नई दिल्ली : एक बोडो विद्रोही समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी-प्रोग्रेसिव) ने सोमवार को दावा किया है कि 2014 के आम चुनाव के दौरान भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं ने हमें आश्वासन दिया था कि एक बार केंद्र में पार्टी की सरकार बनने के बाद वे अलग बोडोलैंड राज्य बनाएंगे.
NDFB-P के अध्यक्ष गोबिंदा बसुमाराती ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में असम से पांच सीटें हमारे समर्थन से हासिल की थीं, इसलिए हम उनसे अपना वादा निभाने की अपील करते हैं. पिछले कुछ महीनों से पार्टी ने एक बार फिर हमारी चिंता को देखते हुए हमें आश्वासन दिया है.'
गौरतलब है कि NDFB-P पिछले 14 वर्ष से सरकार के साथ अलग बोडोलैंड बनाने के लिए बातचीत कर रहा है.
बासुमतरी कहा कि ने पिछले आम चुनाव में उन्होंने मणिपुर में स्थित कूकी विद्रोही समूह, कूकी नेशनल आर्मी (KNA) ने कथित तौर पर मतदाताओं से भाजपा उम्मीदवार को वोट देने के लिए कहा था.
हालांकि, 2014 के आम चुनाव में बीजेपी ने असम में 7 सीटें हासिल कीं, जो पूर्वोत्तर में पार्टी के उभार को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि दशकों पुराने बोडो मुद्दे का एक सौहार्दपूर्ण समाधान प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के साथ 29 से अधिक दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है.
दिलचस्प तथ्य यह है कि असम में गैर-बोडो का एक बड़ा वर्ग अलग बोडोलैंड राज्य के निर्माण का विरोध कर रहा है.
बता दें कि 2003 में केंद्र और राज्य की तत्कालीन सरकारों ने बोडो विद्रोह को समाप्त करने के लिए बीडीओ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. संविधान की छठी अनुसूची के तहत असम में रहने वाले बोडो के समग्र विकास के लिए क्षेत्रीय परिषद का गठन किया गया था.
पढ़ें- 1970 के बाद भारत में आए घुसपैठियों को यहां रहने का अधिकार नहीं : BJP
इस मामले पर असम में कोकराझार का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वतंत्र सांसद हीरा सरनिया ने कहा, 'हम एक अलग बोडोलैंड राज्य बनाने का कड़ा विरोध करते हैं. हम मौजूदा बीटीसी का भी विरोध करते हैं क्योंकि परिषद केवल बीटीसी क्षेत्र में रहने वाले गैर-बोडो की उपेक्षा करके बोडो के लिए काम कर रही है.'
गौरतलब, है कि गैर बोडो में बीटीसी क्षेत्र में 60 प्रतिशत आबादी है. सरनिया ने, जिन्हें लोकसभा में लगातार दूसरी बार चुना गया है, बीटीसी में एक नई गैर-बोडो राजनीतिक पार्टी बनाई है, जिसे गण सुरक्षा पार्टी कहा जाता है.