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NDFB-P की मांग - अलग बोडोलैंड राज्य गठन का अपना वादा पूरा करे केंद्र

एक बोडो विद्रोही समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी-प्रोग्रेसिव) ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में असम से पांच सीटें उसके समर्थन से हासिल की थीं और उनसे अलग बोडोलैंड राज्य बनाने का वादा किया था. अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार अपना वादा पूरा करे.

ईटीवी भारत से बात करते गोबिंदा बसुमाराती
ईटीवी भारत से बात करते गोबिंदा बसुमाराती
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Published : Dec 9, 2019, 9:08 PM IST

नई दिल्ली : एक बोडो विद्रोही समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी-प्रोग्रेसिव) ने सोमवार को दावा किया है कि 2014 के आम चुनाव के दौरान भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं ने हमें आश्वासन दिया था कि एक बार केंद्र में पार्टी की सरकार बनने के बाद वे अलग बोडोलैंड राज्य बनाएंगे.

NDFB-P के अध्यक्ष गोबिंदा बसुमाराती ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में असम से पांच सीटें हमारे समर्थन से हासिल की थीं, इसलिए हम उनसे अपना वादा निभाने की अपील करते हैं. पिछले कुछ महीनों से पार्टी ने एक बार फिर हमारी चिंता को देखते हुए हमें आश्वासन दिया है.'

ईटीवी भारत से बात करते गोबिंदा बसुमाराती

गौरतलब है कि NDFB-P पिछले 14 वर्ष से सरकार के साथ अलग बोडोलैंड बनाने के लिए बातचीत कर रहा है.

बासुमतरी कहा कि ने पिछले आम चुनाव में उन्होंने मणिपुर में स्थित कूकी विद्रोही समूह, कूकी नेशनल आर्मी (KNA) ने कथित तौर पर मतदाताओं से भाजपा उम्मीदवार को वोट देने के लिए कहा था.

हालांकि, 2014 के आम चुनाव में बीजेपी ने असम में 7 सीटें हासिल कीं, जो पूर्वोत्तर में पार्टी के उभार को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि दशकों पुराने बोडो मुद्दे का एक सौहार्दपूर्ण समाधान प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के साथ 29 से अधिक दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है.

दिलचस्प तथ्य यह है कि असम में गैर-बोडो का एक बड़ा वर्ग अलग बोडोलैंड राज्य के निर्माण का विरोध कर रहा है.

बता दें कि 2003 में केंद्र और राज्य की तत्कालीन सरकारों ने बोडो विद्रोह को समाप्त करने के लिए बीडीओ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. संविधान की छठी अनुसूची के तहत असम में रहने वाले बोडो के समग्र विकास के लिए क्षेत्रीय परिषद का गठन किया गया था.

पढ़ें- 1970 के बाद भारत में आए घुसपैठियों को यहां रहने का अधिकार नहीं : BJP

इस मामले पर असम में कोकराझार का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वतंत्र सांसद हीरा सरनिया ने कहा, 'हम एक अलग बोडोलैंड राज्य बनाने का कड़ा विरोध करते हैं. हम मौजूदा बीटीसी का भी विरोध करते हैं क्योंकि परिषद केवल बीटीसी क्षेत्र में रहने वाले गैर-बोडो की उपेक्षा करके बोडो के लिए काम कर रही है.'

ईटीवी भारत से बात करते हीरा सरनिया

गौरतलब, है कि गैर बोडो में बीटीसी क्षेत्र में 60 प्रतिशत आबादी है. सरनिया ने, जिन्हें लोकसभा में लगातार दूसरी बार चुना गया है, बीटीसी में एक नई गैर-बोडो राजनीतिक पार्टी बनाई है, जिसे गण सुरक्षा पार्टी कहा जाता है.

नई दिल्ली : एक बोडो विद्रोही समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी-प्रोग्रेसिव) ने सोमवार को दावा किया है कि 2014 के आम चुनाव के दौरान भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं ने हमें आश्वासन दिया था कि एक बार केंद्र में पार्टी की सरकार बनने के बाद वे अलग बोडोलैंड राज्य बनाएंगे.

NDFB-P के अध्यक्ष गोबिंदा बसुमाराती ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में असम से पांच सीटें हमारे समर्थन से हासिल की थीं, इसलिए हम उनसे अपना वादा निभाने की अपील करते हैं. पिछले कुछ महीनों से पार्टी ने एक बार फिर हमारी चिंता को देखते हुए हमें आश्वासन दिया है.'

ईटीवी भारत से बात करते गोबिंदा बसुमाराती

गौरतलब है कि NDFB-P पिछले 14 वर्ष से सरकार के साथ अलग बोडोलैंड बनाने के लिए बातचीत कर रहा है.

बासुमतरी कहा कि ने पिछले आम चुनाव में उन्होंने मणिपुर में स्थित कूकी विद्रोही समूह, कूकी नेशनल आर्मी (KNA) ने कथित तौर पर मतदाताओं से भाजपा उम्मीदवार को वोट देने के लिए कहा था.

हालांकि, 2014 के आम चुनाव में बीजेपी ने असम में 7 सीटें हासिल कीं, जो पूर्वोत्तर में पार्टी के उभार को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि दशकों पुराने बोडो मुद्दे का एक सौहार्दपूर्ण समाधान प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के साथ 29 से अधिक दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है.

दिलचस्प तथ्य यह है कि असम में गैर-बोडो का एक बड़ा वर्ग अलग बोडोलैंड राज्य के निर्माण का विरोध कर रहा है.

बता दें कि 2003 में केंद्र और राज्य की तत्कालीन सरकारों ने बोडो विद्रोह को समाप्त करने के लिए बीडीओ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. संविधान की छठी अनुसूची के तहत असम में रहने वाले बोडो के समग्र विकास के लिए क्षेत्रीय परिषद का गठन किया गया था.

पढ़ें- 1970 के बाद भारत में आए घुसपैठियों को यहां रहने का अधिकार नहीं : BJP

इस मामले पर असम में कोकराझार का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वतंत्र सांसद हीरा सरनिया ने कहा, 'हम एक अलग बोडोलैंड राज्य बनाने का कड़ा विरोध करते हैं. हम मौजूदा बीटीसी का भी विरोध करते हैं क्योंकि परिषद केवल बीटीसी क्षेत्र में रहने वाले गैर-बोडो की उपेक्षा करके बोडो के लिए काम कर रही है.'

ईटीवी भारत से बात करते हीरा सरनिया

गौरतलब, है कि गैर बोडो में बीटीसी क्षेत्र में 60 प्रतिशत आबादी है. सरनिया ने, जिन्हें लोकसभा में लगातार दूसरी बार चुना गया है, बीटीसी में एक नई गैर-बोडो राजनीतिक पार्टी बनाई है, जिसे गण सुरक्षा पार्टी कहा जाता है.

Intro:New Delhi: A Bodo rebel group, National Democratic Front of Bodoland (NDFB-Progressive), on Monday claimed that Bharatiya Janata Party has bagged five seats from Assam in 2014 Lok Sabha election with its support.


Body:"During the 2014 general election, some top central BJP leaders have assured us that once the party form the government at the Centre, they will form separate Bodoland state.So we appeal them to keep their promise...in the last few months the party once again assured us of looking into our concern," said NDFB-P president Gobinda Basumatary while talking to ETV Bharat.

The NDFB-P is in talks with the government for the last 14 years.

The statement given by Basumatary assumes significance as in the last general election Kuki National Army (KNA), a Kuki rebel group based in Manipur reportedly asked the votLLers to vote for BJP candidate.

However, in the 2014 general election BJP has bagged 7 seats in Assam, a time which shows emergence of BJP in Northeast.

"...It's almost 14 years we are in ceasefire. More than 29 round of talks already took place with Government of India to get an amicable solution of decades old Bodo issue," said Basumatary adding "only a separate state of Bodoland can reslove Bodo issues. And under the Bodoland state all Bodo contiguous area should come together."


Conclusion:Interestingly, a large section of non-Bodos in Assam have been opposing the creation of a separate Bodoland state. The non-Bodos have even been opposing the existing Bodoland Territorial Council (BTC).

It was in 2003, the then government at the centre and state have signed BTC accord with the erstwhile Bodo Liberation Tigers (BLT) to bring an end to the Bodo insurgency. The territorial council was formed for an overall development of the Bodos living in Assam under the Sixth Schedule of the Constitution.

"We strongly oppose the creation a separate Bodoland state. We also oppose the existing BTC as the council is working only for Bodos by neglecting the non-Bodos living in BTC area," said independent MP representing Kokrajhar in Assam, Hira Sarania.

Interestingly, the non Bodos consists of 60 percent population in the BTC area. Sarania, who has been chosen for the second consecutive terms in the Lok Sabha has also formed a new non-Bodo political party in BTC called Gana Suraksha Party.

end.

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