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रिया चक्रवर्ती को जमानत, अदालत ने कहा- वह ड्रग डीलर नहीं

अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को बंबई उच्च न्यायालय ने कड़ी शर्तों के साथ जमानत दी है. अदालत ने उन्हें सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने या एनसीबी की जांच में दखल नहीं देने का निर्देश दिया. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि वह शुरुआती 10 दिन के दौरान रोजाना निकटतम थाने में पूर्वाह्न 11 बजे हाजिरी देंगी.

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रिया को 28 दिन बाद मिली जमानत
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Published : Oct 8, 2020, 5:31 PM IST

मुंबई : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले में मादक-पदार्थों से संबंधित आरोप में गिरफ्तार अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कड़ी शर्तों के साथ जमानत दी. वह अब जेल से रिहा हो गयी हैं. जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि जैसा एनसीबी ने आरोप लगाया था, रिया किसी ड्रग माफिया का हिस्सा नहीं हैं. बंबई उच्च न्यायालय ने एनसीबी की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि प्रसिद्ध लोगों या लोकप्रिय हस्तियों के साथ कठोर बर्ताव होना चाहिए, ताकि उदाहरण पेश किया जा सके. अदालत ने कहा कि कानून के सामने सभी बराबर हैं.

ड्रग डीलर्स का हिस्सा नहीं रिया चक्रवर्ती

अदालत ने कहा कि वह ड्रग डीलर्स का हिस्सा नहीं हैं. उसने कथित रूप से अपने खरीदे हुए मादक पदार्थ को धन या किसी अन्य लाभ के लिए किसी और को नहीं दिया. अदालत ने यह भी कहा कि रिया या राजपूत के आवासों से कोई भी मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ है. पीठ ने कहा कि यह उनका (एनसीबी) का अपना विचार है. चूंकि मादक पदार्थ का सेवन किया गया था, इसलिए कोई बरामदगी नहीं हुई है. ऐसे में, इस मामले में यह साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है कि रिया ने मादक पदार्थों की व्यावसायिक मात्रा को लेकर कोई अपराध किया है.

पढ़ें: यौन शोषण मामला : अनुराग के खिलाफ पायल घोष पहुंचीं गृह मंत्रालय

रिया को मिली सशर्त जमानत

जमानत की शर्तों के तहत रिया चक्रवर्ती को 10 दिन तक मुंबई पुलिस के समक्ष और अगले छह महीने के दौरान हर माह में एक दिन स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के समक्ष हाजिरी देनी होगी. उच्च न्यायालय ने एक लाख रुपये का निजी मुचलका जमा कराने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने की भी हिदायत दी. बता दें, बायकुला महिला जेल में रिया ने करीब 28 दिन बिताए. बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे वह पुलिस बल की मौजूदगी में जेल से बाहर निकलीं. न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की पीठ ने राजपूत के सहयोगी दीपेश सावंत और सैमुअल मिरांडा को भी जमानत दी है, लेकिन रिया के भाई और मामले में आरोपी शौविक चक्रवर्ती की जमानत याचिका खारिज कर दी.

अदालत ने खारिज की तस्कर अब्देल बासित परिहार की याचिका

अदालत ने कथित मादक पदार्थ तस्कर अब्देल बासित परिहार की याचिका भी खारिज कर दी है. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित मादक पदार्थ मामले की जांच के सिलसिले में एनसीबी ने रिया और उनके भाई को पिछले महीने गिरफ्तार किया था. अदालत ने कहा कि रिया चक्रवर्ती को अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के लिए वित्तपोषित या शरण देने वाला नहीं कहा जा सकता है, जैसा केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया है. अदालत ने यह भी कहा कि उनका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और इस बात की संभावना नहीं है कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान वह जांच को प्रभावित कर सकती हैं या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं. बहरहाल, उच्च न्यायालय ने कहा कि वह उनकी जमानत पर 'पर्याप्त सख्त शर्तें' लगा रहे हैं.

पढ़ें: ड्रग मामले में सारा का नाम आने पर खुद को दोषी मान रहे हैं सैफ?

अदालत ने दिए सख्त निर्देश

अदालत ने उन्हें सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने या एनसीबी की जांच में दखल नहीं देने का निर्देश दिया. साथ में यह निर्देश दिया कि वह न्यायिक हिरासत से रिहा होने के बाद शुरुआती 10 दिन के दौरान रोजाना निकटतम थाने में पूर्वाह्न 11 बजे हाजिरी देंगी. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि वह अगले छह महीने के दौरान हर माह के पहले दिन एनसीबी के समक्ष पेश हों.

मुंबई से बाहर नहीं जा सकती हैं रिया

रिया एनसीबी की अनुमति के बिना मुंबई से बाहर नहीं जा सकती हैं और अगर उन्हें शहर से बाहर जाने की इजाजत मिलती है तो उन्हें अपनी यात्रा का ब्योरा एजेंसी को देना होगा. उच्च न्यायालय ने कहा कि विशेष एनडीपीएस न्यायाधीश की अनुमति से ही वह देश से बाहर जाएंगी. एनसीबी ने रिया को मादक पदार्थ निरोधक एनडीपीएस कानून की सख्त धारा 27-ए के तहत आरोपी बनाया था. यह धारा मादक पदार्थ की तस्करी के लिए वित्त पोषण करना और शरण देने से संबंधित है.

मुंबई : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले में मादक-पदार्थों से संबंधित आरोप में गिरफ्तार अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कड़ी शर्तों के साथ जमानत दी. वह अब जेल से रिहा हो गयी हैं. जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि जैसा एनसीबी ने आरोप लगाया था, रिया किसी ड्रग माफिया का हिस्सा नहीं हैं. बंबई उच्च न्यायालय ने एनसीबी की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि प्रसिद्ध लोगों या लोकप्रिय हस्तियों के साथ कठोर बर्ताव होना चाहिए, ताकि उदाहरण पेश किया जा सके. अदालत ने कहा कि कानून के सामने सभी बराबर हैं.

ड्रग डीलर्स का हिस्सा नहीं रिया चक्रवर्ती

अदालत ने कहा कि वह ड्रग डीलर्स का हिस्सा नहीं हैं. उसने कथित रूप से अपने खरीदे हुए मादक पदार्थ को धन या किसी अन्य लाभ के लिए किसी और को नहीं दिया. अदालत ने यह भी कहा कि रिया या राजपूत के आवासों से कोई भी मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ है. पीठ ने कहा कि यह उनका (एनसीबी) का अपना विचार है. चूंकि मादक पदार्थ का सेवन किया गया था, इसलिए कोई बरामदगी नहीं हुई है. ऐसे में, इस मामले में यह साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है कि रिया ने मादक पदार्थों की व्यावसायिक मात्रा को लेकर कोई अपराध किया है.

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रिया को मिली सशर्त जमानत

जमानत की शर्तों के तहत रिया चक्रवर्ती को 10 दिन तक मुंबई पुलिस के समक्ष और अगले छह महीने के दौरान हर माह में एक दिन स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के समक्ष हाजिरी देनी होगी. उच्च न्यायालय ने एक लाख रुपये का निजी मुचलका जमा कराने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने की भी हिदायत दी. बता दें, बायकुला महिला जेल में रिया ने करीब 28 दिन बिताए. बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे वह पुलिस बल की मौजूदगी में जेल से बाहर निकलीं. न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की पीठ ने राजपूत के सहयोगी दीपेश सावंत और सैमुअल मिरांडा को भी जमानत दी है, लेकिन रिया के भाई और मामले में आरोपी शौविक चक्रवर्ती की जमानत याचिका खारिज कर दी.

अदालत ने खारिज की तस्कर अब्देल बासित परिहार की याचिका

अदालत ने कथित मादक पदार्थ तस्कर अब्देल बासित परिहार की याचिका भी खारिज कर दी है. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित मादक पदार्थ मामले की जांच के सिलसिले में एनसीबी ने रिया और उनके भाई को पिछले महीने गिरफ्तार किया था. अदालत ने कहा कि रिया चक्रवर्ती को अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के लिए वित्तपोषित या शरण देने वाला नहीं कहा जा सकता है, जैसा केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया है. अदालत ने यह भी कहा कि उनका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और इस बात की संभावना नहीं है कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान वह जांच को प्रभावित कर सकती हैं या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं. बहरहाल, उच्च न्यायालय ने कहा कि वह उनकी जमानत पर 'पर्याप्त सख्त शर्तें' लगा रहे हैं.

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अदालत ने दिए सख्त निर्देश

अदालत ने उन्हें सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने या एनसीबी की जांच में दखल नहीं देने का निर्देश दिया. साथ में यह निर्देश दिया कि वह न्यायिक हिरासत से रिहा होने के बाद शुरुआती 10 दिन के दौरान रोजाना निकटतम थाने में पूर्वाह्न 11 बजे हाजिरी देंगी. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि वह अगले छह महीने के दौरान हर माह के पहले दिन एनसीबी के समक्ष पेश हों.

मुंबई से बाहर नहीं जा सकती हैं रिया

रिया एनसीबी की अनुमति के बिना मुंबई से बाहर नहीं जा सकती हैं और अगर उन्हें शहर से बाहर जाने की इजाजत मिलती है तो उन्हें अपनी यात्रा का ब्योरा एजेंसी को देना होगा. उच्च न्यायालय ने कहा कि विशेष एनडीपीएस न्यायाधीश की अनुमति से ही वह देश से बाहर जाएंगी. एनसीबी ने रिया को मादक पदार्थ निरोधक एनडीपीएस कानून की सख्त धारा 27-ए के तहत आरोपी बनाया था. यह धारा मादक पदार्थ की तस्करी के लिए वित्त पोषण करना और शरण देने से संबंधित है.

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