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हरियाणा विस चुनाव : भाजपा के वोट प्रतिशत में आई 22 फीसदी की कमी

हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के मत प्रतिशत में 22 फीसदी की कमी देखने को मिली है. गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में सीएम मनोहर लाल खट्टर और अनिल विज के अलावा अन्य सभी कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष तक को पराजय सहनी पड़ी है.

हरियाणा में भाजपा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर
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Published : Oct 24, 2019, 10:24 PM IST

नई दिल्ली : हरियाणा विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आए परिणाम में सत्ताधारी दल भाजपा का मत प्रतिशत 22 प्रतिशत गिर गया है. गौरतलब है कि अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव में सभी दस सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी और उसे 58 प्रतिशत मत मिले थे.

मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार के कई मंत्री चुनाव हार गये हैं. 'अबकी बार 75 पार’ का नारा देने वाली भाजपा 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के 46 के आंकड़े से दूर है. निर्वाचन आयोग के मुताबिक भगवा पार्टी ने 40 सीटों पर जीत हासिल की है.

भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटें जीती थीं. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा सूचना के अनुसार भाजपा को 36.3 प्रतिशत मत मिले हैं. इसके विपरीत इस विधानसभा चुनाव में पिछले चुनाव से अच्छा प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के आसपास ही मत प्रतिशत मिला है.

कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 28.42 प्रतिशत मत मिला था, जबकि इस विधानसभा चुनाव में उसे कुल मतदान का 28.2 प्रतिशत मिला है.

पढ़ें - हरियाणा चुनाव परिणाम : कांग्रेस बोली - यह बीजेपी की नैतिक हार

लोकसभा चुनाव के नतीजे के अनुसार भाजपा 79 विधानसभा क्षेत्रों में आगे चल रही थी वहीं अब 40 सीटों पर सिमट गयी है.

वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव के परिणामों में कांग्रेस जहाँ केवल 10 सीटों पर आगे थी, अबकी उसे 31 सीटों पर विजय मिली है. जननायक जनता पार्टी (जजपा) लोकसभा चुनाव के नतीजे के अनुसार केवल एक सीट पर आगे दिख रही थी, लेकिन विस चुनाव में उसे बम्पर सफलता मिली और उसने 10 सीटें हासिल कर लीं.

नई दिल्ली : हरियाणा विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आए परिणाम में सत्ताधारी दल भाजपा का मत प्रतिशत 22 प्रतिशत गिर गया है. गौरतलब है कि अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव में सभी दस सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी और उसे 58 प्रतिशत मत मिले थे.

मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार के कई मंत्री चुनाव हार गये हैं. 'अबकी बार 75 पार’ का नारा देने वाली भाजपा 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के 46 के आंकड़े से दूर है. निर्वाचन आयोग के मुताबिक भगवा पार्टी ने 40 सीटों पर जीत हासिल की है.

भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटें जीती थीं. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा सूचना के अनुसार भाजपा को 36.3 प्रतिशत मत मिले हैं. इसके विपरीत इस विधानसभा चुनाव में पिछले चुनाव से अच्छा प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के आसपास ही मत प्रतिशत मिला है.

कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 28.42 प्रतिशत मत मिला था, जबकि इस विधानसभा चुनाव में उसे कुल मतदान का 28.2 प्रतिशत मिला है.

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लोकसभा चुनाव के नतीजे के अनुसार भाजपा 79 विधानसभा क्षेत्रों में आगे चल रही थी वहीं अब 40 सीटों पर सिमट गयी है.

वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव के परिणामों में कांग्रेस जहाँ केवल 10 सीटों पर आगे थी, अबकी उसे 31 सीटों पर विजय मिली है. जननायक जनता पार्टी (जजपा) लोकसभा चुनाव के नतीजे के अनुसार केवल एक सीट पर आगे दिख रही थी, लेकिन विस चुनाव में उसे बम्पर सफलता मिली और उसने 10 सीटें हासिल कर लीं.

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POLLS-BJP-PERFORMANCE
Assembly poll results: Victory for BJP with reduced margins
         New Delhi, Oct 24 (PTI) The BJP's underwhelming show in the two state assembly elections, especially in Haryana, has left the party with issues to ponder on even though it looked set to form governments there as well as in Maharashtra.
          A BJP leader said the poll outcome in Haryana showed that the "micro issues" played a role in the party's below-par performance in the state, where it built its campaign around "macro issues" like abrogation of Article 370. Local factors also played a key role in Maharashtra, where the saffron party did not get an overwhelming mandate as it was hoping for.
         It was also felt that the wide margin between the party's vote share in the recent Lok Sabha polls and these assembly elections show that voters are driven by different factors in different elections, and the BJP's effort to frame every contest around issues like nationalism to subsume local bread and butter issues may not hit the bull's-eye every time.
         Another party leader, who did not wish to be named, said agrarian issues and large scale defection of opposition leaders to the BJP may have worked adversely against the party's interest in Maharashtra.
         Asked if NCP veteran Sharad Pawar managed the issue of Enforcement Directorate registering a case against him during elections to his advantage by projecting himself as a victim of political vendetta, he said it was certainly "bad optics" for the BJP.
         In Haryana, he said a consolidation of votes of Jats, the largest community in the state, against the BJP was crucial in harming the party's prospects.
         The Congress, which failed to bag even one seat in the Lok Sabha polls in Haryana, won or was ahead in 31 of the 90 seats at stake compared to its previous tally of 15. The BJP, which had 47 seats in the outgoing 90-member house, won or was ahead in 40 seats. The half-way mark is 46.
         From the 58 per cent vote share the BJP had in the Lok Sabha polls, it fell to 36.5 per cent in the assembly polls.
         As per the results and trends available in Maharashtra, the BJP's tally in the 288-member Assembly was 103 while it was 57 for the Sena. In the 2014 polls, the BJP and the Sena won 122 and 63 seats respectively. They had then contested separately.
         The saffron alliance vote share stood at 42 per cent against 51 per cent in the parliamentary polls.
         Though in both states the BJP and its allies are much ahead of their rivals but a creditable performance by the Congress in Haryana when the opposition was considered out of reckoning by most pollsters highlighted the gap between the issues on the ground and the popular narrative, a saffron ally said.
         Allies of the BJP may feel boosted by the results as it will now have to depend more on a party like Shiv Sena, which was feeling increasing marginalised since 2014 as the BJP replaced it as the senior partner. PTI KR
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