.
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि 2019 में गृह मंत्रालय ने बलात्कार जांच किट वितरित करने की पहल की थी जो यौन उत्पीड़न और बलात्कार मामले में साक्ष्य प्रस्तुत करने में, आपातकालीन मेडिकल और कानूनी जांच में सहायता करने के लिए डिजाइन की गई है.
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दो महीने के भीतर जांच पूरी करने वाले अग्रणी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश हैं. गृह मंत्रालय इस वर्ष के शुरू में यौन अपराध के मामले में जांच ट्रैकिंग प्रणाली भी शुरू कर चुका है.
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यौन अपराध के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में समयबद्ध जांच की निगरानी और ट्रैक करने के लिए एक ऑनलाइन तंत्र है.
वास्तव में बीपीआरडी यौन उत्पीड़न सबूत संग्रह किट के उपयोग से परिचित कराने के लिए देशभर के 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी 15,640 पुलिस स्टेशनों के संपर्क में हैं.