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अम्शीपोरा एनकाउंटर : शवों को उनके परिवार वालों को सौंपा जाएगा

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ के मामले में आईजी कश्मीर ने कहा कि तीनों नागरिकों के शवों को उनके परिवार वालों को सौंप दिया जाएगा, क्योंकि उनके डीएनए के नमूने परिवार के सदस्यों के साथ मेल खाते हैं.

विजय कुमार
विजय कुमार
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Published : Sep 30, 2020, 4:19 PM IST

श्रीनगर : अम्शीपोरा एनकाउंटर मामले में आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि एनकांउटर में मारे गए तीनों नागरिकों के शवों को उनके परिवार वालों को सौंप दिया जाएगा, क्योंकि उनके डीएनए के नमूने परिवार के सदस्यों के साथ मेल खाते हैं.

उन्होंने कहा कि शवों को फिर से निकाला जाएगा और कानून की उचित प्रक्रिया के बाद परिवारों को सौंप दिया जाएगा.

इस वर्ष जुलाई में यह मुठभेड़ हुई थी, जिसमें तीन लोग मारे गए थे. राजौरी जिले के इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार को सुरक्षाबलों ने 18 जुलाई, 2020 को अम्शीपोरा गांव में एक ऑपरेशन के दौरान मार दिया था.

सुरक्षाबलों ने हालांकि दावा किया कि तीनों आतंकवादी थे, जिनसे मुठभेड़ के बाद हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया था. उनके रिश्तेदारों ने कहा था कि वह शोपियां जिले में मजदूरों के तौर पर काम करने आए थे और आंतकवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं था.

यह भी पढ़ें- शोपियां मुठभेड़ : सेना ने माना, जवानों ने किया निर्धारित नियमों का उल्लंघन

इस मामले पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि इसकी जांच पूरी निष्पक्षता के साथ की जाएगी, जो तार्किक निष्कर्ष पर ले जाएगा. भारतीय सेना ऑपरेशन के पेशेवर आचरण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा था कि अशांत क्षेत्रों में कार्य करते समय स्थापित दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए भारतीय सेना में जीरो-टॉलरेंस है.

पुलिस ने रिश्तेदारों की ओर से संदेह जताए जाने के बाद शिकायत दर्ज की थी और मारे गए व्यक्तियों के डीएनए मिलान के लिए नमूने एकत्र किए थे.

श्रीनगर : अम्शीपोरा एनकाउंटर मामले में आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि एनकांउटर में मारे गए तीनों नागरिकों के शवों को उनके परिवार वालों को सौंप दिया जाएगा, क्योंकि उनके डीएनए के नमूने परिवार के सदस्यों के साथ मेल खाते हैं.

उन्होंने कहा कि शवों को फिर से निकाला जाएगा और कानून की उचित प्रक्रिया के बाद परिवारों को सौंप दिया जाएगा.

इस वर्ष जुलाई में यह मुठभेड़ हुई थी, जिसमें तीन लोग मारे गए थे. राजौरी जिले के इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार को सुरक्षाबलों ने 18 जुलाई, 2020 को अम्शीपोरा गांव में एक ऑपरेशन के दौरान मार दिया था.

सुरक्षाबलों ने हालांकि दावा किया कि तीनों आतंकवादी थे, जिनसे मुठभेड़ के बाद हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया था. उनके रिश्तेदारों ने कहा था कि वह शोपियां जिले में मजदूरों के तौर पर काम करने आए थे और आंतकवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं था.

यह भी पढ़ें- शोपियां मुठभेड़ : सेना ने माना, जवानों ने किया निर्धारित नियमों का उल्लंघन

इस मामले पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि इसकी जांच पूरी निष्पक्षता के साथ की जाएगी, जो तार्किक निष्कर्ष पर ले जाएगा. भारतीय सेना ऑपरेशन के पेशेवर आचरण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा था कि अशांत क्षेत्रों में कार्य करते समय स्थापित दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए भारतीय सेना में जीरो-टॉलरेंस है.

पुलिस ने रिश्तेदारों की ओर से संदेह जताए जाने के बाद शिकायत दर्ज की थी और मारे गए व्यक्तियों के डीएनए मिलान के लिए नमूने एकत्र किए थे.

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