नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव के लिए सबसे पहली सूची में 184 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया. इस सूची में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी का नाम 29वें क्रमांक पर रहा. स्मृति के नाम के साथ पारसी भी लिखा गया. हालांकि, बाद में बीजेपी की वेबसाइट पर प्रकाशित सूची में से पारसी शब्द हटा लिया गया.
दरअसल, सूची में शामिल 183 अन्य उम्मीदवारों के नाम के साथ उनके धर्म का जिक्र नहीं किया गया. ऐसे में अमेठी संसदीय सीट से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति इरानी के नाम के साथ जोड़ा गया पारसी शब्द सूची में सबसे अलग दिखा.
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गौरतलब है कि स्मृति इरानी ने एक पारसी शख्स जुबिन इरानी से शादी की है. हालांकि, स्मृति ने कई मौकों पर खुद को हिंदू बताया है.
ऐसे ही एक मौके पर उन्होंने नवंबर, 2018 के एक ट्विटर यूजर को जवाब देते हुए लिखा 'मेरे पिता, उनके पिता, उनके पिता, उनके पिता... की तरह मेरा गोत्र कौशल है सर. मेरे पति और बच्चे पारसी हैं, इसलिए उनका गोत्र नहीं हो सकता.'
स्मृति ने आगे लिखा 'एक अभ्यस्त हिंदू होने और अपनी मान्यता के तहत मैं सिंदूर लगाती हूं.' उन्होंने अंत में रितुराज कोनवार से अपने दैनिक जीवन में लौटने की बात कहते हुए धन्यवाद भी लिखा.
बता दें कि बीजेपी समेत खुद स्मृति इरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गोत्र और धर्म पर टिप्पणी कर चुकी हैं. उन्होंने एक प्रेस वार्ता में कहा था 'देखिए कैसे दिन आए हैं कि वो राहुल गांधी जो हिंदुओं को आतंकवादी कहते थे, आज हिंदुत्व की परिभाषा करने निकले हैं, हिंदू कौन है उसका सर्टिफिकेट देने निकले हैं.'
स्मृति ने कहा था 'वो राहुल गांधी जो मध्यप्रदेश में ये नहीं जानते थे उनका गोत्र क्या है, आज नरेंद्र मोदी को समझाएंगे कि हिंदू धर्म क्या है.'
स्मृति की ये टिप्पणी राहुल के उस बयान के बाद आई थी जिसमें राहुल ने कहा था कि पीएम मोदी हिंदू हैं लेकिन वे हिंदुत्व की नींव को नहीं समझते.
बता दें कि बीजेपी की प्रेसवार्ता के दौरान मीडियाकर्मियों को मुहैया कराई गई सूची में स्मृति के नाम के बाद 'पारसी' शब्द लिखा गया है. सात पन्नों की इस सूची के अंत में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के भी हस्ताक्षर हैं.
बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची में स्मृति इरानी के नाम के बाद पारसी शब्द जोड़ा जाना और बाद में आधिकारिक वेबसाइट पर से हटाया जाना चौंकाने वाला है.
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गत 10 मार्च को केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने भी कर्नाटक में क्या राहुल गांधी के पास हिंदू होने का प्रमाण है?' जैसी टिप्पणी की थी.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी दिसंबर, 2018 में कहा था '...आपको मालूम है कि धर्मांतरण तो हो सकता है, जाति का अंतरण कभी नहीं होता.' उन्होंने राहुल गांधी के जनेऊधारी होने पर भी टिप्पणी की.
बीजेपी के यूट्यूब अकाउंट पर पोस्ट किए गए वीडियो में सुषमा कहते हुए सुनी जा सकती हैं '...भगवान न करे वो दिन कभी आए, कि राहुल गांधी से हमें हिंदू होने का मतलब जानना पड़े'
बता दें कि लोकसभा चुनाव-2019 के लिए आगामी 11 अप्रैल से 19 मई तक मतदान होंगे. इससे पहले चुनाव प्रचार समेत जनसभाओं जैसे कई अन्य आयोजनों में कई पार्टियों के नेता धर्म-जाति आधारित टिप्पणी करते सुने जा सकते हैं.